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चारधाम यात्रा 2024 : विधि-विधान से तिल का तेल निकालकर चांदी के कलश में रखा गया

12 मई को बद्रीनाथ धाम के कपाट भी भक्तों के लिए खोले जाएंगे.

नरेंद्र नगर:

उत्तराखंड में 10 मई से विधि-विधान के साथ चारधाम यात्रा शुरू हो रही है. 12 मई को बद्रीनाथ धाम के कपाट भी भक्तों के लिए खोले जाएंगे. इसके साथ ही गुरुवार को टिहरी नरेश के नरेंद्र नगर राजमहल में भगवान बद्री विशाल के अभिषेक के लिए महारानी माला राज्य लक्ष्मी शाह और सुहागिन महिलाओं द्वारा तिलों का तेल पिरोने की रस्म विधि-विधान से पूरी हुई. इस अवसर पर महारानी सहित महिलाओं ने पीतांबर वस्त्र धारण किए थे.

बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि ऊखल में महिलाओं ने तिलों को कूटा और उसके बाद हाथों से तिलों का तेल पिरोकर तेल को चांदी के कलश में रखा गया.

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इसके बाद आचार्य कृष्ण प्रसाद उनियाल ने राजमहल में स्थित मां भगवती दुर्गा के मंदिर में भी पूजा अर्चना कर देवी-देवताओं का आह्वान किया. दोपहर में तेल कलश (गाडू घड़ा) को डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत प्रतिनिधियों के सुपुर्द किया गया. इसके बाद गाडू घड़ा तेलकलश यात्रा को महाराजा मनुजयेंद्र शाह ने राजमहल नरेंद्र नगर से बद्रीनाथ धाम के लिए प्रस्थान करवाया. शाम में गाडूघड़ा तेलकलश यात्रा प्रथम पड़ाव मंदिर समिति के रेलवे रोड स्थित धर्मशाला ऋषिकेश पहुंची.

शुक्रवार को यह यात्रा पौराणिक शत्रुघ्न मंदिर मुनि की रेती में रात्रि विश्राम के लिए पहुंचेगी. फिर शनिवार को यात्रा श्रीनगर के लिए रवाना होगी. शुक्रवार सुबह से दोपहर तक गाडू घड़ा तेल कलश मंदिर समिति की रेलवे रोड ऋषिकेश स्थित चेलाचेतराम धर्मशाला में श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ रहेगा.

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दोपहर बाद समारोह पूर्वक तेलकलश शत्रुघ्न मंदिर राम झूला मुनि की रेती प्रवास हेतु प्रस्थान होगा. गाडू घड़ा तेलकलश हेतु तेल पिरोने के समय राजमहल में डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत अध्यक्ष आशुतोष डिमरी, उपाध्यक्ष भास्कर डिमरी, बीकेटीसी पूर्व सदस्य हरीश डिमरी, दिनेश डिमरी, सहित श्रद्धालु बड़ी संख्या में मौजूद रहे.

 

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