"कभी वापस नहीं होगा CAA", अमित शाह ने दिया हर सवाल का जवाब, पढ़ें इंटरव्यू की बड़ी बातें
Amit Shah on CAA: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सीएए को लेकर विपक्ष द्वारा फैलाए जा रहे नकारात्मक प्रचार पर अपना रुख साफ किया है. उन्होंने कहा कि एनआरसी और सीएए का कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने साथ ही ये भी कहा कि ये कानून कभी वापस नहीं होगा. ये शरणार्थियों को न्याय देने का मुद्दा है. ANI से इंटरव्यू में अमित शाह ने CAA को लेकर हर सवाल का जवाब दिया.
मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक बार फिर से साफ किया कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA Notification) मुसलमानों के खिलाफ नहीं है. उन्होंने विपक्षी दलों पर “झूठ की राजनीति” करने का आरोप लगाया. उन्होंने विपक्षी नेताओं अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal), राहुल गांधी (Rahul Gandhi), असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) और ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) को जमकर घेरा.
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अमित शाह ने सीएए को लेकर कहा कि जब विभाजन हुआ तो पाकिस्तान में 23 प्रतिशत हिन्दू थे, आज 3.7 प्रतिशत हैं. कहां गए सारे. इतने तो यहां नहीं आए. उनका धर्म परिवर्तन किया गया, अपमानित किया गया. क्या देश को इसका विचार नहीं करना चाहिए. बांग्लादेश में 1951 में हिन्दुओं का 22 प्रतिशत था. 2011 की जनगणना में वो 10 प्रतिशत रह गया. कहां गए? अफगानिस्तान में 1992 के 2 लाख सिख और हिन्दू थे आज 500 बचे हैं. क्या इन लोगों को अपनी आस्था के साथ जीने का अधिकार नहीं है. जब भारत एक था तो ये साथ ही थे. ये हमारे ही लोग हैं. अगर उनकी थ्योरी को भी अपनाएं तो विभाजन के बाद इतने शरणार्थियों को क्यों आने दिया गया?
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अमित शाह ने कहा कि विपक्ष रोहिंग्या की बात क्यों नहीं करता, केजरीवाल रोहिंग्या की चर्चा नहीं करते. तुष्टीकरण की राजनीति के लिए विपक्ष इस पर राजनीति कर रहा है.
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गृहमंत्री ने कहा कि सीएए इस देश का कानून है. हमने घोषणापत्र में सीएए का वादा किया था. बीजेपी का एजेंडा बिल्कुल साफ है. मोदी की हर गारंटी पूरी होगी.
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अमित शाह ने कहा कि नागरिकता से कभी समझौता नहीं करेंगे. आदिवासियों के अधिकार में इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा. संविधान की छठी अनुसूची के तहत विशेष दर्जा प्राप्त क्षेत्रों समेत पूर्वोत्तर राज्यों के अधिकांश आदिवासी क्षेत्रों को सीएए के दायरे से बाहर रखा गया है. इसके मुताबिक- पूर्वोत्तर के उन राज्यों में भी लागू नहीं किया जाएगा, जहां इनर लाइन परमिट (आईएलपी) व्यवस्था लागू है.
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जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने कहा कि ये मामला सुप्रीम कोर्ट में है तो इसे क्यों लागू किया गया. अमित शाह ने इस पर कहा कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का कोई स्टे नहीं है. इसलिए लागू करने में कोई दिक्कत नहीं थी. अनुच्छेद 370 पर 1951 में ही अर्जी हो गई तो इतने समय तक क्यों रखा? जब आपके पक्ष की बात होती है तो नैतिकता के पैरामीटर्स बदल जाते हैं.
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“अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए सीएए लाए” वाले उद्धव ठाकरे के आरोप पर अमित शाह ने कहा कि उन्हें जनता के सामने ये स्पष्ट करना चाहिए कि ये कानून चाहिए या नहीं.
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अमित शाह ने ये भी साफ किया कि मुसलमानों को भी नागरिकता का अधिकार होगा, वे अप्लाई कर सकते हैं. भारत सरकार उसका निर्णय करेगी. रास्ता किसी के लिए बंद नहीं है.
