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जम्मू-कश्मीर में क्या सीन पलट सकती है BJP, महबूबा-निर्दलीयों के साथ सरकार बनाने का क्या चांस?


नई दिल्ली:

जम्मू कश्मीर (Jammu and Kashmir) में धारा 370 के हटाए जाने के बाद पहली बार चुनाव हो रहे हैं. तीन चरणों में मतदान सपन्न होने के बाद अब सबकी नजर 8 तारीख पर है. इससे पहले शनिवार को कई एजेंसियों की तरफ से एग्जिट पोल जारी किए गए. कुछ एग्जिट पोल में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के गठबंधन को बहुमत मिलता हुआ दिख रहा है. हालांकि कुछ एग्जिट पोल में कांग्रेस गठबंधन बहुमत से कुछ दूर दिख रही है. तमाम सर्वे में बीजेपी को 20-35 सीट तक मिलने की संभावना व्यक्त की गयी है. ऐसे में बीजेपी की तरफ से भी बहुमत के आंकड़ों तक पहुंचने की कोशिश जारी है. 

निर्मल सिंह ने क्या कहा? 
जम्मू कश्मीर के पूर्व उपमुख्यंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता निर्मल सिंह ने The Hindkeshariके साथ बात करते हुए बताया कि निर्दलीय चुनाव जीतने की संभावना रखने वाले नेताओं के साथ बातचीत जारी है. हालांकि उन्होंने कहा कि ये पार्टी के स्तर पर नहीं वो अपने स्तर पर कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारी इच्छा है कि हमारी पार्टी सरकार बनाए. जो हमारे जान पहचान के हैं मैं उनसे बात कर रहा हूं. सिर्फ हम ही नहीं बाकी लोग भी बातचीत जरूर कर रहे होंगे. ऐसा तो होता नहीं है कि लोग रिजल्ट का इंतजार करेंगे. 

बीजेपी नेता ने कहा कि जिस तरह से चुनाव पूर्व गठबंधन होता है उसी तरह मतगणना से पहले भी तो चर्चा हो ही सकती है. यह पूछे जाने पर कि क्या बीजेपी की अगर सरकार बनती है तो क्या कोई गैर विधायक भी मुख्यमंत्री बन सकते हैं? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि अभी तक तो कोई ऐसी परंपरा नहीं रही है. कांग्रेस इस तरह का कार्य करती रही है.  

जम्मू  कश्मीर का क्या है एग्जिट पोल? 
The Hindkeshariके पोल्स ऑफ पोल्स के मुताबिक राज्य की 90 सदस्यों वाली विधानसभा में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस का गठबंधन 42 सीटें जीतता हुआ दिख रहा है. वहीं बीजेपी के हिस्से में 27 सीटें आती हुई दिख रही हैं. पीडीपी को सात और अन्य को 14 सीटें मिलती हुई दिख रही हैं. इस स्थिति में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस का गठबंधन को अन्य दलों से समर्थन लेना पड़ेगा. राज्य की विधानसभा में 90 सीटों के लिए चुनाव हुआ है.वहीं पांच सदस्यों को उपराज्यपाल को नामित करना है.नामित सदस्यों के बाद विधानसभा में सदस्यों की संख्या 95 हो जाएगी. इसमें  बहुमत के लिए 48 सदस्यों की समर्थन जरूरी हो जाएगा. इस संख्या के पास अभी कोई भी पार्टी जाती हुई नहीं दिख रही है. 

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साल 2014 के चुनाव में भी बने थे यही हालात
पिछला चुनाव 2014 में हुआ था. इसके परिणाम 23 दिसंबर 2014 को घोषित किए गए थे. तब जम्मू कश्मीर में विधानसभा की 87 सीटें थीं, अब 90 सीटें हैं. विधानसभा चुनान में महबूबा मुफ्ती की पार्टी जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) को सबसे अधिक 28 सीटें मिली थीं. कुल 25 सीटें जीतकर बीजेपी दूसरे स्थान पर रही थी. फारूक अब्दुल्ला की पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस को 15 और कांग्रेस को 12 विधानसभा क्षेत्रों में जीत मिली थी. राज्य में तीन सीटों पर निर्दलीय और चार सीटों पर अन्य छोटे दलों के उम्मीदवार जीते थे. बहुमत के आंकड़े तक कोई भी पार्टी नहीं पहुंच सकी थी.

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