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कनाडा के PM मार्क कार्नी रविवार को करेंगे बड़ा ऐलान, इसके पीछे की वजह भी जानिए

कनाडा में जल्द होंगे संघीय चुनाव

कनाडा के नए प्रधानमंत्री मार्क कार्नी (Canada PM Mark Carney)  रविवार को 28 अप्रैल को होने वाले संघीय चुनाव (Canada Federal Election) का ऐलान कर सकते हैं. कार्नी के शीघ्र चुनाव का ऐलान करने के पीछे की वजह यह है कि पड़ोसी देश अमेरिका के साथ संबंध बिगड़ने की वजह से अशांत समय में मजबूत जनादेश की मांग की जा सके. बता दें कि कार्नी ने पिछले हफ्ते ही जस्टिन ट्रूडो की जगह ली है. वह रविवार को चुनाव की तारीख का ऐलान करने वाले हैं. ये जानकारी दो सरकारी सूत्रों ने गुरुवार को एएफपी को दी.

कनाडा में जल्द चुनाव की वजह क्या?

चुनाव के जल्द ऐलान से पता चलता है कि कार्नी अपनी लिबरल पार्टी के लिए वोटिंग में हुई वृद्धि का लाभ उठाना चाहते हैं, जिसकी मुख्य वजह अमेरिकी टैरिफ और ट्रंप के बार-बार दिए गए वह बयान भी हैं, जिनमें उन्होंने कहा था कि कनाडा को एक स्वतंत्र देश नहीं रहना चाहिए.

 इस साल की शरुआत में ट्रंप के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने से ठीक पहले लिबरल्स चुनाव में हार की तरफ बढ़ते दिखाई दे रहे थे, जबकि विपक्षी कंजर्वेटिव सरकार बनाने की राह पर थे. ट्रंप और लिबरल पार्टी के आंतरिक विभाजन के लगातार दबाव के बीच, ट्रूडो ने करीब एक दशक तक सत्ता में रहने के बाद इस्तीफा देने की अपनी योजना का ऐलान किया. 

हालांकि, ट्रूडो की जगह लेने के लिए 9 मार्च को पार्टी के वोटों में भारी जीत हासिल करने वाले कार्नी ने ट्रंप और ट्रेड वॉर से मंदी के डर का सामना करने के लिए लिबरल्स को एकजुट करने में सफलता हासिल कर ली.

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कार्नी का राजनीतिक अनुभव 

  • 60 साल के पूर्व बैंकर कार्नी के लिए यह पहला कैंपेन. क्यों कि उन्होंने पहले कोई निर्वाचित पद नहीं संभाला है.
  • कार्नी का तर्क है कि 2008-2009 के वित्तीय संकट के दौरान बैंक ऑफ कनाडा का नेतृत्व करने और ब्रेक्सिट वोट के दौरान बैंक ऑफ इंग्लैंड के चीफ के रूप में उनके अनुभव की वजह से वह आर्थिक उथल-पुथल के समय नेतृत्व करने के लिए आदर्श उम्मीदवार है.
  • कार्नी ने ट्रंप के अमेरिका को एक ऐसा देश कहा है जिस पर कनाडा “अब और भरोसा नहीं कर सकता”. उन्होंने कनाडाई लोगों को चेतावनी देते हुए कहा कि वाशिंगटन के साथ संबंध स्थायी रूप से बदल सकते हैं.
  • शुक्रवार को कनाडा के पीएम पद की शपथ लेने के बाद, कार्नी तुरंत पेरिस और लंदन चले गए थे. उनका तर्क था कि  कनाडा को अपने यूरोपीय गठबंधनों को मजबूत करने की जरूरत है. क्यों कि अमेरिका के साथ संबंध बिगड़ रहे हैं.
  • उन्होंने लंदन में कहा था कि यह साफ है कि हमारे व्यापार और सुरक्षा संबंध अमेरिका पर बहुत ज्यादा निर्भर हैं. इमें हमें विविधता लाने की जरूरत है. 

(इस खबर को The Hindkeshariटीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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