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दुनिया

एच-1बी वीजा कार्यक्रम में 17 जनवरी से बड़ा बदलाव, जानिए भारतीय पेशेवरों के लिए क्‍या है इसका मतलब


नई दिल्ली:

अमेरिका ने शुक्रवार से अपने एच-1बी वीजा कार्यक्रम में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं. अत्यधिक कुशल श्रमिकों को उनके रोजगार की स्थिति के आधार पर अमेरिका में रहने की अनुमति वाले नियमों को अपडेट किया गया है, जो बाइडेन प्रशासन के तहत फाइनल इमिग्रेशन पॉलिसी रिफॉर्म्‍स में से एक हैं. एच-1बी वीजा कार्यक्रम वैश्विक प्रतिभा को आकर्षित करने में सहायक रहा है. इस कार्यक्रम के ढांचे को आधुनिक बनाने और मौजूदा मुद्दों को संबोधित करने के लिए इसे अपडेट किया गया है.

यूनाइटेड स्टेट्स सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज (USCIS) ने अपनी वेबसाइट पर कहा, “H-1B फाइनल रूल अप्रूवल प्रोसेस को सुव्यवस्थित करके, बेहतर नियोक्ताओं को प्रतिभाशाली श्रमिकों को बनाए रखने की अनुमति देने के लिए इसके लचीलेपन को बढ़ाकर और कार्यक्रम की संपूर्णता और निगरानी में सुधार करके H-1B कार्यक्रम को आधुनिक बनाता है.” 

2023 के फ्रेमवर्क में एच-1बी वीजा धारकों में 70 प्रतिशत से अधिक भारतीय पेशेवर होंगे, इन बदलावों से उन्हें काफी फायदा हो सकता है.

एच-1बी वीजा नियमों में मुख्य बदलाव

‘विशेष व्यवसाय’ की परिभाषा: नया नियम पात्र पदों के लिए मानदंडों को संशोधित करके “विशेष व्यवसाय” की परिभाषा को रिवाइज करता है. यह स्पष्ट करता है कि डिग्री की जरूरत “सामान्य रूप से” आवश्यक है, लेकिन “हमेशा” नहीं. साथ ही योग्यता डिग्री की विस्तृत रेंज की अनुमति देती है, जब तक कि वे सीधे नौकरी से संबंधित हों. 

निष्पक्ष लॉटरी प्रक्रिया: सख्त उपायों के जरिये संगठनों द्वारा एक से अधिक बड़े पैमाने पर आवेदन जमा करने पर रोक लगेगी, जिससे अधिक न्यायसंगत प्रणाली सुनिश्चित होगी. 

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एफ-1 वीजा धारकों के लिए सरल बदलाव: एफ-1 वीजा वाले छात्रों को एच-1बी स्थिति में जाने पर कम चुनौतियों का अनुभव होगा. 

तेज प्रोसेसिंग: यूएससीआईएस एच-1बी एक्‍सटेंशन एप्लिकेशन में तेजी लाएगा, जिससे श्रमिकों और नियोक्ताओं के लिए देरी कम होगी. 

नियोक्ताओं के लिए अधिक लचीलापन: कंपनियां डायनेमिक वर्कफोर्स प्‍लानिंग का समर्थन करते हुए उनकी विशिष्ट वर्कफोर्स की जरूरतों के आधार पर H-1B श्रमिकों को नियुक्त कर सकती है. 

उद्यमियों के लिए अवसर: अपनी कंपनी में ‘मेजोरिटी स्‍टेक’ रखने वाले उद्यमी अब एच-1बी वीजा के लिए स्वयं याचिका दायर कर सकते हैं, बशर्ते वे कड़ी शर्तों को पूरा करते हों. 

मजबूत अनुपालन सुरक्षा उपाय: यूएससीआईएस के लिए साइट विजिट अथॉरिटी का उद्देश्‍य दुरुपयोग को रोकना है, जिसमें कार्यस्‍थलों दूरस्थ स्थानों और तीसरे पक्ष की साइटों पर निरीक्षण शामिल है. निरीक्षण के दौरान जानकारी सत्यापित करने में विफलता के कारण एच-1बी याचिकाएं अस्वीकार या रद्द की जा सकती हैं. 

नया याचिका प्रपत्र: बेहतर अनुपालन के लिए 17 जनवरी 2025 से एक नया फॉर्म I-129 अनिवार्य होगा. इस फॉर्म का उद्देश्य याचिका प्रक्रिया को सरल बनाना है. 

विस्तारित सीमा-मुक्त क्राइटेरिया: रिसर्च केंद्रित संगठन अस्पष्ट पूर्व दिशानिर्देशों की जगह अब एक स्पष्ट परिभाषा के तहत सीमा-मुक्त के रूप में योग्‍यता प्राप्त कर सकते हैं. 

इसके अतिरिक्त, एक महत्वपूर्ण परिवर्तन में एच-1बी वीजा धारक जल्द ही अपने गृह देश की यात्रा किए बिना अपने वीजा को रिन्‍यू करा सकेंगे. इससे उन भारतीय तकनीकी विशेषज्ञों को मदद मिलने की संभावना है जो अमेरिका में एच-1बी वीजा धारक हैं.

ट्रंप शासन में बदल जाएगी H-1B वीजा नीतियां?

रिपब्लिकन पार्टी के कुछ गुटों ने सख्त इमिग्रेशन नियंत्रण की वकालत की है, जिसमें एच-1बी जैसे कार्यक्रमों को सीमित करना शामिल है. डोनाल्ड ट्रंप ने हाल के दिनों में हाई स्किल्‍ड इमिग्रेशन के लिए समर्थन व्यक्त किया है. ट्रंप ने दिसंबर 2024 में न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स से कहा,  “मेरी संपत्तियों पर कई एच-1बी वीजा हैं. मैं एच-1बी में विश्वास रखता हूं. मैंने इसे कई बार इस्तेमाल किया है. यह एक शानदार कार्यक्रम है.”

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हालांकि अपने पहले राष्‍ट्रपति पद के कार्यकाल के दौरान ट्रंप ने विदेशी श्रमिक वीजा तक पहुंच को प्रतिबंधित कर दिया था और यहां तक की इस कार्यक्रम की आलोचना भी की थी 


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