देश

BJP Politics: चौंकाने वाले फैसले, फिर भी कोई अंसतोष नहीं, BJP कैसे खींचती है अनुशासन की इतनी बड़ी रेखा?

BJP Politics: एक के बाद एक चौंकाने वाले फैसले, लेकिन फिर भी कोई अंसतोष नहीं, कोई विरोध नहीं. जो कल तक सीएम रेस में सबसे आगे थे, वहीं पार्टी के फैसले की सबसे ज्यादा तारीफ करते दिखते हैं. यह कहानी है भाजपा की, भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के राजनीतिक प्रबंधन की. भाजपा ने राजस्थान में वसुंधरा राजे तो मध्य प्रदेश शिवराज सिंह चौहान जैसे कद्दावर नेताओं के नेतृत्व में चुनाव लड़ा. लोग यह मानकर चल रहे थे कि सीएम यहीं बनेंगे. लेकिन जीत के बाद भाजपा ने पहली बार के विधायक भजनलाल शर्मा तो मोहन यादव को राज्य की कमान सौंप दी. अब ऐसी ही कहानी दिल्ली में भी हुई. इससे पहले भी बीजेपी ने अलग-अलग राज्यों में सीएम का सरप्राइज पैकेज दिया है. 

जब से बीजेपी में नरेंद्र मोदी और अमित शाह का युग शुरू हुआ है, तब से पार्टी ने कई ऐसे फ़ैसले लिए हैं जो सबको चौंका देता है. मुख्यमंत्रियों के चयन में तो ऐसा लगातार ही दिखता आ रहा है.

परवेश वर्मा, बिजेंदर गुप्ता के बीच से पहली बार की विधायक रेखा गुप्ता बनीं सीएम

दिल्ली में सीएम चुनने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी ने एक बार फिर सभी को चौंका दिया. पहली बार विधायक बनीं रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बिठा दिया. हालांकि बिजेंदर गुप्ता, परवेश वर्मा और सतीश उपाध्याय सरीखे सीनियर नेता आस लगाए बैठे थे. रेखा गुप्ता ने खुद माना कि ये सब नरेंद्र मोदी के चलते संभव हो सका. 

पहले भी कई सीएम सरप्राइज पैकेज दे चुकी भाजपा

ऐसा पहली बार नहीं हुआ है. दिल्ली से पहले भी भाजपा के सियासी सस्पेंस के बीच से सीएम सरप्राइज वाले कितने ही उदाहरण हैं. जब मुख्यमंत्रियों के चयन के फ़ैसले ने सबको हैरान कर दिया. इसकी शुरुआत तब हुई जब पहली बार विधायक बने मनोहर लाल खट्टर को 2014 में हरियाणा का सीएम बनाया गया. 

यह भी पढ़ें :-  Lok Sabha Election : वो 10 प्रमुख चेहरे जो तय करेंगे लोकसभा चुनाव की दशा और दिशा

खट्टर 9 साल से ज्यादा सीएम रहने के बाद आज केंद्रीय मंत्री हैं. 2017 में योगी आदित्यनाथ को यूपी का सीएम बनाने का फ़ैसला भी चौंकाने वाला था. फिर चुनाव हारने के बाद भी पुष्कर सिंह धामी को 2022 में उत्तराखंड का सीएम बना दिया गया था. 

पहली बार के विधायक भूपेंद्र पटेल और भजनलाल को बनाया सीएम

पहली बार ही विधायक बने भूपेंद्र पटेल को गुजरात का, जबकि भजनलाल शर्मा को राजस्थान का सीएम बनाया गया. दिसंबर 2023 में राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार बनी. तीनों राज्यों में कद्दावर नेताओं की जगह उन नेताओं को सीएम बनाया गया जिनकी चर्चा कहीं नहीं थी.

वसुंधरा राजे की जगह भजनलाल शर्मा को, शिवराज सिंह चौहान की जगह मोहन यादव को जबकि रमन सिंह की जगह नन्द कुमार साय को सीएम बना दिया गया.

सबसे खास यह कि चौंकाने वाले फैसलों का भी कोई विरोध नहीं

सबसे बड़ी बात ये रही कि इन फ़ैसलों के बाद भी पार्टी में खुले तौर पर कोई असंतोष नहीं पनपा और सबको पार्टी के फ़ैसले के आगे झुकना पड़ा. इसका सबसे बड़ा कारण पार्टी के शीर्ष नेतृत्व और आलाकमान का मज़बूत होना माना जाना है. चौंकाने वाले फैसले के बाद भी अंसतोष नहीं होना पार्टी के भीतर मौजूद अनुशासन की कहानी भी बताता था. पार्टी का छोटा-बड़ा सभी नेता यह मानता है कि पार्टी है तभी मैं हूं. बीते दिनों राजस्थान से इसका उदाहरण भी सामने आया था. जब राजेंद्र राठौड़ को लेकर सियासत मची तो उन्होंने खुलकर कहा कि मैं पार्टी से हूं. पार्टी है तभी मैं हूं. 

यह भी पढ़ें :-  कानून की कसौटी पर कितना खरा उतरेगा उतराखंड का UCC बिल? जानें- क्या कहते हैं सुप्रीम कोर्ट के वकील

कांग्रेस ठीक उलट, हर जगह बगावत

वहीं कांग्रेस में इसके उलट जहां भी सरकार बनती गई वहां बगावत ही देखने को मिली. राजस्थान में सचिन पायलट ने, मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने, छत्तीसगढ़ में टीएस सिंह देव ने अपनी ही सरकार की नाक में दम कर दिया. अभी कर्नाटक में डी के शिवकुमार के तेवर भी कभी नरम और कभी गरम होते रहते हैं.

यह भी पढ़ें – दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने पहले ही दिन क्यों लिया मां यमुना का आशीर्वाद, समझिए मायने


Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button