ड्रैगन, हाथी के बीच डांस… PM मोदी के बयान पर चीन का रिएक्शन

बीजिंग:
भारत और चीन के संबंध पिछले कुछ समय से बेहतर नहीं हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ कर दिया है कि वह पड़ोसी देश के साथ रिश्तों में बेहतरी की उम्मीद करते हैं. पीएम मोदी ने एक कदम बढ़ाया, तो चीन भी नर्म पड़ता दिख रहा है. चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने चीन-भारत संबंध पर भारतीय प्रधानमंत्री मोदी के हालिया बयान से जुड़े सवाल के जवाब में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में चीन भारत संबंधों पर सकारात्मक रुख दिखाया है. चीन इसकी सराहना करता है और ठोस कदमों के साथ चीनी ड्रैगन और भारतीय हाथी के बीच एक सामंजस्यपूर्ण नृत्य की प्रतीक्षा करता है.
चीन, भारत की दोस्ती 2 हजार साल से भी पुरानी
चीन की प्रवक्ता ने कहा कि पिछले अक्टूबर में राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ कजान में मुलाकात की थी, जिसने चीन और भारत संबंधों के सुधार व विकास के लिए रणनीतिक मार्गदर्शन दिया. फिलहाल दोनों पक्षों ने संजीदगी से दोनों देशों के नेताओं की अहम समानताएं लागू कर विभिन्न स्तरों के आदान-प्रदान और व्यावहारिक सहयोग को मजबूत किया है. प्रवक्ता ने कहा कि चीन और भारत की दोस्ती दो हजार से अधिक साल पुरानी है. दोनों देशों के बीच आदान-प्रदान के इतिहास में मैत्रीपूर्ण आवाजाही और पारस्परिक सीख देखने को मिलती है, जिसने विश्व सभ्यता और मानव प्रगति के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है. दो सबसे बड़े विकासशील देशों के नाते दोनों देशों का समान कार्य अपने-अपने देश का विकास करना है. दोनों पक्षों को पारस्परिक समझ, समर्थन करना और एक दूसरे की सफलता में मदद करनी चाहिए. यह दोनों देशों की 280 करोड़ से अधिक जनता के मूल हितों से मेल खाता है. वैश्विक दक्षिण की मजबूती की ऐतिहासिक धारा के अनुरूप और विश्व शांति, स्थिरता, विकास व समृद्धि के लिए लाभदायक है.
Photo Credit: Reuters
हाथी और ड्रैगन साथ चलना ही एकमात्र विकल्प
चीन की प्रवक्ता ने इस बात पर बल दिया कि चीन, भारत के साथ समान कोशिश कर इस साल राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर दोनों देशाके संबंध पटरी पर आगे बढ़ाने को तैयार है. माओ ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बयान को दोहराते हुए कहा, ‘दोनों देशों को ऐसा साझेदार बनना चाहिए, जो एक-दूसरे की सफलता में योगदान दें. ‘हाथी’ (भारत) और ‘ड्रैगन’ (चीन) का तालमेल बैठाकर साथ चलना ही दोनों देशों के संबंधों के लिए ‘एकमात्र सही विकल्प’ है.’
पीएम मोदी ने चीन लेकर क्या कहा था?
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने पॉडकास्ट में कहा था कि पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों की सेनाओं के बीच 2020 में हुई झड़पों से उत्पन्न तनाव को कम करने के लिए राष्ट्रपति शी के साथ उनकी हालिया बातचीत के बाद भारत-चीन सीमा पर सामान्य स्थिति लौट आई है. विश्व के दो सर्वाधिक जनसंख्या वाले देशों के बीच संबंधों के प्रति आशावादी रुख अपनाते हुए मोदी ने कहा कि पड़ोसियों के बीच मतभेद स्वाभाविक हैं तथा उन्होंने उनके बीच प्राचीन सांस्कृतिक संबंधों पर जोर दिया, जब दोनों सभ्यताएं एक-दूसरे से सीखती थीं तथा उनके बीच बहुत कम संघर्ष होता था. पीएम मोदी ने कहा कि उनके प्रयासों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि उनके मतभेद विवाद में न बदल जाएं और विवाद के बजाय संवाद पर जोर देते हैं. उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने एक समय वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 50 प्रतिशत से अधिक का योगदान दिया था. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमारा सहयोग न केवल (पारस्परिक रूप से) लाभकारी है, बल्कि वैश्विक शांति और समृद्धि के लिए आवश्यक भी है.’
ये भी पढें :- चीन के साथ संबंधों पर पीएम मोदी ने पॉडकास्ट में क्या कहा? गलवान को लेकर भी की बात