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सत्संग में 121 मौतों पर भोला बन रहा 'बाबा', बोला- शरारती लोगों का है हाथ


नई दिल्ली:

हाथरस सत्संग हादसे से पूरे देश में कोहराम मचा हुआ है. इस दर्दनाक हादसे ने लोगों को ऐसा गम दे दिया, जिसे शायद जिंदगी भर भुलाया जा सके. अभी तक लोग रोते-बिलखते लाशों के ढेर के बीच अपने परिवार के लापता लोगों को खोज रहे हैं. जिब बाबा के सत्संग में ये हादसा हुआ, अब उस बाबा ने पहली बार हादसे पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. भगदड़ पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में नारायण हरि भोले बाबा ने बुधवार को कहा कि यह त्रासदी असामाजिक तत्वों और गुंडों का काम है. बाबा ने अपने वकील के माध्यम से जारी एक बयान में यह भी कहा कि वह भगदड़ से पहले कार्यक्रम स्थल से चले गए थे.

भगदड़ पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में नारायण हरि भोले बाबा ने बुधवार को कहा कि यह त्रासदी असामाजिक तत्वों और गुंडों का काम है.

बाबा ने हादसे से झाड़ा पल्ला, लोगों ने लगाया आरोप

बाबा ने अपने अनुयायियों की मौत पर दुख और संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की. हालांकि, दूसरी तरफ स्थानीय लोगों ने दावा किया कि मंगलवार दोपहर जब लोग मर रहे थे, तब बाबा घटनास्थल से भाग गए. तभी से बाबा के बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं है, ऐसा माना जा रहा है कि अब वह अपने कुछ अनुयायियों के साथ मैनपुरी में अपने भव्य आश्रम में हैं. पुलिस बाबा से संपर्क करने की कोशिश कर रही है, लेकिन अधिकारियों के अनुसार, बाबा ने किसी से भी मिलने से इनकार कर दिया है.

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एक तरफ बाबा ने हादसे से अपना पल्ला झाड़ लिया है, वहीं तरफ स्थानीय लोगों ने दावा किया कि जब लोग मर रहे थे, तब बाबा घटनास्थल से भाग गए.

एफआईआर में बाबा का नाम तक नहीं

स्वयं को भगवान के बराबर बताने वाले विवादास्पद भोले बाबा के अनुयायियों की संख्या लाखों में है और हाथरस में हुई घटना को लेकर आसपास के क्षेत्रों में मातम का माहौल है. भोले बाबा का सबसे बड़ा आश्रम उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में बताया जाता है. स्वयंभू बाबा ने अपना नाम बाबा नारायण हरि और साकार विश्व हरि भोले बाबा रखा हुआ है. उसका नाम घटना के बारे में दर्ज प्राथमिकी में आरोपियों की सूची में नहीं है, हालांकि शिकायत में उसका नाम है. धार्मिक उपदेशक भोले बाबा ने दो दशक पहले पुलिस की नौकरी छोड़ दी थी. उसके कई आश्रम हैं, इनमें सबसे बड़ा आश्रम मैनपुरी में है.

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बाबा का सत्संग कैसे बना श्मशान

हाथरस स्थित सिकंदराराऊ के गांव फुलरई में सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 श्रद्धालुओं की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि बाबा के चरण रज लेने के दौरान अचानक से धक्का मुक्की होने लगी. इस धक्का-मुक्की में लोग एक-दूसरे पर गिरते चले गए. भीड़ इतनी ज्यादा था कि लोग एक-दूसरे को कुचलते चले गए. वहीं बाबा के सेवादारों ने भी लोगों की मदद नहीं की. जब स्थानीय लोग मदद करने पहुंचे तो सेवादारों ने उन्हें भी रोक दिया. नतीजतन ये धक्का-मुक्की एक भयावह हादसे में तब्दील हो गई. हादसे के तुरंत बाद मुख्य सचिव और डीजीपी हाथरस आ गए और पूरे घटनाक्रम के बारे में जानकारी ली. बुधवार को खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आकर पूरे घटनाक्रम को जाना. सीएम योगी ने मामले की न्यायिक जांच का भी ऐलान किया है.

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इस भयावह हादसे पर क्या बोले यूपी सीएम

मंगलवार को मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत होने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने हाथरस पहुंच घायलों का हाल जाना. इसके साथ ही उन्होंने घटनास्थल का भी दौरा किया. यूपी सीएम ने हादसे के बारे में लोगों से बातचीत की. सीएम ने बताया, “लोगों का कहना है कि कार्यक्रम के खत्म होने के बाद वह जैसे ही जाने लगे तो उन्हें छूने के लिए महिलाओं का एक दल बढ़ा तो उनके पीछे-पीछे अचानक से भारी भीड़ भी आ गई और लोग एक दूसरे के ऊपर चढ़ते रहे. इस दौरान सेवादल के लोग भी भीड़ को धक्का देते रहे और इस वजह से जीटी रोड के दोनों ओर यह हादसा हुआ.”



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