NEET पर संग्राम : SC में परीक्षा के खिलाफ बढ़ती जा रही हैं याचिकाएं; अब तक क्या-क्या हुआ और 8 जुलाई को क्या होगा?

NTA भी पहुंचा है सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी(एनटीए) की उस याचिका पर विचार करने का फैसला किया है, जिसमें विभिन्न हाईकोर्ट में NEET यूजी 2024 से संबंधित लंबित याचिकाओं को शीर्ष अदालत में स्थानांतरित करने का अनुरोध किया गया है. हाईकोर्ट में लंबित याचिकाएं पेपर लीक और अन्य गड़बड़ियों के आरोपों से संबंधित हैं. पीठ ने दिल्ली, कलकत्ता, छत्तीसगढ़ और अन्य हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर करने वालों को नोटिस जारी किया और मामले पर आगे विचार करने के लिए 8 जुलाई की तारीख तय की.
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ग्रेस अंक के खिलाफ याचिका पर सुनवाई बंद
NEET परीक्षा 2024 में NTA ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि 1563 परीक्षार्थियों को दिए गए ग्रेस अंकों को रद्द करने का निर्णय लिया गया है. इन 1563 परीक्षार्थियों को उनके वास्तविक अंकों के बारे में सूचित किया जाएगा और उन्हें फिर से परीक्षा देने का विकल्प दिया जाएगा. यदि वे छात्र फिर से परीक्षा नहीं देना चाहते हैं तो 5 मई को आयोजित परीक्षा के आधार पर उनके अंकों को ध्यान में रखा जाएगा. NTA ने बताया कि पुनः परीक्षा 23 जून को आयोजित करने की योजना है और परिणाम 30 जून को घोषित किए जाएंगे. केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए वकील कनु अग्रवाल ने जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की अवकाश पीठ को बताया कि यह निर्णय 12 जून को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी(एनटीए) द्वारा गठित समिति द्वारा छात्रों की आशंकाओं को दूर करने के लिए लिया गया था. अग्रवाल ने कहा कि पैनल का मानना था कि समय की हानि के आधार पर 1563 छात्रों को ग्रेस अंक देने से विषम स्थिति पैदा हुई, क्योंकि ग्रेस अंक को केवल बिना प्रयास किए गए प्रश्नों तक ही सीमित रखा जाना था. सभी पहलुओं की जांच करने के बाद समिति ने निष्कर्ष निकाला कि 1563 छात्रों के स्कोरकार्ड रद्द करने की सिफारिश करना उचित होगा. वहीं नेशनल टेस्टिंग एजेंसी(एनटीए) ने कहा कि केवल 1563 उम्मीदवारों के लिए इस तरह की पुन: परीक्षा की तारीख 13 जून को ही अधिसूचित की जाएगी. परीक्षा 23 जून को आयोजित करने की योजना है. परिणाम 30 जून को घोषित किए जाएंगे ताकि 6 जुलाई को शुरू होने वाली काउंसलिंग प्रभावित ना हो.

पीठ ने क्या कहा?
पीठ ने केंद्र और एनटीए के बयानों को दर्ज करते हुए अलख पांडे द्वारा 1563 अभ्यर्थियों को ग्रेस मार्क्स देने पर सवाल उठाने वाली याचिका का निपटारा कर दिया. हालांकि पीठ ने 5 मई को आयोजित नीट यूजी 2024 के पेपर लीक और कदाचार के कारण पुन: परीक्षा की मांग करने वाली अन्य याचिकाओं पर नोटिस जारी किया. सुप्रीम कोर्ट ने पहले परिणाम वापस लेने और नए सिरे से परीक्षा आयोजित करने की अन्य याचिकाओं पर केंद्र और एनटीए को नोटिस जारी किया था और मामले की सुनवाई 8 जुलाई को तय की थी. देश भर के मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए 5 मई को आयोजित नीट यूजी 2024 पेपर लीक और कदाचार के आरोपों से घिरी हुई है. परीक्षा के नतीजे 4 जून को घोषित किए गए थे. कई परीक्षार्थियों ने अंकों में बढ़ोतरी का आरोप लगाया है, जिसके कारण रिकॉर्ड 67 उम्मीदवारों ने शीर्ष रैंक हासिल की है. जिसमें एक ही परीक्षा केंद्र के छह उम्मीदवार शामिल हैं. हालांकि एनटीए ने किसी भी अनियमितता से इनकार किया है और कहा कि NCRT पाठ्यपुस्तकों में किए गए बदलाव और परीक्षा केंद्रों पर समय बर्बाद होने के कारण दिए गए ग्रेस अंक, छात्रों के उच्च अंक प्राप्त करने के पीछे के कुछ कारण हैं.
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काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार
सभी याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और NTA को नोटिस तो जारी किया है, लेकिन NEET काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी टिप्पणी करते हुए कहा है कि परीक्षा की पवित्रता प्रभावित हुई है. लिहाजा कुछ सवालों के जवाब NTA को देने होंगे. सभी मामलों की सुनवाई 8 जुलाई को तय की गई है.

परीक्षा के बाद ही मामला पहुंच गया था सुप्रीम कोर्ट
17 मई को सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) 2024 के परिणाम जारी करने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. दरअसल, शीर्ष अदालत में एक याचिका दायर कर इस साल प्रश्नपत्र लीक के आरोपों के बाद परीक्षा दोबारा आयोजित कराने की मांग की गई थी. CJI डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि वह अखिल भारतीय परीक्षा को नहीं रोक सकती, लेकिन याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के लिए कहा है. पीठ ने कहा कि हम इस मामले पर ग्रीष्मावकाश के बाद विचार करेंगे, लेकिन अखिल भारतीय परीक्षा के नतीजों पर रोक नहीं लगा सकते. ये याचिका वंशिका यादव ने दायर की है. याचिका के अनुसार, राजस्थान में NEET स्नातक परीक्षा के दौरान, राष्ट्रीय दैनिक समाचार पत्रों की रिपोर्टों से पता चला कि परीक्षा की तारीख से पहले प्रश्न पत्र लीक हो गया था. याचिका में आरोप लगाया गया है कि पटना में अधिक चिंताजनक घटनाएं देखी गईं हैं, जहां राज्य पुलिस द्वारा कई व्यक्तियों को उक्त परीक्षा से एक दिन पहले प्रश्न पत्र प्राप्त करने की विश्वसनीय जानकारी पर गिरफ्तार किया गया है. पटना में आर्थिक और साइबर अपराध प्रभाग ने जांच संभाली और पाया कि प्रथम दृष्टया, लीक एक संगठित गिरोह द्वारा किया गया था. जांच के बाद 13 आरोपी व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है.
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