कैंसर के इलाज के लिए भारत आई थी बांग्लादेशी महिला, अब नहीं जा पा रही देश वापस
चेन्नई:
बांग्लादेश में भेदभाव विरोधी आंदोलन के चलते स्थिति बेहद खराब हो गई है. इसी बीच 5 अगस्त को शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और भारत आ गई थीं. इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री आवास पर पहुंच कर जमकर तोड़फोड़ की थी. हालांकि, प्रदर्शन इसके बाद भी नहीं थमे हैं और अब भी देश की स्थिति बेहद खराब बनी हुई है. इसी बीच बांग्लादेश से तमिलनाडु में अपने कैंसर के इलाज के लिए आई महिला चेन्नई एयरपोर्ट पर फंसी हुई है क्योंकि बांग्लादेश जाने वाली 3 फ्लाइट्स को पिछले 2 दिनों में रद्द किया जा चुका है. बांग्लादेशी दम्पति सुशील रंजन और प्रोवा रानी चेन्नई हवाई अड्डे पर फंसे हुए हैं.
कुछ महीनों पहले कैंसर के इलाज के लिए भारत आया था कपल
कपल कुछ महीनों पहले तमिलनाडु आया था ताकि प्रोवा रानी का कैंसर का इलाज किया जा सके. वह वेल्लोर सीएमसी प्राइवेट अस्पताल में अपनी जिंदगी के लिए संघर्ष कर रही हैं. वे पिछले दो दिनों से अपने देश वापस नहीं लौट पाए हैं, क्योंकि देश में चल रहे संकट के कारण बांग्लादेश के लिए उड़ानें रद्द कर दी गई हैं. एयरपोर्ट अधिकारियों ने कहा है कि वो जोड़े की मदद करने की कोशिश कर रहे हैं.
गुजरात विश्वविद्यालय में भी हैं बांग्लादेशी छात्र
इससे पहले गुजरात के शिक्षा मंत्री प्रफुल पंशेरिया ने कहा था कि भारत सरकार द्वारा स्पॉन्सर किए गए 20 बांग्लादेशी छात्र सुरक्षित हैं और गुजरात यूनिवर्सिटी से अपनी पढ़ाई कर रहे हैं. पनशेरिया ने कहा कि सभी छात्रों की सुरक्षा की जिम्मेदारी विश्वविद्यालय और गुजरात सरकार ने ली है.
विदेश मंत्री ने बताया 19 हजार भारतीय ढाका में मौजूद
वहीं विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि अनुमान है कि ढाका में 19,000 भारतीय नागरिक हैं, जिनमें से लगभग 9000 छात्र हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ढाका में भारतीय समुदाय के साथ निकट संपर्क में है. जयशंकर ने लोकसभा को बताया कि जुलाई में अधिकांश छात्र भारत लौट आए थे. उन्होंने यह भी कहा कि बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने बहुत कम समय में आने के लिए भारत से अनुमति मांगी थी और वह सोमवार की शाम को यहां पहुंचीं.
प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर भारत पहुंची थी शेख हसीना
उन्होंने कहा, “5 अगस्त को कर्फ्यू के बावजूद प्रदर्शनकारी ढाका में एकत्र हुए. हमारी समझ यह है कि सुरक्षा प्रतिष्ठान के नेताओं के साथ बैठक के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा देने का फैसला किया. बहुत कम समय में उन्होंने भारत आने के लिए मंजूरी मांगी. हमें उसी समय बांग्लादेशी अधिकारियों से उड़ान की मंजूरी के लिए अनुरोध प्राप्त हुआ. वह कल शाम दिल्ली पहुंचीं.” विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार बांग्लादेश में रहने वाले अल्पसंख्यकों की स्थिति पर नज़र रख रही है. जयशंकर ने कहा कि भारत और बांग्लादेश के बीच संबंध बेहद घनिष्ठ हैं.