आरोपी होने पर पक्षकार नहीं बन सकते…; कोलकाता रेप मर्डर केस में संदीप घोष की याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज
सुप्रीम कोर्ट से संदीप घोष को राहत नहीं
नई दिल्ली:
कोलकाता रेप मर्डर केस में अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाई कोर्ट के सीबीआई जांच के आदेश के खिलाफ दाखिल याचिका खारिज कर दी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा केस में घोष का कोई लोकस नहीं और मामले की जांच सीबीआई कर रही. आरोपी के तौर पर PIL में पक्षकार नहीं बन सकते .संदीप घोष ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि कलकत्ता हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ करप्शन केस में CBI जांच का आदेश देते वक़्त उनके पक्ष को नहीं सुना. साथ ही संदीप घोष ने इस मामले के ख़ुद को पक्षकार बनाने की मांग की है.
पक्षकार बनाने के लिए दाखिल की याचिका
संदीप घोष ने कहा है कि उसने पक्षकार बनाने के लिए अर्जी हाईकोर्ट में दाखिल की थी, जिसे हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था. इसके अलावा संदीप घोष ने करप्शन के आरोपों को हॉस्पिटल परिसर में हुई रेप की घटना के साथ जोड़े जाने से जुड़ी हाई कोर्ट के टिप्पणियों को हटाने की मांग भी की. इस मामले की सुनवाई में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने का कि आपका हाईकोर्ट में दाखिल PIL में कोई लोकस नहीं है. संदीप घोष की वकील ने कहा कि मैं जांच के खिलाफ नहीं हूं, जांच होने दीजिए. घोष पर आरोप हैं और वो इस केस में प्रभावित हैं. सुप्रीम कोर्ट ने संदीप घोष को कहा की आपका कोई लोकस नही है जनहित याचिका में पक्षकार बनने का.
इस मामले पर सीजेआई ने क्या कहा
इसके साथ ही CJI ने कहा कि आप कॉलेज के प्रिंसिपल थे जब ये घटना हुई. जब हाई कोर्ट मामले की सुनवाई और निगरानी कर रहा है तो आप इस मामले में पक्षकार नही बन सकते क्योंकि आप आरोपी है. सीजेआई ने कहा कि वित्तीय अनियमितताओं और बलात्कार की जांच दोनों पहलुओं की जांच चल रही है. एक आरोपी के तौर पर आपको जनहित याचिका में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है, जहां हाईकोर्ट जांच की निगरानी कर रहा है. संदीप घोष ने कहा कि इससे पहले दो PIL बायोमेडिकल वेस्ट को लेकर दाखिल हुई थी और कोर्ट में खारिज कर चुका हैं. बिल्कुल इसी तरह की याचिका थी जो खारिज हुई है.
सीजेआई ने निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया
सीजेआई ने साफ कहा कि इस मामले की जांच हाई कोर्ट ने सीबीआई को दी है, आप पक्षकार नही बन सकते. घोष ने कहा कि बायोमेडिकल वेस्ट मामले का इस घटना से कोई संबंध नही है. CJI ने कहा कि हाई कोर्ट बस चाहता है कि मामला एक निर्णायक अंत तक पहुंचे. इस मामले में निष्पक्ष जांच होगी. सीबीआई भी अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर रही है.