चिराग पासवान ने राहुल गांधी की इस मांग का किया खुला समर्थन, वजह भी बताई; 'लेटरल एंट्री' के बाद फिर दिखाया अलग रुख
नई दिल्ली:
देश में जातिगत जनगणना (Caste Census) की मांग लगातार मुखर होती जा रही है. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) लगातार देश में जातिगत जनगणना की मांग कर रहे हैं. इस मुद्दे पर उन्हें अब लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान (Chirag Paswan) का भी समर्थन मिला है. पासवान ने कहा कि हमारी पार्टी हमेशा से ही जातिगत जनगणना का समर्थन करती रही है. यह दूसरा मौका है जब चिराग पासवान ने राहुल गांधी के सुर में सुर मिलाया है. इससे पहले लेटरल एंट्री के मुद्दे पर भी चिराग पासवान ने केंद्र सरकार और एनडीए के रुख के विपरीत राय रखते हुए यूपीएससी लेटरल एंट्री में आरक्षण की मांग की थी.
उन्होंने आगे कहा कि मैं इन आंकड़ों को सार्वजनिक करने का पक्षधर नहीं हूं. मैं मानता हूं कि अगर आंकड़ों को सार्वजनिक किया जाता है तो समाज में विभाजनकारी स्थितियां पैदा हो जाएंगी. कई बार कोर्ट की तरफ से भी सरकार से जाति की आबादी को लेकर जानकारी मांगी गई है. ऐसे में मेरा मानना है कि ये आंकड़े सरकार के पास होने चाहिए, जिससे योजनाओं के कार्यान्वयन में सुधार किया जा सके. जनकल्याणकारी योजनाओं के सफल क्रियान्वयन में मदद मिल सके. साथ ही इसे लेकर उन्होंने एक एक्स पोस्ट भी किया.
हम लोग चाहते हैं कि जातिगत जनगणना हो। इसका कारण है। कई बार राज्य सरकार और केंद्र सरकार कई योजनाएं बनाती है जो किसी जाति को मुख्य धारा के साथ जोड़ने के मद्देनजर तैयार की जाती है। ऐसे में उस जाति की आबादी की जानकारी सरकार के पास होनी चाहिए ताकि उसके अनुपात में राशि आवंटित की जा… pic.twitter.com/B916rGuo0u
— Lok Janshakti Party (@LJP4India) August 25, 2024
100 में से 74 लोग जातिगत जनगणना के पक्ष में : कांग्रेस
वहीं इस मामले में कांग्रेस ने रविवार को बड़ा दावा किया है. कांग्रेस ने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि 100 में से 74 फीसदी लोग इस पक्ष में हैं कि जातिगत जनगणना होनी चाहिए. इस सोशल मीडिया एक्स पोस्ट को रिपोस्ट करते हुए राहुल गांधी ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. कांग्रेस पार्टी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक सर्वे का पोस्टर शेयर कर लिखा, “मूड ऑफ द नेशन सर्वे में देश के मन की बात सामने आ गई है. हर बीतते वक्त के साथ ‘जातिगत जनगणना’ की मांग बढ़ती जा रही है. अब 74 फीसदी लोगों का कहना है कि जातिगत जनगणना होनी ही चाहिए. समाज में किसकी कितनी आबादी है? इस सवाल के जवाब से ही सबकी भागीदारी सुनिश्चित की जा सकती है. देश के लोगों का साफ संदेश है- जातिगत जनगणना करो, हमारा हक दो.”
कांग्रेस के पोस्ट को रिपोस्ट करते हुए राहुल गांधी ने पीएम मोदी को संबोधित करते हुए लिखा, “अगर आप जाति जनगणना को रोकने के बारे में सोच रहे हैं, तो आप सपना देख रहे हैं – कोई शक्ति अब इसे रोक नहीं सकती! हिंदुस्तान का ऑर्डर आ चुका है – जल्द ही 90% भारतीय जाति जनगणना का समर्थन और मांग करेंगे. ऑर्डर अभी लागू कीजिए, या आप अगले प्रधानमंत्री को ये करते देखेंगे.”
जातिगत जनगणना देश के हर नागरिक की मांग : मनोज झा
उधर, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के जनगणना वाले बयान पर राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा, “देश का हर एक नागरिक जातिगत जनगणना की मांग कर रहा है और वे जानना चाहते हैं कि कौन शख्स किस जगह बैठा हुआ है.” उल्लेखनीय है कि गृह मंत्री अमित शाह ने एक सवाल के जवाब में कहा था कि उचित समय पर जनगणना कराई जाएगी.
मनोज झा ने अमित शाह से सवाल करते हुए पूछा, “कौन सा उचित समय? क्या देश के गृह मंत्री को ये भाषा बोलनी चाहिए? देश में बड़ी से बड़ी विपदाएं आईं, लेकिन कभी भी जनगणना रोकी नहीं गई. 2021 में इसे होना था, लेकिन आज तक नहीं हुई. झा ने कहा कि आखिर जनगणना क्यों नहीं कराई जा रही.”
उन्होंने कहा, “अब तो आप इनकार भी नहीं कर सकते हैं. जातिगत जनगणना देश के हर नागरिक की मांग है. आपके जनगणना के कॉलम में जाति का मुद्दा भी उजागर होगा. राहुल गांधी और तेजस्वी यादव भी लगातार बोल रहे हैं और देश के अन्य विपक्षी दलों के नेता भी इस मांग को उठा रहे हैं. इस सरकार को एक बात नोट कर लेनी चाहिए, जब कोई आइडिया परिपक्व हो जाता है, तो वह अपना हक हासिल कर ही लेता है और जातिगत जनगणना वही मसला है, इस सरकार को ये कराना ही होगा.”
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