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अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार को बड़ी राहत, 25,000 करोड़ रुपये के घोटाले में मिली क्लीन चिट

सुनेत्रा अपनी ननद सुप्रिया के खिलाफ चुनावी मैदान में

सुनेत्रा पवार शरद पवार के गढ़ बारामती सीट से उनकी बेटी और अपनी ननद सुप्रिया सुले के सामने चुनाव लड़ रही है. ये रिपोर्ट दाखिल होने से विपक्ष को और अधिक ताकत मिल गई है, जिसने लगातार भाजपा पर आरोप लगाया है कि वह अपने विरोधी नेताओं के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों और पुलिस बलों का इस्तेमाल कर रही है और या तो मामलों की जांच धीमी कर रही है. अजित पवार पिछले साल अपने चाचा शरद पवार द्वारा गठित राकांपा को तोड़ने के बाद भाजपा और शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) के सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल हो गए थे. जिसके बाद उन्होंने महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी.

ईओडब्ल्यू की क्लोजर रिपोर्ट में क्या कहा गया?

ईओडब्ल्यू की क्लोजर रिपोर्ट में कहा गया है कि बैंक को जरांदेश्वर चीनी मिल में ऋण स्वीकृत करने या बेचने की प्रक्रिया में कोई नुकसान नहीं हुआ. इसमें कहा गया कि सुनेत्रा पवार ने 2008 में जय एग्रोटेक के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया था और दो साल बाद कंपनी ने जरांदेश्वर चीनी मिल को 20.25 करोड़ रुपये दिए. इसके बाद मिल को गुरु कमोडिटी नामक एक फर्म ने नीलामी में 65.75 करोड़ रुपये में खरीद लिया, लेकिन इसे फिर से एक कंपनी को लीज पर दे दिया गया, जिसमें राजेंद्र घाडगे सहित अजीत पवार के रिश्तेदार निदेशक थे. गुरु कमोडिटी को इस कंपनी ने किराये के तौर पर 65.53 करोड़ रुपये दिए थे. ईओडब्ल्यू ने कहा कि उसे इन लेनदेन में कुछ भी अवैध नहीं मिला.

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ठाकरे गुट के नेता ने क्लिन चिट मिलने पर क्या कहा  

ठाकरे गुट के नेता आनंद दुबे ने कहा, “सुनेत्रा पवार को उस मामले में क्लीन चिट दे दी गई है जिसमें 25,000 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप किसी और ने नहीं बल्कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने लगाया था. जिन्होंने पूरे परिवार को भ्रष्ट कहा था. इससे यह साबित होता है कि भाजपा ने जिस भी नेता पर आरोप लगाए थे, उन्हें पाला बदलने के बाद क्लीन चिट दे दी गई है.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का जिक्र करते हुए, दुबे ने आगे कहा, “हालांकि, विपक्षी नेताओं के खिलाफ मामले चलते हैं और उन्हें गिरफ्तार किया जाता है, भले ही वे मुख्यमंत्री हों. लेकिन अगर वे भाजपा के साथ गठबंधन करते हैं, तो उन्हें मंत्री, उपमुख्यमंत्री बनाया जाता है और लोकसभा टिकट दिया जाता है और, जब हम इसका विरोध करते हैं, तो चिंतित हो जाते हैं.” बारामती लोकसभा क्षेत्र में तीसरे चरण के दौरान 7 मई को मतदान होगा, नतीजे 4 जून को आएंगे.

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