जनसंपर्क छत्तीसगढ़

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय श्रावण सोमवार को भोरमदेव में करेंगे पुष्प वर्षा से कांवड़ियों का स्वागत…

रायपुर: श्रावण मास के तीसरे सोमवार को छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में स्थित बाबा भोरमदेव धाम एक बार फिर श्रद्धा, भक्ति और सनातन आस्था का जीवंत प्रतीक बनने जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय सावन मास के तीसरे सोमवार को हेलीकॉप्टर से भोरमदेव मंदिर परिसर पहुँचकर प्रातःकाल कांवड़ यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं, भक्तों एवं कांवड़ियों का पुष्प वर्षा कर भव्य स्वागत एवं अभिनंदन करेंगे। यह लगातार दूसरा वर्ष है जब मुख्यमंत्री स्वयं श्रद्धालुओं का पुष्प वर्षा से स्वागत कर रहे हैं — जो जनभावनाओं के प्रति उनकी आत्मीयता और आस्था के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का प्रमाण है।

मुख्यमंत्री श्री साय के साथ उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा तथा उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव भी इस पावन अवसर पर उपस्थित रहेंगे। यह आयोजन छत्तीसगढ़ सरकार की सनातन परंपरा, लोक आस्था और श्रद्धालुओं के प्रति सम्मान के भाव को दर्शाता है, जो राज्य के सांस्कृतिक मूल्यों को संजोने की दिशा में एक प्रेरणादायक पहल है।

उल्लेखनीय है कि श्रावण मास में भोरमदेव मंदिर का विशेष धार्मिक महत्व है। तीसरे सोमवार होने के कारण श्रद्धालुओं की संख्या और उनकी आस्था — दोनों ही चरम पर होंगी। छत्तीसगढ़ के कबीरधाम, बेमेतरा, खैरागढ़, राजनांदगांव, बलौदा बाजार, मुंगेली, बिलासपुर सहित अन्य जिलों से हजारों की संख्या में कांवड़िए भोरमदेव धाम पहुँचते हैं। साथ ही, माँ नर्मदा नदी के उद्गम स्थल अमरकंटक से जल लेकर पदयात्रा करते हुए श्रद्धालु भोरमदेव मंदिर पहुँचते हैं और भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करते हैं।

उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा की पहल पर कांवड़ यात्रियों के स्वागत के लिए सुरक्षा, पेयजल, स्वास्थ्य, भोजन, रात्रि विश्राम, पार्किंग, मार्गदर्शन एवं प्राथमिक चिकित्सा जैसी समुचित व्यवस्थाएँ की गई हैं। मंदिर क्षेत्र को विद्युत सज्जा, भजन संध्या और स्वच्छता कार्यक्रमों के माध्यम से पूरी तरह भक्तिमय स्वरूप में परिवर्तित कर दिया गया है, जिससे श्रद्धालुओं को एक दिव्य आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त हो।

यह भी पढ़ें :-  Address of CM : महतारी वंदन योजना के अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का संबोधन

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में श्रद्धालुओं के सम्मान एवं सेवा की यह परंपरा लगातार नई ऊँचाइयों को छू रही है। पुष्प वर्षा कर श्रद्धालुओं का अभिनंदन करना केवल एक प्रतीकात्मक कृत्य नहीं, बल्कि इस भाव का प्रमाण है कि छत्तीसगढ़ सरकार धर्म, आस्था और संस्कृति के साथ दृढ़ता से खड़ी है, और जनमानस के विश्वास को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है।

भोरमदेव धाम, जिसे “छत्तीसगढ़ का खजुराहो” भी कहा जाता है, श्रावण के इस पावन सोमवार को आस्था के महासंगम का केंद्र बनेगा। कांवड़ यात्रा और मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्रियों की उपस्थिति के कारण यह आयोजन आध्यात्मिक ऊर्जा, प्रशासनिक सक्रियता और सामाजिक सहभागिता का एक अनुपम उदाहरण बन जाएगा — जो आने वाले समय में एक प्रेरक परंपरा के रूप में स्थापित होगा।

Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button