बिहार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बेगुसराय को सबसे प्रदूषित बताने पर सवाल उठाए
शुक्ला ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘स्विट्जरलैंड के संगठन ने बेगुसराय और भारत के अन्य शहरों की वायु गुणवत्ता का विश्लेषण करने के लिए केवल एक प्रदूषक पीएम 2.5 (2.5 माइक्रोन से कम कण) को ध्यान में क्यों रखा? ”
उन्होंने कहा, ‘‘ जब हम वायु गुणवत्ता के बारे में बात करते हैं तो सभी प्रदूषकों– पीएम 2.5, पीएम 10 , नाइट्रोजन ऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, ओजोन, कार्बन मोनोऑक्साइड, अमोनिया और सीसा को ध्यान में रखते हुए एक व्यापक विश्लेषण किया जाना चाहिए.”
बीएसपीसीबी के अध्यक्ष ने कहा, ‘‘मैं इसे बिल्कुल भी वायु गुणवत्ता का व्यापक विश्लेषण नहीं कहूंगा. रिपोर्ट में पश्चिमी पूर्वाग्रह परिलक्षित होता है.”स्विट्जरलैंड के संगठन द्वारा मंगलवार को जारी विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट 2023 में बेगुसराय सबसे प्रदूषित महानगरीय क्षेत्र रहा जबकि दिल्ली सबसे खराब वायु गुणवत्ता वाली राजधानी रही.
शुक्ला ने कहा, ‘‘बिहार के बेगुसराय सहित सिंधु-गंगा मैदानी इलाके की भौगोलिक स्थिति और मिट्टी की संरचना से उत्पन्न अंतर्निहित नुकसान से इनकार नहीं किया जा सकता है.”
उन्होंने कहा, ‘‘ हम इस तथ्य से इनकार नहीं करते हैं कि हवा से उड़ने वाली धूल, प्रदूषण की समस्या में महत्वपूर्ण योगदान देती है, लेकिन इससे मानवजनित उत्सर्जन को रोकने के लिए समाधान तैयार करने से हमारा ध्यान नहीं हटना चाहिए.”
स्विट्जरलैंड के संगठन की रिपोर्ट पर शुक्ला ने कहा, ‘‘ वे ओजोन वायु प्रदूषण के बारे में बात क्यों नहीं कर रहे हैं. ओजोन वायु प्रदूषण के असाधारण स्तरों के संपर्क में आने से किसी भी अन्य प्रदूषक की तुलना में अमेरिकियों के लिए सांस लेना अधिक मुश्किल हो जाता है.”
उन्होंने कहा कि जहां तक दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में बेगुसराय को शीर्ष पर रखने की बात है तो उन्हें यह कहना होगा कि संगठन ने शहर में स्थापित कुल चार में से केवल एक वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन की रिपोर्ट ली है और अन्य तीन स्टेशनों से रिपोर्ट नहीं ली.
शुल्का ने कहा कि वैसे भी बोर्ड बेगुसराय के साथ-साथ राज्य के अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (आईक्यू) में सुधार के लिए हर संभव उपाय कर रहा है.
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