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दिल्ली: नरेला की फैक्टरी में फटा बॉयलर, 3 की मौत, लगी भीषण आग


नई दिल्ली:

नरेला औद्योगिक इलाके में खाद्य प्रसंस्करण इकाई में शनिवार तड़के आग लगने से तीन लोगों की मौत हो गई. दिल्ली पुलिस ने ये जानकारी दी. पुलिस के अनुसार फूड फैक्टरी में आग लगने से कई लोग गंभीर रूप से घायल. ये फैक्टरी भोरगढ़ एरिया में है. आग लगने का कारण बॉयलर में हुआ ब्लास्ट बताया जा रहा है. रात करीब 3 बजे बॉयलर फट गया और उसमें आग लग गई. हादसे में घायल 6 लोगों को पहले सत्यवादी राजा हरिशचंद्र हॉस्पिटल दाखिल किया गया था. बाद में उन्हें  दिल्ली के बड़े अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया. 

पुलिस ने बताया कि सुबह तीन बजकर 35 मिनट पर सूचना मिली कि सूखी मूंग दाल का प्रसंस्करण करने वाले श्याम कृपा फूड्स प्राइवेट लिमिटेड की फैक्टरी में आग लग गई है. अधिकारी ने कहा कि आग ने फैक्टरी को अपनी चपेट में ले लिया और कुछ श्रमिक उसमें फंस गए. दिल्ली अग्निशमन सेवा (डीएफएस) के एक अधिकारी ने सुबह करीब 8.30 बजे बताया कि दमकल विभाग की 14 गाड़ियों को मौके पर भेजा गया और आग बुझाने का काम अब भी जारी है. उन्होंने बताया कि इमारत से नौ लोगों को बचाया गया.

पुलिस अधिकारी ने बताया कि अस्पताल के चिकित्सकों ने इनमें से तीन लोगों श्याम (24), राम सिंह (30) और बीरपाल (42) को मृत घोषित कर दिया, जबकि अन्य का इलाज जारी है. उन्होंने बताया कि प्रारंभिक जांच के मुताबिक आग लगने का कारण पाइपलाइन में से एक से गैस का रिसाव होना है.  उचित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच की जा रही है.

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हरियाणा में भी हुआ था ऐसा ही हादसा 

मई महीने में हरियाणा के सोनीपत के कुंडली के दहिया कॉलोनी स्थित एक फैक्टरी में भी बॉयलर फटने की घटना में दो लोगों की मौत हो गई. जबकि इस हादसे में छह माह की बच्ची समेत 21 अन्य घायल हो गए थे. इस साल की शुरुआत में महाराष्ट्र के नासिक में भी कुछ ऐसा ही हादसा हुआ था. मुंढेगांव में स्थित एक कारखाने में बॉयलर विस्फोट के बाद आग लग गई. इस घटना में दो लोगों की मौत हो गई है और 17 लोग घायल हो गए थे. ये घटना जनवरी महीने की थी.

मई में महाराष्ट्र के ही ठाणे जिले में रसायन कारखाने में बॉयलर विस्फोट ने कई लोगों की जान ले ली थी. इस हादसे में कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई थी. जबकि 60 से अधिक अन्य घायल हो गए थे. ये भीषण आग आसपास के कारखानों में भी फैल गई. कारखाने का बॉयलर भारत बॉयलर विनियम, 1950 के तहत पंजीकृत नहीं था.

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