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सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, मदरसों के छात्रों को सरकारी स्कूलों में भेजने के यूपी सरकार के फैसले पर लगाई रोक


नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार के उस आदेश पर रोक लगा दी जिसमें गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों और सरकारी सहायता प्राप्त मदरसों में पढ़ने वाले गैर-मुस्लिम छात्रों को सरकारी स्कूलों में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया गया था. इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्यों को नोटिस जारी किया है और इस पर चार हफ्तों में जवाब भी मांगा है. शिक्षा के अधिकार अधिनियम का पालन न करने के कारण सरकारी अनुदान प्राप्त/सहायता प्राप्त मदरसों को बंद करने की NCPCR की सिफारिश और केंद्र तथा राज्यों द्वारा की गई कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है.

जमीयत उलमा-ए-हिंद द्वारा दायर याचिका में उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश को चुनौती दी गई थी, जो राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के एक पत्र पर आधारित था. सुप्रीम कोर्ट ने एनसीपीसीआर के संचार के साथ-साथ राज्य द्वारा संचार के अनुसरण में उठाए गए कदमों पर भी रोक लगा दी. सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया, “नोटिस जारी करें. एनसीपीसीआर द्वारा 7 जून और 25 जून को जारी किए गए 27 जून तक के संचार पर रोक लगाई जाती है और इसके बाद उठाए गए सभी कदमों पर रोक लगाई जाती है.”

पत्र तो दो राज्यों को लिखा गया है लेकिन इसका असर सभी राज्यों में हो रहा है. भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिल मनोज मिश्रा की पीठ ने केंद्र और सभी राज्यों को नोटिस जारी किया और चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है. 



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