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"मुझे सियासी रूप से खत्म करने की बड़ी साजिश…" : कर्नाटक के डिप्टी CM डीके शिवकुमार

शिवकुमार के खिलाफ मामले की जांच कर रही केंद्रीय एजेंसी की बेंगलुरु इकाई ने ‘जयहिंद कम्युनिकेशंस प्राइवेट लिमिटेड’ के प्रबंध निदेशक को 11 जनवरी 2024 को उसके समक्ष पेश होने और जांच अधिकारी द्वारा मांगे गए सभी आवश्यक दस्तावेज पेश करने को कहा है. इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए उप मुख्यमंत्री शिवकुमार ने कहा कि यदि सीबीआई उन्हें गिरफ्तार करना चाहती है तो उन्हें ऐसा करने दीजिए क्योंकि वह इसके लिए तैयार हैं.

शिवकुमार कर्नाटक कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष भी हैं. उन्होंने ने सवाल किया कि सीबीआई उनकी कंपनी के खिलाफ नोटिस कैसे जारी कर रही है, जबकि उसके पास सभी दस्तावेज हैं.

कनकपुरा से विधायक शिवकुमार ने यहां संवाददाताओं से कहा, “मुझे नहीं पता कि वे कैसे नोटिस जारी कर रहे हैं. उनके पास सभी दस्तावेज हैं. ऐसा इसलिए नहीं है क्योंकि उनके पास कोई दस्तावेज नहीं है. मुझे परेशान करने के पीछे बड़े लोग हैं. मुझे सब पता है. ऐसा नहीं है कि मैं इससे अनजान हूं. मुझे राजनीतिक रूप से खत्म करने के लिए वे जो भी करना चाहते हैं, उन्हें करने दीजिए.”

उन्होंने कहा, “एक बड़ी साजिश चल रही है. भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) के कुछ नेताओं ने पहले कहा था कि वे मुझे जेल भेज देंगे. उन्होंने संबंधित विभाग को अपना संदेश दे दिया है. मैंने उन लोगों से चर्चा के लिए आने को कहा है जिन्होंने मेरे बारे में बात की है. एक बड़ी साजिश रची जा रही है.”

शिवकुमार ने कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है और उन्हें न्याय मिलेगा. शिवकुमार ने कहा कि सीबीआई को उनके खिलाफ कोई भी जांच करने दें. इस सवाल पर कि क्या उन्हें नोटिस मिला है, उन्होंने कहा कि उनकी कंपनी को नोटिस मिला है.

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शिवकुमार ने बताया, “मेरी पार्टनरशिप कंपनी, जिसका मैं प्रमुख हूं, को नोटिस भेजा गया है. वे मेरे बच्चों, मेरी पत्नी और रिश्तेदारों से सवाल कर रहे हैं. सीबीआई हमारे परिवार के सदस्यों और हमारे गांव के उन लोगों से सवाल कर रही है जो सोसायटी के निदेशक हैं.”

जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें व्यक्तिगत नोटिस मिला है, तो उन्होंने कहा कि सीबीआई पहले अपनी जांच कंपनी स्तर पर पूरी करेगी और फिर उनके पास आएगी. शिवकुमार ने कहा कि राज्य सरकार ने मामला लोकायुक्त को सौंप दिया है, हालांकि उन्होंने इसके लिए न तो अनुरोध किया था और न ही जोर दिया था. सरकार ने उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की सीबीआई को दी गई अनुमति वापस ले ली है और मामला लोकायुक्त को सौंप दिया है. उन्होंने कहा कि लोकायुक्त जब भी कहेगा, वे जवाब देंगे.

शिवकुमार ने कहा, “पहले मामला सीबीआई को दिया गया था. जांच अभी तक पूरी नहीं हुई है. वे पूछताछ करना चाहते थे, जो उन्होंने नहीं की. अब, उनके नोटिस के आधार पर, (ऐसा लगता है) उन्होंने 10 प्रतिशत भी जांच नहीं की है लेकिन अदालत को बताया कि 90 फीसदी जांच पूरी हो चुकी है. मुझे उनके दावे का आधार नहीं पता.” इस सवाल पर कि क्या वह नोटिस को चुनौती देंगे, उन्होंने कहा कि सीबीआई उन्हें समन कर रही है लेकिन ‘मेरे लिए वहां जाने का कोई मतलब नहीं है.’

उन्होंने कहा, “वे मुझसे नोटिस को चुनौती देने के लिए कह रहे हैं. अगर वे मुझे सलाखों के पीछे देखना चाहते हैं, तो उन्हें ऐसा करने दीजिए. मुझे कोई समस्या नहीं है. मैं इसके लिए तैयार हूं.” धनशोधन मामले में आरोपी शिवकुमार 2019 में 51 दिन तिहाड़ जेल में रहे थे.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को The Hindkeshariटीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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