बजट 2025: जस्टजॉब्स नेटवर्क की सबीना दीवान ने कहा- 'रोजगार के चैलेंज का समाधान है ये बजट'
नई दिल्ली:
बजट 2025 आज पेश किया गया है, जिसमें मिडिल क्लास से लेकर किसानों तक को राहत दी गई है. जस्टजॉब्स नेटवर्क की अध्यक्ष और कार्यकारी निदेशक सबीना दीवान ने बजट पर कहा कि इस बजट में किसानों के लिए और जो छोटे-छोटे व्यापारी हैं, उनके लिए सरल फाइनेंस की व्यवस्था की गई है, लेकिन जिन बुनियादी मुद्दों के कारण रोजगार आगे नहीं बढ़ रहा और अर्थव्यवस्था धीरे हो रही है. या यूं कहें इकॉनोमी के सामने जो चैलेंज हैं, आगे के समय में ये बजट उसका समाधान बनेगा.
दुनिया के बड़े-बड़े देशों के बीच भारत की अर्थव्यवस्था अभी सबसे तेज गति से बढ़ रही है, लेकिन इस बढ़ोतरी की दर में गिरावट हो रही है और आगे जाकर भी गिरावट होगी. इससे रोजगार के ऊपर बहुत बड़ा फर्क पड़ेगा. हर बजट मोटी-मोटी और बड़ी-बड़ी बातें आगे रखता है. इस बजट में भी ये बातें आगे रखी गई हैं. हमारे मिडिल क्लास के खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी, ये अच्छी बात है. देखा जाए तो इस बजट में रोजगार को भी प्राथमिकता दी गई है, जो कि अच्छी बात है.
किसानों के लिए और जो छोटे-छोटे व्यापारी हैं, एमएसएमई के लिए सरल फाइनेंस की व्यवस्था की गई है, लेकिन जिन बुनियादी मुद्दों के कारण रोजगार आगे नहीं बढ़ रहा है और अर्थव्यवस्था धीरे हो रही है… अभी जो चैलेंज आ रहे हैं, आगे के समय में उनका ये बजट वाकई समाधान है.
70 प्रतिशत से ज्यादा बिजनेस इनफॉर्मल
बजट में हम बात कर रहे है कि किसानों के लिए और एमएसएमई के फाइनेंस की व्यवस्था की, लेकिन हमारे छोटे व्यापारी और उद्यमी (entrepreneur) इनफॉर्मल हैं. रेहड़ी वाले और सब्जी वाले… 70 प्रतिशत से ज्यादा बिजनेस इनफॉर्मल हैं तो इन लोगों को कैसे इनका लाभ मिलेगा, ये भी सवाल है.
प्राइवेट सेक्टर के लिए स्किल ट्रेनिंग जरूरी
हम अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के लिए स्किल की बात तो कर रहे हैं, लेकिन हमारा जो वर्तमान में स्किल सिस्टम है या यूं कहें जो सरकार के जरिए जिस स्किल को बढ़ावा मिल रहा है, ये प्राइवेट सेक्टर के साथ ज्यादा कनेक्ट नहीं है. प्राइवेट सेक्टर को ज्यादा स्किल ट्रेनिंग में भाग लेना चाहिए, लेकिन जो स्किल ट्रेनिंग में काम नहीं कर रहा है, उसी को आगे बढ़ाते जा रहे हैं. इस बजट में ऐसा कुछ नहीं है, जो प्राइवेट सेक्टर में और तेजी लाए. इस बजट में रोजगार के लिए काफी कुछ बोला गया है. लेकिन असल बात जिसके कारण रोजगार आगे बढ़ेगा, कुछ चीजें मिसिंग भी हैं.