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मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू की भारत यात्रा से पहले 2 मंत्रियों का इस्तीफा, पीएम मोदी पर किए थे कमेंट


नई दिल्ली/माले:

मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू  ‘बहुत जल्द’ भारत की आधिकारिक यात्रा करेंगे. इस दौरान उनकी पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात भी होगी. मालदीव के राष्ट्रपति कार्यालय की मुख्य प्रवक्ता हीना वलीद ने मंगलवार को यह जानकारी दी. इस ऐलान के बाद मुइज्जू सरकार में दो जूनियर मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया. जनवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियों के लिए 3 मंत्रियों को निलंबित किया गया था. इनमें से मरियम शिउना और मालशा शरीफ ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया.

ऑनलाइन समाचार पोर्टल ‘सन’ की खबर के मुताबिक,  मालदीव के राष्ट्रपति कार्यालय की मुख्य प्रवक्ता हीना वलीद ने कहा कि मुइज्जू की भारत यात्रा की सटीक तारीख अभी तय नहीं हुई है. दोनों पक्ष ऐसी तारीख पर चर्चा कर रहे हैं, जो दोनों देशों के नेताओं के लिए सुविधाजनक हो.

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प्रवक्ता ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘राष्ट्रपति का जल्द ही भारत जाने का कार्यक्रम है. जैसा कि आप जानते हैं, ऐसी यात्राएं ऐसे समय निर्धारित की जाती हैं, जो दोनों देशों के नेताओं के लिए अधिकतम सुविधाजनक हो. इस संबंध में चर्चा जारी है.”

9 जून को पीएम मोदी के शपथ ग्रहण में शामिल हुए थे मुइज्जू
चीन समर्थक रुख के लिए जाने जाने वाले मुइज्जू ने प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए 9 जून को नई दिल्ली की यात्रा की थी. पद संभालने के बाद सबसे पहले नई दिल्ली की यात्रा करने वाले अपने पूर्ववर्तियों के विपरीत मुइज्जू ने सबसे पहले तुर्किये की यात्रा की. जनवरी में अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर चीन पहुंचे थे.

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मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में भारत के पड़ोसी और हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के प्रमुख शामिल हुए थे. मुइज्जू ने तब कहा था कि उन्हें प्रधानमंत्री मोदी का निमंत्रण पाकर और उनके शपथग्रहण में शामिल होकर खुशी हुई.

मुइज्जू ने भारत-मालदीव रिश्ते पर भी की थी बात
मुइज्जू ने स्वदेश लौटने के बाद अपनी पहली भारत यात्रा को मालदीव और क्षेत्र के लिए ‘‘सफलता” बताया था. उन्होंने कहा था कि दोनों देशों के बीच मजबूत संबंधों से मालदीव के लोगों के लिए समृद्धि बढ़ेगी.

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जयशंकर ने अगस्त में की थी मालदीव की यात्रा
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अगस्त में मालदीव की यात्रा की थी. पिछले साल नवंबर में मुइज्जू के पदभार संभालने के बाद नई दिल्ली की ओर से मालदीव की यह पहली उच्चस्तरीय यात्रा थी.

मुइज्जू के राष्ट्रपति बनने के बाद भारत के साथ रिश्तों में आया था तनाव
मुइज्जू के राष्ट्रपति बनने के बाद से मालदीव के साथ भारत के रिश्ते में तनाव आ गया. अपनी शपथ के कुछ ही घंटों के भीतर, उन्होंने भारत द्वारा मालदीव को उपहार में दिए गए तीन विमानन प्लेटफॉर्म पर तैनात भारतीय सैन्यकर्मियों से वापस जाने को कहा था. दोनों पक्षों के बीच बातचीत के बाद भारतीय सैन्यकर्मियों की जगह असैन्य कर्मियों ने ले ली थी.

मालदीव के तीन उपमंत्रियों द्वारा सोशल मीडिया पर भारत तथा प्रधानमंत्री मोदी को लेकर विवादित टिप्पणी किए जाने के बाद तल्खी और बढ़ गई थी. मालदीव के विदेश मंत्रालय ने उनकी टिप्पणियों से दूरी बनाते हुए कहा था कि वे मालदीव सरकार के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं.

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