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CM योगी की पहल पर UPPSC का बड़ा फैसला, छात्रों की मांग पूरी, एक शिफ्ट में होगा प्री एग्जाम

उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ (CM Yogi Adityanath) की पहल पर उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग (Uttar Pradesh Public Service Commission) ने बड़ा फैसला लेते हुए छात्रों की मांगें मान ली हैं. अब UPPSC प्री एग्‍जाम (UPPSC Pre Exam) एक ही शिफ्ट में होगा. प्रयागराज में छात्रों के विरोध प्रदर्शन को लेकर बढ़ते राजनीतिक विवाद के बीच यह निर्णय लिया गया है. वहीं समीक्षा अधिकारी (Review Officers) और सहायक समीक्षा अधिकारी (Assistant Review Officers) के लिए आयोजित होने वाली परीक्षा भी एक ही दिन होगी. 

इस तरह से जानिए बड़ा फैसला 

  • UPPSC प्री एग्‍जाम अब एक ही एक ही शिफ्ट में होगा 
  • यूपी लोकसेवा आयोग ने मानी छात्रों की मांगें 
  • आरओ/एआरओ परीक्षा भी एक ही दिन होगी 
  • सीएम योगी के निर्देश पर आयोग ने लिया संज्ञान 
  • आरओ/एआरओ परीक्षा के लिए समिति का गठन 

इस मामले में सीएम योगी ने छात्रों की मांग पर संज्ञान लिया था और आयोग को छात्रों के साथ संवाद करने और समन्वय बनाकर आवश्यक निर्णय लेने के निर्देश दिए थे. 

आरओ-एआरओ परीक्षा के लिए समिति का गठन 

आयोग ने समीक्षा अधिकारी (Review Officers) और सहायक समीक्षा अधिकारी (Assistant Review Officers) के लिए होने वाली परीक्षा के लिए एक समिति गठित करने का निर्णय लिया गया है. यह समिति तय करेगी कि समीक्षा अधिकारियों और सहायक समीक्षा अधिकारियों की भर्ती परीक्षा को कैसे आयोजित किया जा सकता है. समिति सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद जल्‍द ही अपनी विस्तृत रिपोर्ट पेश करेगी. 

इसलिए कर रहे थे छात्र विरोध 

छात्र आयोग की उस पूर्व घोषणा का विरोध कर रहे हैं, जिसमें कहा गया था कि दो नौकरियों की परीक्षाएं दो दिनों में दो शिफ्ट में आयोजित की जाएंगी. उन्होंने “एक दिन, एक शिफ्ट” में परीक्षा कराने की मांग की है, क्योंकि उन्हें डर है कि कई तारीखों और शिफ्ट में परीक्षा होने से पेपर लीक होने का खतरा बढ़ जाएगा. 

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अनियमितता की संभावना को खत्‍म करने का था दावा 

आयोग ने पहले कहा था कि शिफ्टों में परीक्षा का निर्णय आवेदकों को फायदा पहुंचाने और परीक्षा की पवित्रता बनाए रखने के लिए लिया गया है. आयोग के एक प्रवक्ता ने कहा था कि सिर्फ उन्हीं केंद्रों पर परीक्षा का आयोजन किया जाएगा, जहां पर अनियमितता की संभावना नहीं होगी. उन्‍होंने कहा था कि ऐसे सरकारी या वित्त पोषित शैक्षणिक संस्थानों, जिनका कोई संदेह या ब्लैकलिस्टिंग का इतिहास नहीं है, उन्हें ही परीक्षा केंद्र के रूप में चुना जा रहा है. उन्‍होंने कहा कि यही कारण है कि आयोग को शिफ्टों में परीक्षा का विकल्प चुनना पड़ा. 

प्रयागराज में पिछले चार दिनों से छात्र विरोध प्रदर्शन के जरिए नॉर्मलाइजेशन और दो शिफ्टों में होने वाली परीक्षाओं का विरोध कर रहे थे. 



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