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आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में बड़ा फेरबदल, वाईएस शर्मिला को बनाया गया प्रदेश अध्यक्ष

हैदराबाद:

अविभाजित आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी की बेटी और वर्तमान मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी की बहन वाईएस शर्मिला को कांग्रेस की राज्य इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल द्वारा हस्ताक्षरित एक बयान में कहा गया, “माननीय कांग्रेस अध्यक्ष ने वाईएस शर्मिला रेड्डी को तत्काल प्रभाव से आंध्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया है.”

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पूर्व राज्य कांग्रेस प्रमुख रुद्र राजू ने सोमवार को इस्तीफा दे दिया था, उन्हें पार्टी की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था कांग्रेस कार्य समिति में विशेष आमंत्रित सदस्य नियुक्त किया गया है.

वाईएस शर्मिला इसी महीने कांग्रेस में शामिल हुईं हैं. उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव से कुछ हफ्ते पहले और विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले अपनी वाईएसआर तेलंगाना पार्टी का कांग्रेस में विलय कर दिया था. वो 4 जनवरी को पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे और सांसद राहुल गांधी की उपस्थिति में कांग्रेस में शामिल हुईं थी.

पिछले साल के तेलंगाना चुनाव में कांग्रेस का समर्थन करने के बाद, उन्होंने पार्टी को भारत की सबसे बड़ी और सबसे धर्मनिरपेक्ष पार्टी बताया. उन्होंने ये भी कहा कि राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनते देखना उनके पिता का सपना था.

शर्मिला की नई पार्टी कांग्रेस ने राज्य चुनाव में उनके भाई जगन मोहन रेड्डी और सत्तारूढ़ वाईएसआरसीपी को हराने के लिए उनके नेतृत्व पर भरोसा किया है. ये दक्षिणी राज्यों पर पार्टी के फोकस को भी दिखाता है, जहां उसे देश में कहीं और, खासकर हिंदी पट्टी की तुलना में कहीं अधिक सफलता मिली है.

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पिछले साल कर्नाटक और तेलंगाना में जीती कांग्रेस

पिछले साल की शुरुआत में पार्टी ने कर्नाटक में भाजपा पर जबरदस्त जीत हासिल की और नवंबर में तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव की भारत राष्ट्र समिति को सत्ता से बाहर कर दिया. उसे आंध्र प्रदेश में भी इसी तरह के मजबूत प्रदर्शन की उम्मीद होगी, जहां इस साल राष्ट्रीय चुनाव के साथ मतदान होगा.

यह भी पढ़ें :-  वाईएस शर्मिला ने आंध्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का संभाला पदभार, अपने भाई CM जगन रेड्डी पर साधा निशाना
2019 के विधानसभा चुनाव में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी को 50 प्रतिशत से अधिक वोट मिले थे. शर्मिला पहली बार 2012 में सुर्खियों में आईं, जब तेलंगाना का जन्म भी नहीं हुआ था. राज्य आंदोलन के जोर पकड़ने की पृष्ठभूमि में, उनके भाई ने कांग्रेस से नाता तोड़ लिया और अपनी पार्टी बना ली. उनके साथ 18 विधायक भी शामिल हुए और एक कांग्रेस सांसद ने इस्तीफा दे दिया.

इसके बाद होने वाले उपचुनावों से पहले, जब रेड्डी भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में थे, उनकी मां वाईएस विजयम्मा और बहन ने अभियान का नेतृत्व किया था. वाईएससीआरपी ने विधानसभा पर अपनी पकड़ मजबूत करते हुए बड़ी जीत हासिल की. नौ साल बाद शर्मिला अपने भाई से अलग हो गईं और खुद की वाईएसआर तेलंगाना पार्टी बनाई.

 

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