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BJP राष्ट्रीय परिषद की बैठक, PM मोदी पेश करेंगे आगामी लोकसभा चुनाव का एजेंडा

पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा बैठक का उद्घाटन करेंगे और मोदी रविवार को समापन सत्र को संबोधित करेंगे. ऐसी संभावना जताई जा रही है कि प्रधानमंत्री अपने संबोधन के जरिए भाजपा के चुनावी अभियान की व्यापक रूपरेखा सामने रखेंगे और लोकसभा चुनाव में 370 सीटें जीतने के अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए उन्हें पूरी ताकत झोंक देने के लिए प्रेरित करेंगे.

भाजपा की यह बैठक प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में होनी है. वहां विकसित भारत की अवधारणा पर एक प्रदर्शनी भी लगाई गई है, जिसका उद्घघाटन नड्डा ने शुक्रवार को किया.

भाजपा नेताओं की यह बैठक पिछले कई सालों में हुई पार्टी की परिषद बैठकों में सबसे बड़ी साबित हो सकती है, जिसमें 11,500 सदस्यों के मौजूद रहने का पार्टी ने दावा किया है. कुछ नेताओं ने 1995 में पार्टी द्वारा मुंबई में आयोजित विशाल महाधिवेशन को याद किया जिसमें इसके हजारों सदस्यों ने भाग लिया था. बैठक में मुख्यमंत्री, राज्यों के मंत्री, प्रदेश अध्यक्ष और देशभर से पार्टी संगठन के वरिष्ठ नेता शामिल होंगे.

पार्टी के जिला निकायों और देश भर से आए ‘मोर्चों’ के प्रतिनिधि भी इस विशाल बैठक में शामिल होंगे. पिछले 10 वर्ष में आयोजित राष्ट्रीय परिषद की बैठकों में उपस्थिति आमतौर पर लगभग 3,000 रही थी. इनमें वह दो बैठकें भी शामिल हैं जो वर्ष 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले राष्ट्रीय राजधानी में हुई थीं.

वर्ष 1995 में हुए मुंबई अधिवेशन में भाजपा के तत्कालीन अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी ने अटल बिहारी वाजपेयी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया था और इसके बाद पार्टी के लिए सत्ता का रास्ता साफ हुआ था. इसी प्रकार पार्टी के नेताओं को उम्मीद है कि इस बार की राष्ट्रीय परिषद भी उसके कार्यकर्ताओं में जोश भरने का काम करेगी ताकि मोदी लगातार तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बनें और इस मामले में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के रिकार्ड की बराबरी करें.

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पार्टी के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने बृहस्पतिवार को कहा था कि परिषद में दो प्रस्ताव पारित किए जाने की संभावना है. आम तौर पर, एक प्रस्ताव मौजूदा राजनीतिक माहौल और तात्कालिक मुद्दों पर पार्टी के रुख को सामने रखता है जबकि दूसरा अर्थव्यवस्था की स्थिति पर आधारित होता है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश अर्थव्यवस्था पर हालिया श्वेत पत्र, अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण, विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन में कथित बिखराब, 2023 में जी20 शिखर सम्मेलन की सफलता और देश की वैश्विक स्थिति उन मुद्दों में शामिल हैं, जो बैठक में पार्टी के प्रमुख नेताओं के भाषणों और प्रस्तावों में उठने की संभावना है.

पार्टी नेताओं ने कहा कि बैठक में मोदी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के परिणामों के अलावा महिलाओं, युवाओं, गरीबों और किसानों को सशक्त बनाए जाने की ‘मोदी की गारंटी’ पर ध्यान केंद्रित किया जा सकता है, जिन्हें अक्सर मोदी अपने लिए चार सबसे बड़ी जातियों बताते रहे हैं.

राजनीतिक पर्यवेक्षकों की नजर इस बात पर भी होगी कि क्या सत्तारूढ़ पार्टी चुनावी बॉण्ड और किसानों के विरोध प्रदर्शनों से संबंधित मुद्दों को छूती है कि नहीं. उच्चतम न्यायालय ने चुनावी बॉण्ड को असंवैधानिक करार दिया है जबकि किसान संगठन अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं.

प्रसाद ने बृहस्पतिवार को यह भी कहा कि परिषद की बैठकें साल 2014 और 2019 के आम चुनावों से ठीक पहले आयोजित की गई थीं. उन्होंने कहा कि भाजपा ने 2014 में लोकसभा में बहुमत हासिल किया था और पांच साल बाद उससे भी बड़ी जीत हासिल की थी.

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पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मोदी ने पिछली दो बैठकों में भी अपने विचार रखे थे और अब उन्होंने पार्टी के लिए 370 लोकसभा सीट जीतने का लक्ष्य तय किया है जबकि सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए 543 में से 400 से अधिक सीट जीतने का लक्ष्य तय किया है. प्रसाद ने कहा, ‘‘इस बार प्रधानमंत्री ने भाजपा के लिए 370 सीट और राजग के लिए 400 से अधिक सीट जीतने का लक्ष्य रखा है. प्रधानमंत्री के आह्वान को फलीभूत करने के लिए ‘राष्ट्रीय अधिवेशन’ का आयोजन किया गया है.”

(इस खबर को The Hindkeshariटीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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