दो दिन के बाद CM की कुर्सी से इस्तीफा दूंगा… दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल का बड़ा ऐलान
नई दिल्ली:
Delhi CM Arvind Kejriwal: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आप पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए आज कहा कि मैं दो दिन बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने वाला हूं. मेरी तरह मनीष सिसोदिया भी तब तक दिल्ली के उपमुख्मंंत्री और दिल्ली के शिक्षा मंत्री का पद नहीं संभालेंगे. जब तक जनता ये नहीं कहती कि हम ईमानदार हैं. अगर आपको लगता है केजरीवाल ईमानदार है तो चुनाव में जमकर वोट दे. केजरीवाल ने कहा कि आज मैं जनता की अदालत में आया हूं. मैं आपसे पूछने आया हूं कि क्या आप केजरीवाल को ईमानदार मानते हो या गुनहगार मानते हैं. मैं तब तक सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा जब तक आप मुझे ऐसा करने के लिए नहीं कहोगे. मैं इसलिए इस्तीफा दे रहा हूं क्योंकि इन्होंने मुझेपर आरोप लगाया है कि मैंने भ्रष्टाचार किया है. मैं ये करने राजनीति में नहीं आया था. मैं सत्ता से पैसे और पैसे से सत्ता हासिल करने के लिए राजनीति में नहीं आया था.
“दिल्ली में नवंबर में हों चुनाव”
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में फरवरी में चुनाव होने हैं. लेकिन मेरी मांग है कि राष्ट्रीय राजधानी में महाराष्ट्र के साथ नवंबर में चुनाव कराए जाएं. अगले कुछ दिनों में ‘आप’ विधायकों की बैठक होगी, ‘आप’ का कोई नेता मुख्यमंत्री पद संभालेगा.
मैंने अपने वकील से कहा कि जब तक मैं बरी होकर नहीं आ जाऊं तब तक मैं सीएम का पद नहीं छोड़ूंगा. लेकिन कोर्ट ने हमें बेल दे दी. ऐसे केस में जिसमें बेल मिलनी मुश्किल थी. सीएम ने कहा कि कुछ लोग कह रहे हैं सुप्रीम कोर्ट ने कुछ शर्तें रखीं है. इसलिए मैं काम नहीं कर पाऊंगा. लेकिन बीते 10 साल में केंद्र ने एलजी साहब ने भी तो कई कंडिशन लगाए थे. लेकिन मैंने काम करके दिखाया.
“आप पार्टी को तोड़ने का था मकसद”
हाल ही में जेल से बाहर आए केजरीवाल ने कहा कि मुझे जेल भेजने का मकसद आप पार्टी को तोड़ने का था. ये लोग विपक्ष के एक मुख्यमंत्री को नहीं छोड़ते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि जेल के अंदर से सरकार क्यों नहीं चल सकती है. मैं सभी नॉन बीजेपी मुख्यमंत्री से निवदेन करता हूं, अगर आप पर फर्जी केस करे तो कभी इस्तीफा मत देना. हमारे लिए हमारा संविधान जरूरी है. हमारा जनतंत्र जरूरी है.
“हम ईमानदार हैं”
सीएम केजरीवाल ने कहा दिल्ली में सरकारी स्कूलों की हालत खराब थी. 16 लाख बच्चे इन स्कूलों में बढ़ते थे. पहले गरीबों के बच्चों का भविष्य़ खराब था. हमने उन बच्चों को अच्छे स्कूल बनाकर दिए ताकि उनका भविष्य अच्छा हो सके. आज अगर किसी गरीब के घर कोई बीमार हो जाए तो निजी अस्पताल छोटी सी बीमारी के लिए लाखों रुपये खींच लेते हैं. हमने गरीबों के लिए मोहल्ला क्लीनिक खोला, अस्पतालों को बेहतर बनाया ताकि गरीबों को बेहतर इलाज मिल सके. ऐसा हम कैसे कर पाए, हम कर पाए क्योंकि हम ईमानदार है.
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