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लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए प्रचार अभियान थमा; 26 को 89 सीट पर होगा मतदान, चुनावी मैदान में हैं ये प्रमुख उम्मीदवार

केरल में चुनाव प्रचार के अंतिम दिन विभिन्न राष्ट्रीय नेताओं ने प्रचार किया, जिनमें गृह मंत्री अमित शाह, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे और कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी शामिल थीं. इन नेताओं ने विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में जनसभाओं को संबोधित किया. कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी भाजपा-जनता दल (सेक्युलर) गठबंधन के बीच मुख्य मुकाबला माना जा रहा है. कांग्रेस ने जहां इस चरण की सभी 14 सीट पर उम्मीदवार उतारे हैं वहीं, भाजपा ने 11 जबकि जद(एस) ने तीन सीट पर उम्मीदवारों को टिकट दिए हैं.

कर्नाटक का मिजाज

पिछले कुछ दिन में हुए धुआंधार प्रचार अभियान के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने भाजपा के लिए रैलियां और रोड शो किए. भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा, कुछ केंद्रीय मंत्री और गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने भी राज्य में प्रचार किया. मल्लिकार्जुन खरगे, वरिष्ठ नेताओं राहुल गांधी व प्रियंका गांधी, मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार और तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने कांग्रेस के लिए प्रचार किया. जद (एस) के लिए पार्टी के संरक्षक व पूर्व प्रधानमंत्री एच. डी. देवेगौड़ा (90) और पूर्व मुख्यमंत्री एच. डी. कुमारस्वामी ने मोर्चा संभाला.

महाराष्ट्र में इन सीटों पर मुकाबला

महाराष्ट्र में आठ लोकसभा सीट के लिए 204 उम्मीदवार मैदान में हैं. पश्चिमी विदर्भ में बुलढाणा, अकोला, अमरावती, वर्धा, यवतमाल-वाशिम, मराठवाड़ा में हिंगोली, नांदेड़ और परभणी लोकसभा सीट पर मतदान होगा. इन सीट कुल 1,49,25,912 मतदाता मतदान के पात्र हैं. 

पश्चिम बंगाल में ऐसे हुआ प्रचार

पश्चिम बंगाल की तीन लोकसभा सीट दार्जिलिंग, रायगंज और बालुरघाट के लिए भी प्रचार अभियान थम गया. इन सीट पर कुल 51,17,955 मतदाता मतदान के पात्र हैं और चुनाव लड़ रहे 47 उम्मीदवारों में से तीन महिलाएं हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री व टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी और उनके भतीजे व पार्टी सांसद अभिषेक बनर्जी जैसे दिग्गजों नेताओं ने अपनी-अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया.

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पीएम मोदी ने गरमाया माहौल

इस बीच, चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को राजस्थान के बांसवाड़ा में एक रैली को संबोधित करते हुए विवाद खड़ा कर दिया. कांग्रेस के घोषणा-पत्र की आलोचना करते हुए, उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी दल लोगों की मेहनत की कमाई और कीमती सामान ‘घुसपैठियों’ और ‘अधिक बच्चे वालों’ को देने की योजना बना रही है. उन्होंने 2006 में पूर्व प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह के भाषण का हवाला देते हुए यह आरोप लगाया, जिन्होंने कहा था कि देश के संसाधनों पर अल्पसंख्यकों का ‘पहला दावा’ होना चाहिए.

कांग्रेस ने दिया जवाब

कांग्रेस ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव के पहले चरण में ‘निराशा’ का सामना करने के बाद, प्रधानमंत्री लोगों का ध्यान वास्तविक मुद्दों से भटकाने के लिए ‘झूठ’ और ‘घृणास्पद बयानबाजी’ का सहारा ले रहे हैं. पार्टी ने निर्वाचन आयोग से मोदी की टिप्पणियों के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई करने का भी आग्रह किया. पार्टी ने आरोप लगाया कि उनकी टिप्पणियां ‘विभाजनकारी’, ‘दुर्भावनापूर्ण’ हैं और उन्होंने एक विशेष धार्मिक समुदाय को निशाना बनाकर ये दावे किए.

पित्रोदा ने फिर दिया मौका

अगले दिन, मोदी ने फिर से कांग्रेस पर सत्ता में आने पर लोगों की संपत्ति बांटने की योजना बनाने का आरोप लगाया, लेकिन इस बार मुसलमानों का जिक्र नहीं किया. बड़ी मुस्लिम आबादी वाले पश्चिमी उत्तर प्रदेश के निर्वाचन क्षेत्र अलीगढ़ में रैली को संबोधित करते हुए, मोदी ने कहा कि वह लोगों को कांग्रेस और विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ के ‘इरादों’ के बारे में ‘सतर्क’ करना चाहते थे. इस बीच ‘विरासत कर’ को लेकर कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा की टिप्पणियों से विवाद खड़ा हो गया. इसे आधार बनाकर मोदी और भाजपा के अन्य नेताओं ने ‘संपत्ति बांटने’ के आरोपों को लेकर कांग्रेस पर चौतरफा हमला शुरू कर दिया. बुधवार को अपनी चुनावी रैलियों में, मोदी ने पित्रोदा की टिप्पणियों का जिक्र करते हुए कांग्रेस पर हमला बोला. मोदी ने जोर देते हुए कहा कि उन्होंने (कांग्रेस) अपने छिपे हुए एजेंडे को उजागर कर दिया है. मोदी ने कहा कि कांग्रेस देश के सामाजिक व पारिवारिक मूल्यों से इतनी दूर हो गई है कि वह लोगों की वह संपत्ति तथा जीवन भर की बचत कानूनी रूप से लूटना चाहती है, जिसे लोग अपने बच्चों को देना चाहते हैं. कांग्रेस ने पित्रोदा की टिप्पणियों से किनारा कर लिया.

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पिछले चुनाव का परिणाम

शुक्रवार के चरण के बाद केरल, राजस्थान और त्रिपुरा में मतदान खत्म हो जाएगा. 19 अप्रैल को पहले चरण में तमिलनाडु (39), उत्तराखंड (5), अरुणाचल प्रदेश (2), मेघालय (2), अंडमान-निकोबार द्वीप समूह (1), मिजोरम (1), नागालैंड (1), पुडुचेरी (1), सिक्किम (1) और लक्षद्वीप (1) में मतदान के साथ लोकसभा चुनाव संपन्न हो गया था. साल 2019 में, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठंबधन (राजग) ने इन 89 में से 56 जबकि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) ने 24 सीट जीती थीं, इनमें से छह सीट पर परिसीमन हुआ है.

7 मई को तीसरे चरण का मतदान

इन निर्वाचन क्षेत्रों के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि मतदान से 48 घंटे पहले कोई भी बाहरी व्यक्ति इन क्षेत्रों में न रहे. इसके अलावा किसी भी प्रकार के चुनाव प्रचार, जनसभाएं, राजनीतिक दलों द्वारा संवाददाता सम्मेलन आयोजित करने, इलेक्ट्रॉनिक या प्रिंट मीडिया में साक्षात्कार और पैनल परिचर्चा पर भी सख्त पाबंदी लगा दी गई हैं. सात मई को लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 94 सीट पर मतदान होगा.

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