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ओडिशा में बर्ड फ्लू से हड़कंपः 5 हजार मुर्गियां मारी गईं, कितना खतरनाक 'H5N1', 10 पॉइंट्स में समझिए
- ओडिशा में बर्ड फ्लू से हड़कंपः ओडिशा में बर्ड फ्लू की वजह से दहशत का माहौल बना हुआ है. पुरी जिले के पिपिली क्षेत्र में एवियन इन्फ्लूएंजा या बर्ड फ्लू के एच5एन1 वेरिएंट का पता चलने के बाद 5,000 से अधिक मुर्गियों को मार दिया गया. पिपिली में एक पोल्ट्री फार्म में मुर्गियों की सामूहिक मौत के बाद राज्य सरकार ने एक पशु चिकित्सा टीम भेजी थी जिसने नमूने एकत्र किए और उन्हें परीक्षण के लिए भेज दिया.
- कुल 20,000 पक्षियों को मारा जाएगा: नमूनों की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद सरकार ने शनिवार को फार्म और इलाके में मुर्गियों को मारना शुरू कर दिया. रोग नियंत्रण मामलों के अतिरिक्त निदेशक जगन्नाथ नंदा ने बताया कि शनिवार को 300 मुर्गियां मारी गईं, जबकि रविवार को 4,700 से अधिक मुर्गियां मारी गईं. उन्होंने कहा कि पिपिली में कुल 20,000 पक्षियों को मारा जाएगा.
- पोल्ट्री मालिकों को मिलेगा मुआवजा: पशुपालन एवं पशु चिकित्सा सेवाओं के संयुक्त निदेशक मनोज पटनायक ने कहा कि पोल्ट्री फार्म के एक किलोमीटर के दायरे में आने वाले सभी पक्षियों को मार दिया जाएगा और फार्म को अगले पांच महीने तक मुर्गियां रखने की अनुमति नहीं दी जाएगी. उन्होंने कहा कि किसानों को दिशा-निर्देशों के अनुसार मुआवजा दिया जाएगा.
- बर्ड फ्लू क्या है? बर्ड फ्लू एक वायरल संक्रमण है जो पक्षियों को प्रभावित करता है. यह इन्फ्लूएंजा ए वायरस के कई स्ट्रेंस के कारण होता है, जिनमें से ज्यादातर मुख्य रूप से जंगली जलीय पक्षियों के बीच ट्रांसमिटेड होते हैं. हालांकि, पालतू पक्षी जैसे मुर्गियां, बत्तख और टर्की भी वायरस से संक्रमित हो सकते हैं. दुर्लभ मामलों में बर्ड फ़्लू मनुष्यों और अन्य जानवरों को संक्रमित कर सकता है.
- इंसानों में बर्ड फ्लू के लक्षण क्या हैं? मनुष्यों में बर्ड फ्लू के लक्षण वायरस के प्रकार के आधार पर अलग-अलग तरह के होते हैं. सामान्य तौर पर लक्षणों में बुखार, खांसी, गले में खराश, मांसपेशियों में दर्द और सिरदर्द शामिल हैं. गंभीर मामलों में बर्ड फ्लू से निमोनिया, तीव्र श्वसन संकट सिंड्रोम हो सकता है. वायरस कुछ मामलों में घातक हो सकता है.
- बर्ड फ्लू से कैसे बचे? बर्ड फ्लू से बचने का सबसे अच्छा तरीका पोल्ट्री और पोल्ट्री प्रोडक्ट्स को संभालते समय हाइजीन को मेंटेन करना है. इसमें साबुन और पानी से हाथ धोना, पोल्ट्री प्रोडक्ट्स को अच्छी तरह से पकाना और बीमार पक्षियों के संपर्क से बचना मुख्य तौर पर शामिल है. बीमार पक्षियों को अलग करके और खेत को साफ रखकर झुंड में बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए जरूरी उपाय करने चाहिए.
- क्या बर्ड फ्लू का इलाज हो सकता है? बर्ड फ्लू का कोई स्पेसिफिक इलाज नहीं है. एंटीवायरल दवाएं उपलब्ध हैं जो वायरस के कुछ स्ट्रेन्स के खिलाफ प्रभावी हो सकती हैं, लेकिन उनकी प्रभावशीलता जल्द डायग्नोस और इलाज पर निर्भर करती है. उपचार में मेनली सपोर्टिव केयर शामिल है, जिसमें रोग के लक्षणों और जटिलताओं को मैनेज करना शामिल है.
- इंसानों में वायरस के संक्रमण का कितना खतरा: एच5एन1 का मानव से मानव में संक्रमण का मामला अब तक साबित नहीं हुआ है. इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है. ऐसे में पोल्ट्री के निकट काम करने वाले लोगों को निश्चित तौर पर एहतियात बरतना चाहिए और साफ-सफाई रखना चाहिए.’
- बीमार मुर्गे-मुर्गियों के संपर्क में आने से बचना जरूरी: अगर कोई ठीक से पका हुआ पोल्ट्री उत्पाद खा रहा है तो चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. अभी तक इस बात का कोई सबूत नहीं है कि यह ठीक से पके हुए भोजन से लोगों में फैल सकता है. भोजन को उच्च तापमान पर पकाने पर वायरस नष्ट हो जाता है. संक्रमित, खासकर बीमार मुर्गे-मुर्गियों के संपर्क में आने से बचना चाहिए.
- क्या बर्ड फ्लू महामारी का कारण बन सकता है? बर्ड फ्लू ने पोल्ट्री फार्मों में कई प्रकोप पैदा किए हैं और दुर्लभ मामलों में मनुष्यों को संक्रमित किया है. वायरस के लिए महामारी का कारण बनना आसान नहीं है. वायरस आसानी से मानव से मानव में नहीं फैलता है और मानव संक्रमण के ज्यादातर मामले संक्रमित पक्षियों के सीधे संपर्क से होते हैं.