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जलता रहा भाई, देखती रही मेरी आंखें : बेबस भाई ने बयां किया राफा में तबाही का आंखों देखा मंजर

एक झटके में खो दिए 7 रिश्तेदार
उन्होंने कहा, “मैंने देखा कि आग की लपटें उठ रही थीं. जले हुए शवों के चीथड़े पड़े थे. हर जगह से लोग भाग रहे थे. मदद के लिए चीख-पुकार मची थी. हम उन्हें बचाने में असमर्थ थे.” इन हमलों में हैला ने अपने 7 रिश्तेदारों को खो दिया. सबसे 70 साल के बुजुर्ग और 4 बच्चे शामिल हैं. मोहम्मद अल-हैला बताते हैं, “शव बुरी तरह से जल चुके थे. हम सुबह तक उनकी पहचान नहीं कर पाए. लाशों के चेहरे खराब हो गए थे.”

धमाके से सहम गए टेंट में सो रहे बच्चे 
उत्तरी गाजा से राफा विस्थापित हुए 30 साल के अहमद अल-राहल की भी ही कहानी है. अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा, “हम सोने की तैयारी कर रहे थे. तभी विस्फोटों की आवाज सुनी. धमाके इतने तेज थे कि हमारा टेंट हिल गया. हमें समझ नहीं आ रहा था कि क्या हो रहा है. टेंट में सो रहे बच्चे डर से उठ गए और सहमकर हमारे पास आ गए.” राहल मदद के लिए दौड़ पड़े थे.

डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स ने 180 लोगों का किया इलाज 
रविवार रात करीब 10 बजे राफा क्षेत्र के क्लीनिकों में घायलों को इलाज के लिए पहुंचाया जाने लगा. गाजा में हमास ग्रुप के इमरजेंसी को-ऑर्डिनेटर सैमुअल जोहान के मुताबिक, हमले से महज 2 किलोमीटर दूर डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स की ओर से ऑपरेट किए जा रहे अस्थायी इमरजेंसी ट्रॉमा सेंटर में 28 लोग लाए गए, उनकी पहले ही मौत हो चुकी थी. उन्होंने कहा कि क्लिनिक ने कम से कम 180 लोगों का इलाज किया. इनमें ज्यादातर गंभीर रूप से झुलसे थे. कइयों के शरीर पर छर्रे लगने के घाव थे. कुछ लोगों के शरीर के अंग गायब थे. 

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इंटरनेशनल मेडिकल कोर की ओर से ऑपरेट किए जा रहे एक क्लिनिक में प्लास्टिक सर्जन अहमद अल-मोखलालती ने अपने परिवार खोजने और उनके घायल होने का दर्द बयां किया. उन्होंने कहा, “लोग जल रहे थे. मुझे समझ नहीं आ रहा था कि इस हालत में मैं कैसे उनकी मदद करूं. आसपास लाशों के चीथड़े पड़े थे. कई शवों के अंग नहीं थे. किसी का हाथ नहीं था तो किसी का पैर गायब था.” उन्होंने कहा, एक छोटी लड़की हर किसी से पूछ रही थी कि क्या उन्होंने उसके मां-बाप को देखा है. मोखलालती ने कहा कि बच्ची अनाथ हो चुकी थी. उसके मां-बाप मृतकों में शामिल थे.

आग बुझाने के लिए नहीं था पानी
अहमद अल-मोखलालती ने कहा, “आग बुझाने के लिए पानी नहीं था. आग से कपड़े और प्लास्टिक के टेंट जल गए. आग से खाना पकाने के लिए इस्तेमाल किए गए गैस कनस्तरों में विस्फोट हो गया. मैंने अपनी आंखों से टेंट में कइयों को आग की लपटों में घिरकर तड़पते हुए मदद के लिए चिल्लाते देखा, मगर मैं बेबस था… उसकी जान नहीं बचा सका.”

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पूरा ब्लॉक हो गया तहस-नहस
पीड़ितों के एक बुजुर्ग रिश्तेदार ने बताया, “दोपहर का समय था, लोग अपने टेंट में सुरक्षित और स्वस्थ बैठे थे. हमने एक बड़े विस्फोट की आवाज सुनी, जिसने क्षेत्र को हिलाकर रख दिया. आवाज इतनी तेज थी कि पूरा ब्लॉक तहस-नहस हो गया. लोग जान बचाने के लिए भागे. चारों तरफ लाशें ही दिख रही थीं.”
 

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हमलों पर इजरायली सेना ने क्या कहा?
इजरायल डिफेंस फोर्स (IDF) ने हमले की पुष्टि करते हुए कहा, “राफा में हमास कंपाउंड पर हमला किया गया. वहां काफी समय से हमास के आतंकी का कर रहे थे. हमला इंटेलिजेंस इनपुट के आधार पर किया गया. हमले के बाद लगी आग के कारण कई नागरिकों को नुकसान पहुंचा है, जिसकी जांच की जा रही है.”

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‘वॉशिंगटन की रिपोर्ट’ के मुताबिक, इसे जनवरी के बाद से इजरायल पर हमास का पहला बड़ा हमला माना जा रहा है. हमास अल-अक्सा टीवी ने बताया कि रॉकेट हमले गाजा पट्टी से किए थे. रिपोर्ट के मुताबिक इजराइली सेना ने संभावित हमलों की चेतावनी देते हुए कई शहरों में सायरन बजाया था.
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हमास ने अमेरिका को ठहराया जिम्मेदार
दूसरी ओर, हमास के एक सीनियर ऑफिसर सामी अबू जुहरी ने इस हमले को नरसंहार बताया है. जुहरी ने कहा है कि इस ‘नरसंहार’ के लिए अमेरिकी जिम्मेदार है, क्योंकि वो इजरायल को पैसा और हथियार मुहैया करा रहा है.

बता दें कि दक्षिण अफ्रीका ने जंग रोकने के लिए इजरायल के खिलाफ इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ)में याचिका दायर की थी. ICJ ने शुक्रवार (24 मई) को इजरायल को आदेश दिया कि वह राफा में हमले को तुंरत रोके. इजरायल ने आरोपों को खारिज करते हुए कोर्ट का ऑर्डर न मानने की बात कही है. इजराइली वॉर कैबिनेट के मंत्री बेनी गैंट्ज ने कहा कि वे राफा में जंग जारी रहेगा.

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