यूपी सरकार का कैबिनेट विस्तार, BJP से दो और RLD-SBSP से एक-एक मंत्री ने ली शपथ

नई दिल्ली :
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहली बार मंत्रिमंडल विस्तार हुआ. राजभवन में कुल चर मंत्रियों को शपथ दिलाई गई. इनमें से दो मंत्री भाजपा से और दो सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल से हैं. शपथ लेने वाले नए मंत्रियों में भाजपा से दारा सिंह चौहान और सुनील शर्मा शामिल हैं. वहीं सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर और राष्ट्रीय लोकदल के अनिल कुमार शामिल हैं.
उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल विस्तार | लखनऊ: SBSP प्रमुख ओम प्रकाश राजभर, भाजपा नेता दारा सिंह चौहान, RLD विधायक अनिल कुमार और भाजपा के सुनील कुमार शर्मा ने उत्तर प्रदेश कैबिनेट में मंत्री पद की शपथ ली। pic.twitter.com/6WuC12xIQY
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 5, 2024
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समाजवादी पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हुए दारा सिंह चौहान को मंत्रिमंडल में जगह दी गई है. दारा सिंह चौहान उपचुनाव में कोई कमाल नहीं दिखा पाए थे, हालांकि लोनिया समाज में उनकी अच्छी पकड़ है और घोसी लोकसभा सीट पर इस समाज का खासा प्रभाव है. चौहान ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत बसपा से की थी और लोगों के बीच उनकी अच्छी पकड़ है. 2015 में दारा सिंह बीजेपी में शामिल हो गए थे. हालांकि 2022 में बीजेपी से इस्तीफा देकर सपा में शामिल हो गए थे. हालांकि लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर दारा सिंह बीजेपी में लौट आए हैं.
आरएलडी के कोटे से अनिल कुमार को मंत्री बनाया गया है. अनिल कुमार मुजफ्फरनगर के पुरकाजी सुरक्षित सीट से विधायक हैं. वह RLD से तीसरी बार विधायक चुने गए हैं. RLD ने दलितों को साधने के लिए अनिल का नाम आगे किया है.
सुनील कुमार शर्मा पेशे से वकील हैं. गाजियाबाद की साहिबाबाद विधानसभा सीट से BJP से लगातार दूसरी बार जीते हैं. 2017 के चुनाव में सुनील शर्मा को कुल 2 लाख 62 हजार 741 वोट मिले थे और उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी कांग्रेस प्रत्याशी अमरपाल शर्मा को 1 लाख 50 हजार 685 वोटों के अंतर से हराया था.
वहीं सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक के बाद 16 जुलाई 2023 को राजग में अपनी वापसी की घोषणा की थी. शाह ने अपनी मुलाकात की एक तस्वीर साझा की और सुभासपा के संस्थापक-नेता का राजग में स्वागत किया था.
2022 के उप्र विधानसभा चुनाव में राजभर का समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन को ‘पूर्वांचल’ के कुछ हिस्सों में भाजपा के अपेक्षाकृत खराब प्रदर्शन का एक महत्वपूर्ण कारण माना गया था. राजभर ने 2017 में भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था लेकिन बाद में उनके रिश्ते खराब हो गये थे और उन्होंने योगी सरकार से इस्तीफा दे दिया था. राजभर ने 2022 में सपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा.