BJP को नहीं मिला पूर्ण बहुमत, अब PM मोदी के सामने 5 साल में कौन से 5 बड़े चैलेंज?

नई दिल्ली:
देश में भले ही एक बार फिर मोदी सरकार बनने जा रही हो, लेकिन बात अब शायद पहले जैसी नहीं होगी. अब पीएम मोदी (PM Narendra Modi) के सामने कई बड़े चैलेंज होंगे. क्यों कि लोकसभा चुनाव (LokSabhe Elections) में जनता का मूड पता चल चुका है. एनडीए को 543 में से 292 सीटें, तो वहीं इंडिया गठबंधन के खाते में 232 सीटें आई है. बात अगर बीजेपी की करें तो उसको सिर्फ 240 सीटें मिली हैं, जबकि उम्मीद 300 पार की थी. बीजेपी के पास अब बहुमत नहीं है. ऐसे में एनडीए (NDA) के सहारे सरकार बन तो जाएगी, अब चुनौतियां भी काफी बढ़ गई हैं. कामकाजी फैसले लेते समय बीजेपी को सहयोगी दलों का भी ख्याल रखना होगा. बताते हैं कि देश के प्रधानमंत्री के सामने अगले 5 साल में कौन से 5 बड़े चैलेंज होंगे.
1- PM मोदी के सामने पहला चैलेंज
पूर्ण बहुमत न होने की वजह से अब कुनबे को प्राथिकता देनी होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने परिवार को एकुजट रखना बड़ी चुनौती होगी. कानून और बिल में अब सरकार को नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नाडूय का भी ख्याल रखना होगा.
2- PM मोदी के सामने दूसरा चैलेंज
ये बात तो जग जाहिर है कि नीतीश और नायडू, बीजेपी के दोनों ही साझीदार उनके प्राथमिकता वाले मुद्दों पर कभी एकजुट नहीं रहे हैं. नीतीश और नायडू दोनों ही नेता कीमत वसूलने में माहिर रहे हैं. अब बजट से लेकर राज्य तक के लिए वह मोदी सरकार से कुछ और ज्यादा की उम्मीद करेंगे. अब स्पेशल राज्य का मुद्दा बड़ा बना रहेगा. दोनों ही नेता बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए पहले से ही स्पेशव राज्य की मांग करते रहे हैं.
3- PM मोदी के सामने तीरा चैलेंज
बीजेपी के सहयोगी दलों की विचारधारा उससे अलग है. कई मुद्दों को लेकर सहयोगी दलों और बीजेपी के बीच सोच का काफी अंतर है. यही वजह है कि कॉमन सिविल कोड पर मोदी सरकार को थोड़ा थमकर कदम बढ़ाने पड़ सकते हैं. 3-63 सीटों के इस झटके के बाद अब बीजेपी को पार्टी संगठन में भी बदलाव की ओर सोचना होगा. आने वाले दिनों में पार्टी रीस्टार्ट के मूड में दिखाई दे सकती है.
4- PM मोदी के सामने चौथा चैलेंज
पीएम मोदी ने अपने विजयी भाषण में इसके संकेत दिए कि उनकी सरकार बड़े फैसले लेगी. लेकिन यह 5 साल मोदी मैजिक की चमक को फिर से वापस लाने के भी होंगे, इसके लिए मोदी सरकार को अपनी नीतियों को और धरातल पर उतरना पड़ेगा.
5- PM मोदी के सामने पांचवा चैलेंज
आने वाले दिनों में महाराष्ट्र, दिल्ली और हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने हैं. बीजेपी पर अब तीनों राज्यों में बेहतर प्रदर्शन का दवाब रहेगा. दिल्ली को छोड़ बाकी दो राज्यों में लोकसभा चुनाव के नतीजों ने पार्टी के लिए टेंशन बढ़ा दी है. दिल्ली में भले ही AAP का सफाया होता दिख रहा हो, लेकिन ये भी सच है कि विधानसभा चुनावों में उसने हमेशा जोरदार वापसी की है. ऐसे में बीजेपी को इस पर भी ध्यान देना होगा.
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