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चीन-भारत को मतभेदों को दूर करने के लिए सही और उज्ज्वल रास्ता खोजना चाहिए: शी जिनपिंग


कजान:

कजान/बीजिंग. रूस के कजान शहर में 16वें ब्रिक्स समिट से इतर बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात हुई. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि सीमा पर सुरक्षा, शांति, आपसी भरोसा और सम्मान जरूरी है. वहीं, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि चीन और भारत को एक-दूसरे के प्रति ठोस रणनीतिक धारणा बनाए रखनी चाहिए. बड़े पड़ोसी देशों को सद्भावनापूर्वक रहने और साथ-साथ विकास करने के लिए सही और उज्ज्वल मार्ग खोजने के वास्ते मिलकर काम करना चाहिए.

सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने अपनी खबर में यह जानकार दी. खबर के मुताबिक, रूसी शहर कजान में 16वें ब्रिक्स समिट के इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी बैठक में जिनपिंग ने कहा कि चीन-भारत संबंध मूलतः इस बात को लेकर हैं कि 1.4 अरब की आबादी वाले दो बड़े विकासशील और पड़ोसी देश एक-दूसरे के साथ कैसा व्यवहार करते हैं.

जिनपिंग ने कहा कि विकास अब चीन और भारत का सबसे बड़ा साझा लक्ष्य है. जिनपिंग ने कहा कि दोनों पक्षों को अपनी महत्वपूर्ण सहमतियों को कायम रखना चाहिए, जिसमें यह भी शामिल है कि चीन और भारत एक दूसरे के लिए खतरा नहीं बल्कि विकास के अवसर हैं. दोनों देश प्रतिस्पर्धी नहीं, बल्कि सहयोगी हैं.

जिनपिंग ने चीन और भारत से आग्रह किया कि वे एक दूसरे के प्रति सुदृढ़ रणनीतिक धारणा बनाए रखें. दोनों बड़े पड़ोसी देश सद्भावनापूर्वक रहने और साथ-साथ विकास करने के वास्ते सही और उज्ज्वल मार्ग खोजने के उद्देश्य से मिलकर काम करें.
यह पांच वर्षों में दोनों नेताओं के बीच पहली बैठक थी.

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चीनी समाचार एजेंसी ने दावा किया कि दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि विशिष्ट असहमतियों से समग्र संबंधों पर असर नहीं पड़ेगा. दोनों नेताओं का मानना ​​है कि उनकी मुलाकात रचनात्मक है और इसका बहुत महत्व है.


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