कनाडा ने कुछ वीजा सेवाएं बहाल करने के भारत के फैसले का स्वागत किया
भारतीय उच्चायोग का बयान
ओटावा में भारतीय उच्चायोग ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट की गई एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘‘इस संबंध में कनाडा के कुछ हालिया कदमों को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के बाद निर्णय लिया गया है कि 26 अक्टूबर से प्रवेश वीजा, बिजनेस वीजा, मेडिकल वीजा, और कॉन्फ्रेंस वीजा श्रेणियों के लिए वीजा सेवाओं को फिर शुरू किया जाएगा.”
कनाडा के पीएम के आरोपों के बाद आई थी संबंधों में दरार
ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत में 18 जून को निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट की ‘‘संभावित” संलिप्तता के संबंध में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद पिछले महीने भारत और कनाडा के बीच तनाव बढ़ गया था. इसके बाद कनाडा और अन्य देशों में कनाडाई नागरिकों के लिए सेवाएं निलंबित कर दी गई थीं. भारत ने 2020 में निज्जर को आतंकवादी घोषित किया था। भारत ने ट्रूडो के आरोपों को ‘‘बेतुका” और ‘‘निहित स्वार्थों से प्रेरित” बताकर खारिज कर दिया था.
कनाडा के आव्रजन मंत्री मार्क मिलर ने बुधवार को भारत के कदम को कई कनाडाई नागरिकों के लिए ‘‘चिंताजनक समय” के बाद ‘‘एक अच्छा संकेत” बताया. ‘सीटीवी न्यूज’ ने मिलर के हवाले से कहा, ‘‘हमें लगता है कि सेवाओं को निलंबित किया ही नहीं जाना चाहिए था.” उन्होंने कहा कि ‘‘भारत के साथ वास्तव में चिंताजनक राजनयिक स्थिति ने कई समुदायों में काफी भय पैदा कर दिया है.”
आपात प्रबंधन मंत्री और सिख नेता हरजीत सज्जन ने कहा कि वीजा प्रक्रिया फिर से शुरू होना अच्छी खबर है, लेकिन वह इस पर अटकलें नहीं लगाएंगे कि नयी दिल्ली क्या संदेश देने की कोशिश कर रही है. सज्जन ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह जानकर अच्छा लगा कि उन्होंने इसे (सेवाएं) बहाल कर दिया है। यदि उन्होंने यह कदम उठाया ही नहीं होता, तो बेहतर होता.”उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि शादियों और अंत्येष्टि जैसे कार्यक्रमों के लिए भारतीय और कनाडाई आ-जा सकें. उन्होंने कहा कि पुलिस हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले की जांच कर रही है और ओटावा इस मामले में अब भी भारत की मदद चाहता है.
एक आशाजनक कदम : जीएसी
देश के राजनयिक और वाणिज्यदूतावास संबंधी मामलों का प्रबंधन करने वाले ‘ग्लोबल अफेयर्स कनाडा’ (जीएसी) की प्रवक्ता मैरीलिन ग्वेरेमोंट ने ‘सीबीसी न्यूज’ से कहा कि जीएसी कनाडाई लोगों के लिए कुछ वीजा सेवाएं फिर शुरू करने के भारत के फैसले से अवगत है. उन्होंने कहा, ‘‘कनाडा और भारत के लोगों के बीच महत्वपूर्ण आपसी संबंध हैं और भारत द्वारा वीजा सेवाएं बहाल करने से परिवारों एवं कारोबारों के लिए दोनों देशों की यात्रा करना आसान हो जाएगा.” कनाडा-भारत व्यापार परिषद ने एक बयान में कहा कि यह व्यापार संबंधों के लिए ‘‘एक आशाजनक कदम” है.
परिषद के प्रमुख विक्टर थॉमस ने कहा, ‘‘यह भी एक सकारात्मक संकेत है कि दोनों सरकारों ने इस असामान्य समय में द्विपक्षीय व्यापार और निवेश के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया है.”इस घटनाक्रम से कुछ ही दिन पहले कनाडा ने भारत से अपने 41 राजनयिकों को वापस बुला लिया था.
ट्रूडो द्वारा लगाए गए आरोपों के कारण कनाडा और भारत के बीच तनाव नाटकीय रूप से बढ़ जाने से पहले, नई दिल्ली ने कनाडा में उसके राजनयिक मिशन के बाहर सिख अलगाववादी समूहों के विरोध प्रदर्शन की सार्वजनिक रूप से निंदा की थी. उसने उन पोस्टर की भी आलोचना की थी, जिनमें भारतीय राजनयिकों के घर के पते के बदले में नकद पुरस्कार दिए जाने की पेशकश की गई थी. भारत ने कनाडा से विदेशी राजनयिकों की सुरक्षा के अपने कर्तव्य को बेहतर ढंग से निभाने का औपचारिक रूप से आह्वान किया. भारत ने कनाडा से उसकी धरती से सक्रिय आतंकवादियों और भारत विरोधी तत्वों के खिलाफ सख्ती बरतने को भी कहा था.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)