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"असम में CAA का कोई महत्व नहीं, यहां होंगे सबसे कम आवेदन": CM हिमंता बिस्वा सरमा

नागरिकता कानून पर असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा.(फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

देशभर में CAA लागू हो गया है, लेकिन असम में यह कानून पूरी तरह से महत्वहीन है, ये बात असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कही. उन्होंने दावा किया कि पोर्टल पर CAA के तहत नागरिकता के लिए आवेदन करने वालों की संख्या असम से बहुत ही कम होगी. सीएम हिमंता सरमा (CM Hemanta Biswa Sarma On CAA) ने कहा कि नागरिकता कानून को लेकर बिल्कुल भी उत्साह नहीं हैं. इसके साथ ही उन्होंने इस कानून के विरोध में भावनाएं भड़काने वालों से भी जवाब मांगा.

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“2014 से भारत आए तो NRC में आवेदन क्यों नहीं किया?” 

असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि CAA में 2014 का कटऑफ है, अगर कोई उससे पहले भारत में आया है, तो उसने एनआरसी में आवेदन क्यों नहीं किया. उन्होंने कहा कि एनआरसी डेटा की वजह से असम में 2014 से पहले आए लोगों का प्रमाण है. उन्होंने कहा कि असम से कितने लोगों ने नागरिकता के लिए आवेदन किया है, ये कोई भी पता लगा सकता है, क्यों कि अब पोर्टल शुरू हो गया है. असम के सीएम ने कहा कि 2019 में CAA विरोधी प्रदर्शनों में पांच युवाओं की मौत पर नेताओं को जवाब देना होगा. उन्होंने कहा कि जिस भी व्यक्ति को असम एनआरसी लिस्ट में अपना नाम नहीं मिला है, वह सीएए के जरिए आवेदन दे सकते है. सीएम सरमा ने कहा कि NRC की वजह से हमारा सिस्टम लॉक है, इसीलिए सीएए के जरिए किसी नए व्यक्ति को एंट्री नहीं मिल सकती.

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“असम में NRC की वजह से लोगों के आने के सबूत”

हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि यहां लोग भावनाओं में बहकर प्रतिक्रिया देने की वजह से मख्य बात नहीं समझ पाते हैं. सीएए में 2014 का कट ऑफ है. उन्होंने कहा कि अगर आप 2014 से पहले असम में आए हैं, फिर एनआरसी में आवेदन क्यों नहीं किया. अन्य राज्यों में 2021 में प्रवेश करने वाले लोग अगर दावा करते हैं कि वह 2014 में आए थे, लेकिन वहां इसका कोई सबूत नहीं है. लेकिन एनआरसी की वजह से असम में इस बात का सबूत है कि 2014 से पहले कोई शख्स यहां आया है. 

असम के सीएम ने कहा कि पोर्टल में हर दिन देखा जा सकता है कि असम में कितने लोग आवेदन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने एनआरसी में आवेदन किया है, उन्हें छोड़कर एक भी व्यक्ति सीएए के जरिए आवेदन नहीं कर पाएगा. उनके लिए यह आसान नहीं होगा, क्योंकि असम में पहले से ही एक उचित प्रणाली लागू है और एनआरसी का डेटा लॉक है. 

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