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बाबा सिद्दीकी हत्‍या : मुख्‍य शूटर सहित पांचों आरोपी 19 नवंबर तक पुलिस हिरासत में, शिवकुमार ने खोले कई बड़े राज


मुूंबई:

बाबा सिद्दीकी हत्याकांड (Baba Siddique Murder Case) का मुख्य शूटर शिवकुमार गौतम और उसे पनाह देने वाले लोगों को सोमवार को मुंबई लाया गया, जहां पांचों आरोपियों को किल्‍ला कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने पांचों को 19 नवंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है. मुंबई क्राइम ब्रांच और यूपी एसटीएफ ने एक ज्‍वाइंट ऑपरेशन में रविवार को इन आरोपियों को बहराइच से गिरफ्तार किया था.

शिवकुमार गौतम ने 12 अक्टूबर को अपने साथियों के साथ गोलियां चलाकर बाबा सिद्दीकी की हत्या कर दी थी. शिवकुमार ने बाबा सिद्दीकी को छह गोलियां मारी थीं. हत्या के बाद शिवकुमार भाग गया था लेकिन दो अन्‍य शूटर गुरमेल और धर्मराज पुलिस के हाथ लग गए थे. हत्या के 28 दिन बाद शिवकुमार पकड़ में आया.

नेपाल भागने की फिराक में था शिवकुमार

उत्तर प्रदेश के एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश ने बताया कि पांचों आरोपियों को रविवार को बहराइच से गिरफ्तार किया गया है. शिवकुमार गौतम यहां से नेपाल भागने की फिराक में था. मुंबई क्राइम ब्रांच और यूपी एसटीएफ ने ज्‍वाइंट ऑपरेशन कर गिरफ्तार किया है. उन्‍होंने कहा कि शुभम लोनकर ने स्‍नैपचैट के जरिए शिवकुमार की बात अनमोल बिश्‍नोई से करवाई थी.

मुंबई पुलिस की क्राइम पिछले 25 दिनों से आरोपी की तलाश कर रही थी. उसने यूपी एसटीएफ के साथ ट्रैप लगाकर शिवकुमार को गिरफ्तार किया. इस साझा अभियान में मुंबई क्राइम ब्रांच के कुल 21 लोग शामिल थे. 

शिवकुमार ने पूछताछ में खोले कई राज 

  • उसने बताया कि धर्मराज कश्यप और वो एक ही गांव के हैं. 
  • वो पुणे में कबाड़ी के यहां साथ काम करते थे. 
  • उन्‍हें गोली और कारतूस शुभम लोनकर ने दिए थे.
  • शुभम ने ही स्नेपचैट के जरिए उसकी बात लॉरेंस विश्नोई के भाई अनमोल से करवाई थी. 
  • हत्या के बाद एक मुश्त 10 लाख रुपये और फिर हर महीने कुछ न कुछ देने का वादा किया गया था.
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शिवकुमार ने यह भी बताया वो कि लोग कई दिनों तक मुंबई में थे. रेकी के बाद 12 अक्टूबर को सही मौका देखकर बाबा सिद्दीकी की हत्या कर दी. उस दिन त्‍योहार की वजह से भीड़ थी और इसलिए पुलिस भी थी, जिसकी वजह से दो लोग मौके पर पकड़े गए. 

जिस पिस्‍टल से चली गोली, वो नहीं मिली 

मुंबई की किल्ला कोर्ट में आज पांचों आरोपियों को पेश किया गया, जहां सरकारी वकील ने बताया कि जिस पिस्टल से गोली चलाई गई थी वो अब तक नहीं मिल पाई है. इस पूरे मामले में शिवा और उसके साथी ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी के बैंक खाते में दो लाख रुपये पहुंचे. बाद में त्रिपाठी ने अनुराग कश्यप के खाते में पैसे ट्रांसफर कर दिए. सरकारी वकील ने कहा कि पुलिस जांच करना चाहती है कि वास्तव में ये पैसा किसके पास से आया. 

क्राइम ब्रांच ने शिवकुमार के परिवार और करीबियों का पूरा डाटा निकाला था, जिसमें कुल 45 लोग थे. इन पर नजर रखी जा रही थी, जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी मुंबई क्राइम ब्रांच की नजर चार लोगों पर आकर थम गई, जो लगातार शिवकुमार के संपर्क में थे. इन्ही के जरिए पुलिस शिवकुमार तक पहुंची. 

शिवकुमार को पकड़ने के लिए ऐसे बिछाया था जाल 

क्राइम ब्रांच ने शिवकुमार गौतम को पकड़े के लिए जाल बिछाया था और 10 नवंबर को इंतजार किया तो वो अन्‍य चार आरोपियों से मिलने के लिए आया. शिवकुमार के लिए उसके गांव के बगल में ही एक सेफ हाउस बनाया गया था, जहां वो अन्‍य आरोपियों से मिलता था और वहीं इन पांचों आरोपियों को यूपी एटीएस और मुंबई क्राइम ब्रांच ने दबोच लिया. हालांकि इस मामले में अभी तक यह पता नहीं चल सका है कि बाबा सिद्दीकी की हत्या क्यों की गई, वो पता नहीं चल पाया है. हालांकि शिवकुमार की गिरफ्तारी में इस मामले में कई राज खुल सकते हैं. 

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