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दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल द्वारा सीएए पर सवाल उठाने कि सीएए से बाहर के लोग आ जाएंगे, चोरी, रेप की घटनाएं बढ़ेंगी, नौकरियां छीन जाएंगी? इस पर अमित शाह ने कहा कि दिल्ली के सीएम उनका भ्रष्टाचार का मामला उजागर होने से आपा खो बैठे हैं. उन्हें ये नहीं पता कि वो तो आ चुके हैं और भारत में ही रह रहे हैं. इतनी चिंता है तो वे रोहिंग्या का विरोध क्यों नहीं करते. रोहिंग्या क्या नौकरी का अधिकार नहीं मार रहे. आप उनके लिए तो नहीं बोल रहे. उनके लिए दिल्ली के चुनाव लोहे के चने चबाने जैसे हैं. मैं तो उन्हें ये भी कहूंगी कि वो किसी रिफ्यूजी के घर जाकर एक कप चाय पीकर आएं. उनका दर्द समझें कि कैसे उन्होंने अरबों की संपत्ति छोड़कर दिल्ली के बाजार में सब्जी की दुकानें लगाईं. धर्म के नाम पर कैसे इन परिवारों की महिलाओं का गौरव छीना गया. आज भी ऐसे लोगों के पास नागरिकता नहीं, प्रोपर्टी नहीं, ….
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अमित शाह ने ये भी कहा कि विभाजन का फैसला कांग्रेस ने किया था, उस समय कहा था कि जो आएंगे नागरिकता देंगे, वे वादे से मुकर गए. हम ऐसा नहीं कर सकते.
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डिटेंशनकैंप की अफवाहों पर उन्होंने कहा कि ऐसा कोई प्रोविजन सीएए में है ही नहीं और जो सीएए के तहत नहीं आएंगे उनकी भी व्यवस्था की जाएगी. फिलहाल 85 प्रतिशत इसके तहत आ रहे हैं. उनकी व्यवस्था हो रही है.
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केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल तीनों राज्यों ने कहा कि हम लागू नहीं होने देंगे? इस पर अमित शाह ने कहा कि हमारे अनुच्छेद 11 में संसद ने नागरिकता के बारे में कानून बनाने का अधिकार संसद को दिया है. ये केंद्र का विषय है. ये केंद्र और राज्य का साझा मामला नहीं है. राज्य भी चुनाव के बाद कॉपरेट करेंगे. वे सिर्फ चुनाव के लिए राजनीति कर रहे हैं.
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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने CAA को असंवैधानिक बताया है तो वहीं शशि थरूर ने कहा है कि अगर इंडिया गठबंधन जीतेगा तो इसे वापस ले लेंगे. इस सवाल पर अमित शाह ने कहा कि उन्हें भी मालूम है कि इंडिया गठबंधन सत्ता में नहीं आएगा. इसे वापस लेना असंभव है. हम पूरे देश को जागरूक करेंगे. इस पलटने की जो बात कर रहे हैं उन्हें इसका मौका नहीं मिलेगा. ये पूरी तरह से संवैधानिक है.
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असदुद्दीन ओवैसी ने इसे एंटी मुस्लिम कहा है? इस सवाल पर अमित शाह ने कहा कि सीएए में भारत से कटे हुए हिस्से जो अल्पसंख्यक शरणार्थी आए हैं, जिन्हें धार्मिक प्रताड़ना दी गई है, उन्हें नागरिकता दे रहे हैं. इन तीनों देश में मुसलमानों पर धार्मिक प्रताड़ना नहीं हो सकती क्योंकि तीनों ही देश घोषित इस्लामिक स्टेट हैं.
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कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने भी कहा है कि सरकार अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए लेकर आई है… ? अमित शाह ने इस सवाल पर कहा कि राहुल गांधी से आप ही चर्चा करके इसकी डिटेल पूछ लीजिए कि आखिर वो सीएए का विरोध क्यों कर रहे हैं.