बांग्लादेश में नोबेल विजेता युनूस के नेतृत्व में कल शपथ लेगी अंतरिम सरकार
राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने मंगलवार को अर्थशास्त्री यूनुस (84) को अंतरिम सरकार का प्रमुख नियुक्त किया था. इससे एक दिन पहले प्रधानमंत्री शेख हसीना नौकरियों में आरक्षण से संबंधित विवाद को लेकर हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद पद से इस्तीफा देकर देश छोड़कर चली गई थीं.
शेख हसीना के लंदन जाने को लेकर अब तक ब्रिटेन की तरफ से हरी झंडी नहीं मिली है. शेख हसीना के लंदन जाने में कई तरह के पेच हैं. शेख हसीना के सामने तकनीकी चुनौती यूके के आव्रजन नियमों ने पैदा की है. इसके मुताबिक किसी को शरण या अस्थायी शरण लेने के लिए यूके की यात्रा करने की अनुमति देने का कोई प्रावधान ही नहीं है. शेख हसीना को ब्रिटेन में शरण ना मिलने के पीछे ये एक बड़ी वजह है.
बांग्लादेश में छात्रों ने बुधवार को लगातार दूसरे दिन स्वयंसेवकों के रूप में यातायात प्रबंधन किया। वहीं, एक शीर्ष पुलिस अधिकारी ने पुलिस बल के प्रत्येक सदस्य से धीरे-धीरे ड्यूटी पर लौटने और कानून-व्यवस्था की स्थिति बहाल करने का आह्वान किया. स्थानीय मीडिया में आई खबरों के अनुसार, सोमवार को शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद बांग्लादेश में अराजकता चरम पर है और कानून-व्यवस्था बनाए रखने या यातायात का प्रबंधन करने के लिए पुलिसकर्मी उपलब्ध नहीं हैं.
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने मंगलवार की रात बांग्लादेश की स्थिति पर संवाददाता के सवाल के जवाब में बताया कि चीन बांग्लादेश की स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए है. मैत्रीपूर्ण पड़ोसी और सर्वांगीण रणनीतिक साझेदार के नाते चीन की हार्दिक इच्छा है कि बांग्लादेश यथाशीघ्र ही सामाजिक स्थिरता बहाल करेगा.
पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया बुधवार को जेल से रिहा हो गई. 5 अगस्त को बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने खालिदा जिया की रिहाई का आदेश दिया था. उन्होंने यह फैसला बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफा देने और देश छोड़ने के कुछ घंटों बाद सुनाया.
‘ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल बांग्लादेश’ ने धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हुए हमलों को छात्र आंदोलन की ‘मूल भावना के खिलाफ” करार देते हुए अधिकारियों से हिंसा प्रभावित देश में सरकारी व अल्पसंख्यकों समुदायों की संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने का बुधवार को आह्वान किया.
पाकिस्तान ने बुधवार को बांग्लादेश के लोगों के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए उम्मीद जताई कि देश में जल्द ही स्थिति सामान्य हो जाएगी. सरकारी नौकरियों में आरक्षण को लेकर छात्रों के नेतृत्व में हुए विरोध प्रदर्शन के कारण शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर भारत जाना पड़ा.
बांग्लादेश की राजधानी ढाका में स्थित भारतीय उच्चायोग में गैर-जरूरी सेवाओं में कार्यरत कर्मी और उनके परिवार के सदस्य स्वेच्छा से बुधवार को भारत लौट आए. उन्होंने बताया कि हालांकि, उच्चायोग में सभी भारतीय राजनयिक ढाका से ही काम कर रहे हैं. सूत्रों ने बताया कि भारतीय उच्चायोग काम कर रहा है. बांग्लादेश के विभिन्न हिस्सों में हिंसा जारी रहने के बीच गैर-जरूरी सेवाओं में काम कर रहे कर्मी विमान से स्वदेश लौटे.
शेख हसीना को नौकरियों में आरक्षण को लेकर हफ्तों तक चले विरोध प्रदर्शन के बाद बीते सोमवार शाम को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा. आरक्षण की मांग को लेकर हुए प्रदर्शन में 400 से अधिक लोगों की मौत की खबर है.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कल कहा कि सरकार शेख हसीना को ‘रिकवर करने’ के लिए समय दे रही है और उन्हें अपने अगले कदम के बारे में बताएगी. उन्होंने कहा, “बहुत ही कम समय में, उन्होंने भारत आने के लिए मंजूरी का अनुरोध किया. हमें इसके साथ ही बांग्लादेश के अधिकारियों से भी रिक्वेस्ट प्राप्त हुआ था.