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दुनिया

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने पद से दिया इस्तीफा


टोरंटो:

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इस्तीफा दे दिया है. ट्रूडो ने सोमवार को देश को संबोधित करके पद छोड़ने का ऐलान किया. ट्रूडो ने कहा, “मैं लिबरल पार्टी के नेता और PM पद छोड़ने का ऐलान करता हूं. मुझे लगता है कि मैं 2025 के इलेक्शन के लिए लिबरल पार्टी की तरफ से अच्छा ऑप्शन नहीं हूं.” कनाडाई न्यूज CBC ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि ट्रूडो प्रधानमंत्री के पद पर तब तक पद पर बने रहेंगे जब तक उनका उत्तराधिकारी चुन नहीं लिया जाता. ट्रूडो के इस्तीफे के बाद ऐसा माना जा रहा है कि तय समय से पहले चुनाव की मांग हो सकती है. 

ट्रूडो पर उनकी लिबरल पार्टी के सांसदों की तरफ से कई महीनों से पद छोड़ने का दबाव बनाया जा रहा था. बीते दिनों डिप्टी PM और वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने ट्रूडो सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए पद छोड़ दिया था. इसके बाद ट्रूडो पर दबाव बढ़ गया था. ट्रूडो पर नेशनल मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए भारत विरोध एजेंडा चलाने का आरोप भी है.

एक फाइटर की तरह कनाडा के लिए लड़ता रहूंगा
कनाडाई नागरिकों को संबोधित करते हुए जस्टिन ट्रूडो ने कहा, “मेरी तमाम कोशिशों को बाद भी संसद कई महीनों तक पैरालाइज रही. लेकिन, मैं एक फाइटर हूं. मुझे मेरे देश कनाडा की फिक्र है और रहेगी. मैं अपने देश की बेहतरी के लिए लड़ता रहा हूं. ये लड़ाई आगे भी जारी रहेगी.” 

कैसे बढ़ी मुश्किलें?
दरअसल, बीते कुछ सालों में जस्टिन ट्रूडो की लिबरल पार्टी में विद्रोह की आवाज तेज हुई है. सियान कैसी और केन मैक्डोनाल्ड समेत पार्टी के कई हाई प्रोफाइल सांसद सार्वजनिक तौर पर जस्टिन ट्रूडो के खिलाफ अपनी राय दे चुके हैं. इन सांसदों ने अपने प्रधानमंत्री के बयानों और फैसलों को गलत बताया है. उनकी लीडरशिप पर सवाल उठा चुके हैं. पार्टी की ओर से ट्रूडो पर PM पद छोड़ने का दबाव बनाया जा रहा है. कनाडा की सत्ताधारी लिबरल पार्टी (Liberal Party) के कई नेताओं का आरोप है जस्टिन ट्रूडो भारत के खिलाफ आरोप लगाकर सरकार की नाकामी छिपाने की कोशिश कर रहे हैं. कुछ अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट के मुताबिक, लिबरल पार्टी के कम से कम 20 सांसदों ने जस्टिन ट्रूडो के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफे को लेकर एक पिटीशन पर साइन किए हैं.

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कनाडा में ट्रूडो से नाराज क्यों हैं लोग?
-कनाडा के लोगों में ट्रूडो सरकार के खिलाफ नाराजगी बढ़ती जा रही है. इस नाराजगी की सबसे बड़ी वजह आर्थिक अस्थिरता और बढ़ती महंगाई है. यहां खाने-पीने और रहने का खर्चा बढ़ता ही जा रहा है.
– इसके साथ ही पिछले कुछ समय से कनाडा में कट्टरपंथी ताकतें तेज हुई हैं. खालिस्तानी हमलों और गतिविधियों से भी लोग परेशान हैं.
-अप्रवासियों की बढ़ती संख्या और कोविड-19 के बाद बने हालातों के चलते ट्रूडो को राजनीतिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.

कनाडा संसद में किस पार्टी की कितनी सीटें?
कनाडा की संसद हाउस ऑफ कॉमन्स (लोकसभा) में 338 सीटें है. बहुमत का आंकड़ा 170 है. लिबरल पार्टी के 153 सांसद हैं. पिछले साल खालिस्तानी समर्थक कनाडाई सिख सांसद जगमीत सिंह की न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP) ने ट्रूडो सरकार से अपने 25 सांसदों का समर्थन वापस ले लिया था.

NDP से गठबंधन टूटने की वजह से ट्रूडो सरकार अल्पमत में आ गई थी. हालांकि, 1 अक्टूबर को हुए फ्लोर टेस्ट में ट्रूडो की लिबरल पार्टी को एक दूसरी पार्टी का समर्थन मिल गया था. ट्रूडो की विपक्षी कंजरवेटिव पार्टी के पास 120 सीटें हैं.

पहली बार 2015 में PM बने थे ट्रूडो
पूर्व प्रधानमंत्री पियर ट्रूडो के बड़े बेटे जस्टिन ट्रूडो 2013 में लिबरल पार्टी के चीफ बने थे. उन्होंने 2015 में पहली बार में प्रधानमंत्री पद की शपथ ली. ट्रूडो चौथी बार प्रधानमंत्री पद की दावेदारी करना चाहते थे. हालांकि, ऐसा हो न सका. बता दें कि कनाडा में पिछले 100 सालों में कोई भी प्रधानमंत्री लगातार 4 बार चुनाव जीतकर नहीं आया है.

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लिबरल पार्टी में कौन हो सकता है ट्रूडो का रिप्लेसमेंट?
लिबरल पार्टी में टॉप लीडर चुनने के लिए कई मीटिंग रखी जाती है. कई प्रोसेस होते हैं. इसमें कई महीने लग जाते हैं. कई मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अगर ट्रूडो इस्तीफा देते हैं, तो लिबरल पार्टी की मुख्य चुनौती मास अपील वाला नेता ढूंढना होगा. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लिबरल पार्टी में विदेश मंत्री मेलानी जोली​​​​​​, डोमिनिक लेब्लांक, मार्क कानी जैसे कई नाम हैं जो ट्रूडो की जगह ले सकते हैं.
 


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