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रिफ्यूजी कैंप में जन्म, गलत केस में 23 साल जेल… जानिए याह्या सिनवार कैसे बना हमास का खूंखार बॉस

इजरायल की सेना ने गुरुवार को उत्तरी गाजा में हमास के ठिकानों को निशाना बनाया. इजरायल ने गाजा पट्टी में हवाई हमले किए. इनमें से इस एयर स्ट्राइक में हमास के चीफ याह्या सिनवार (Yahya Sinwar) की मौत हो गई. इजरायल के विदेश मंत्री काट्ज ने सिनवार की मौत की पुष्टि की है. फिलहाल हमास की तरफ से इस बारे में कुछ नहीं कहा गया है. याह्या सिनवार ने जीवन के 23 साल इजरायल की जेलों में बिताए थे और वह इजरायल की भाषा संस्कृति और समाज के बारे में गहरी समझ रखता था. सिनवार ने अधिक हिंसक तरीकों से फिलिस्तीनी मुद्दे को उठाने की का पक्षधर था. 

इजरायल की जेलों और हमास के आंतरिक सुरक्षा तंत्र में काम करते हुए आगे बढ़ा याह्या सिनवार फिलीस्तीनी हमास समूह के नेता के रूप में उभरा था. उसने इस क्षेत्र में युद्ध भड़काने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. सिनवार हमास के उन नेताओं में से था जिन पर पिछले साल 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमास के हमले की साजिश रचने का आरोप है. कहा जाता है कि वह तब गाजा के नीचे आतंकवादियों द्वारा बनाए गए सुरंगों के नेटवर्क में छिपा हुआ था.

इजरायल ने गुरुवार को पहले कहा था कि वह इस बात की जांच कर रहा है कि क्या उसके गाजा ऑपरेशन में 61 साल का यह्या सिनवार मारा गया है. हालांकि बाद में इजरायल के विदेश मंत्री काट्ज ने सिनवार की मौत की पुष्टि कर दी. सिनवार का मारा जाना हमास के लिए एक बड़ा झटका है. 

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पिछले साल 7 अक्टूबर को इजरायल पर हुए हमले के दौरान याह्या सिनवार गाजा में हमास का प्रमुख नेता था, लेकिन अगस्त में राजनीतिक प्रमुख इस्माइल हनीया की हत्या के बाद वह हमास का सबसे बड़ा नेता बन गया था. तेहरान में 31 जुलाई को हनीया की हत्या हो गई थी जिसके लिए इजरायल को दोषी ठहराया गया, जबकि इजरायल ने कभी भी हनीया की हत्या का दावा नहीं किया. जुलाई में ही इजरायल ने कहा कि उसने हमास के सैन्य नेता मोहम्मद डेफ को मार दिया, लेकिन हमास ने कभी भी डेफ की मौत की पुष्टि नहीं की.

हमास के सदस्य अबू अब्दुल्ला के अनुसार याह्या सिनवार एक उत्कृष्ट सुरक्षा ऑपरेटर था, जिसने उसके साथ कई साल इजरायल की जेलों में बिताए थे. पेरिस में अरब सेंटर फॉर रिसर्च एंड पॉलिटिकल स्टडीज की लीला सेरात के मुताबिक सात अक्टूबर के हमले की योजना बनाने में शायद एक या दो साल लगे, लेकिन इसने सभी को आश्चर्यचकित कर दिया और जमीन पर शक्ति संतुलन को बदल दिया. 

अबू अब्दुल्ला ने सिनवार के बारे में कहा था कि, “वह बहुत शांति से निर्णय लेता है, लेकिन जब हमास के हितों की रक्षा की बात आती है तो वह अड़ियल हो जाता है.”  दक्षिणी गाजा के खान यूनिस शरणार्थी शिविर में जन्मा याह्या सिनवार हमास में तब शामिल हुआ था जब शेख अहमद यासीन ने 1987 में पहली फिलिस्तीनी इंतिफादा की शुरुआत के समय इस समूह का गठन किया था.

याह्या सिनवार ने इसके अगले साल हमास के आंतरिक सुरक्षा तंत्र की स्थापना की थी. वह इजरायल को सूचनाएं देने के आरोपी फिलिस्तीनियों को बाहर निकालने, निर्दयतापूर्वक दंडित करने और कभी-कभी मार डालने का काम करने वाली एक खुफिया यूनिट का नेतृत्व करता रहा. इजरायली मीडिया में प्रकाशित सुरक्षा अधिकारियों से पूछताछ के एक दस्तावेज के अनुसार, सिनवार ने खान यूनिस कब्रिस्तान में केफियेह स्कार्फ से एक कथित सहयोगी का गला घोंटने का दावा किया था.

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सिनवार गाजा पट्टी में स्थित इस्लामिक यूनिवर्सिटी से स्नातक था. उसने इजरायली जेलों में 23 साल बिताए थे और इस दौरान उसने हिब्रू भाषा सीखी थी. कहा जाता है कि उसे इजरायली संस्कृति और समाज की गहरी समझ थी.

याह्या सिनवार 2011 में इजरायली सैनिक गिलाद शालिट के बदले रिहा किए गए 1,027 फिलिस्तीनियों में सबसे वरिष्ठ था. तब वह दो इजरायली सैनिकों की हत्या के लिए चार आजीवन कारावास की सजा काट रहा था. बाद में सिनवार गाजा में मूवमेंट का नेतृत्व संभालने से पहले हमास की सैन्य शाखा, एज़ेदीन अल-क़स्साम ब्रिगेड में वरिष्ठ कमांडर बनाया गया था.

सिनवार ने अधिक हिंसक तरीकों से फिलिस्तीनी मुद्दे को उठाने को प्राथमिकता दी, जबकि उसके पूर्ववर्ती हनीया ने हमास का दुनिया के सामने एक उदार चेहरा पेश करने के प्रयासों को प्रोत्साहित किया था.

कहा जाता है कि याह्या सिनवार ने गाजा पट्टी, महमूद अब्बास की फतह पार्टी द्वारा नियंत्रित पश्चिमी तट और पूर्वी यरुशलम को एक साथ लाकर एक संयुक्त फिलिस्तीनी राज्य के लिए प्रयास किया था.

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने पिछले साल 7 अक्टूबर को हुए हमले के बाद गाजा युद्ध छिड़ जाने पर कहा था, “हमास का प्रत्येक सदस्य मरा हुआ है.” इजरायली आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार हमास के हमले से इजरायल में 1,206 लोगों की मौत हुई, जिसमें बंधकों की हत्याएं भी शामिल हैं. हमास की ओर से संचालित गाजा पट्टी के स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, गाजा में इजरायल के जवाबी अभियान में 42,438 लोग मारे गए हैं, जिनमें से अधिकांश आम नागरिक हैं.

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