ऑस्ट्रेलिया ने सख्त किए वीज़ा नियम, अब अंतरराष्ट्रीय छात्रों और श्रमिकों को आसानी से नहीं मिलेगी एंट्री

ऑस्ट्रेलिया ने विदेशी छात्रों और वर्कर्स के लिए सख्त किए वीजा नियम (Clare O’Neil MP Twitter)
नई दिल्ली:
ऑस्ट्रेलिया ने अपने वीजा नियमों को सख्त (Australia Visa Rules Tight) कर दिया है. रॉयटर्स के मुताबिक सोमवार को ऑस्ट्रेलिया की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि अंतरराष्ट्रीय छात्रों और कम-कुशल श्रमिकों के लिए वीजा नियमों को कड़ा कर देगा, जिससे अगले दो सालों में प्रवासियों की संख्या आधी हो जाएगी. ऑस्ट्रेलिया सरकार “टूटी हुए” माइग्रेशन सिस्टम को दुरुस्त करना चाहती है. ऑस्ट्रेलिया सरकार का यह फैसला 2022-23 में नेट माइग्रेशन के रिकॉर्ड 510,000 तक पहुंचने की उम्मीद के बाद आया है. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 2024-25 और 2025-26 में इसका गिरकर करीब चौथाई मिलियन होने का अनुमान जताया गया है, जो प्री-कोविड स्तरों के अनुरूप है.
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ऑस्ट्रेलिया के फैसले का क्या है मकसद?
ऑस्ट्रेलिया के इस फैसले का मकसद ज्यादा कुशल श्रमिकों को अपने देश में एंट्री देना है. नई नीतियों के तहत अब अंतरराष्ट्रीय छात्रों को इंग्लिश एग्जाम में उच्च रेटिंग हासिल करनी होगी. ऑस्ट्रेलिया की गृहमंत्री क्लेयर ओ’नील ने सोमवार को सरकार की नई माइग्रेशन स्ट्रेटजी के औपचारिक रिलीज से पहले पहले एक बयान में कहा, “हमने ऑस्ट्रेलिया के माइग्रेशन सिस्टम में सर्वोत्तम संतुलन बनाने के लिए चौबीसों घंटे काम किया है.”ओ’नील ने कहा, “सरकार के लक्षित सुधार पहले से ही नेट इंटरनेशनल माइग्रेशन पर दबाव डाल रहे हैं, और इस अपेक्षित गिरावट में और योगदान देंगे.”
Our migration system makes it hard for a skilled permanent migrant to come to Australia.
But it’s far too easy to use side doors and back doors of the system to come as a temporary, lower-paid migrant who are vulnerable to exploitation.
Our Migration Strategy is fixing this. pic.twitter.com/cM57mk3WSP
— Clare O’Neil MP (@ClareONeilMP) December 12, 2023
विदेशी छात्रों की वजह से ऑस्ट्रेलिया में बढ़ा माइग्रेशन
ओ’नील ने कहा कि 2022-23 में नेट माइग्रेशन में बढ़ोतरी ज्यादातर विदेशी छात्रों की वजह से थी. पिछली साल ऑस्ट्रेलिया ने सालाना माइग्रेशन नंबरों में बढ़ोतरी की थी, ताकि प्रमुख व्यवसायों को करोना की वजह से लगे प्रतिबंधों की वजह से हुए कर्मचारियों की कमी को पूरा किया जा सके. साथ ही इसका मकसद विदेशी छात्रों और श्रमिकों को करीब 2 सालों तक देश से बाहर रखना भी था.
‘माइग्रेशन नंबर “टिकाऊ स्तर” पर वापस लाने की ज़रूरत’
प्रधान मंत्री एंथोनी अल्बानीज़ ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया की प्रवासन संख्या को “टिकाऊ स्तर” पर वापस लाने की ज़रूरत है, उन्होंने कहा कि “सिस्टम टूट गया है.” दुनिया के सबसे कठिन श्रम बाजारों में से एक की आपूर्ति के लिए आप्रवासन पर लंबे समय से निर्भर, ऑस्ट्रेलिया की श्रम सरकार ने उच्च कुशल श्रमिकों का एंट्री में तेजी लाने और स्थायी निवास के लिए उनके मार्ग को सुगम बनाने पर जोर दिया.
लंबे समय तक ऑस्ट्रेलिया में नहीं रह सकेंगे विदेशी छात्र
नई नीतियों के तहत, अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को अंग्रेजी परीक्षाओं में उच्च रेटिंग की जरूरत होगी. इसके तहत छात्रों को ऑस्ट्रेलिया में लंबे समय तक रहने की परमिशन भी नहीं होगी. ज्यादा कुशल श्रमिकों के लिए एक नया विशेषज्ञ वीज़ा बनाया जाएगा, जिसमें प्रसंस्करण समय को घटाकर एक हफ्ते कर दिया जाएगा, जिससे व्यवसायों को अन्य विकसित अर्थव्यवस्थाओं के साथ कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच शीर्ष प्रवासियों की भर्ती करने में मदद मिलेगी.
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