देरी पर परदा डालने की कोशिश… : रेप और हत्या के मामलों पर ममता बनर्जी को केंद्र सरकार का जवाब
नई दिल्ली:
केंद्र सरकार ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से पीएम मोदी को लिखी गई दूसरी चिट्ठी का जवाब दिया है. इस बार भी जवाब महिला और बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी की तरफ से ही दिया गया है. कल ही ममता बनर्जी ने फिर से प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर रेप के मामले में कठोर कानून बनाने की मांग दोहराई थी.
अन्नपूर्णा देवी ने पत्र में लिखा है कि अगर राज्य सरकार भारतीय न्याय संहिता और भारतीय नागरिक सुरक्षा अधिनियम को पूरी तरह लागू करती है तो इनमें रेप जैसे मामलों को तय समय में निपटाने और फांसी की सजा का प्रावधान पहले से ही है.
ममता बनर्जी ने अपने पत्र में बलात्कार और हत्या जैसे जघन्य अपराधों पर एक कड़े कानून और अनुकरणीय सजा की मांग की है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित अपने दूसरे पत्र में बलात्कार और हत्या के मामलों को समय पर निपटाने का अनिवार्य प्रावधान करने की मांग की थी. कोलकाता के आरजी कार मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक जूनियर डॉक्टर के रेप और हत्या के मामले को लेकर देश भर में फैले रोष के बीच यह पत्र व्यवहार चला है.
बीजेपी ने ममता बनर्जी के पत्रों पर उनसे सवाल किया है कि उन्होंने अपने राज्य में महिलाओं की सुरक्षा के लिए मौजूदा “कड़े” नियम कानूनों के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए कुछ भी क्यों नहीं किया.
महिला और बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने ममता बनर्जी की चिट्ठी के जवाब में लिखा है कि, “फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट्स (FTSCS) की स्थिति और पश्चिम बंगाल में विशेष POCSO अदालतों की स्थिति के बारे में आपके पत्र में निहित जानकारी के संबंध में मैं उल्लेख कर सकती हूं कि कलकत्ता हाईकोर्ट से प्राप्त जानकारी के अनुसार, पश्चिम बंगाल ने 88 फास्ट ट्रैक अदालतें (FTCs) की स्थापना की है. यह केंद्र सरकार की योजना के तहत कवर किए गए फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (FTSCs) के समान नहीं हैं … “
उन्होंने कहा है कि, “… पश्चिम बंगाल में 48,600 बलात्कार और POCSO मामलों की पेंडेंसी के बावजूद राज्य ने अतिरिक्त 11 FTSCs का संचालन नहीं किया है, जो कि राज्य की आवश्यकता के अनुसार विशेष POCSO अदालतें या संयुक्त FTSCs दोनों बलात्कार और POCSO दोनों मामलों के साथ काम कर सकते हैं. देखा जा सकता है कि इस संबंध में आपके पत्र में निहित जानकारी तथ्यात्मक रूप से गलत है. यह राज्य द्वारा फास्ट ट्रैक कोर्ट के संचालन में देरी पर परदा डालने का एक कदम प्रतीत होता है.”
बीजेपी ने ममता बनर्जी की आलोचना करते हुए उन्हें ‘झूठा’ करार दिया और उनसे यह बताने को कहा कि उन्होंने अपने राज्य में महिलाओं की सुरक्षा के लिए मौजूदा ‘कड़े’ नियमों का कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए क्यों नहीं कुछ किया है.
पश्चिम बंगाल के भाजपा के सह-प्रभारी अमित मालविया ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘ममता बनर्जी को यह बताना चाहिए कि पश्चिम बंगाल सरकार ने उन कड़े नियमों को लागू करने के लिए कुछ क्यों नहीं किया है, जो महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा के लिए मौजूद हैं.”
ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर बलात्कार और हत्या जैसे जघन्य अपराधों के लिए कड़े केंद्रीय कानून और कड़ी सजा देने का अनुरोध दोहराया था.
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