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युक्तियुक्तकरण से स्कूलों में नियमित हुई कक्षाएं….

रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य के शिक्षक विहीन एवं एकल शिक्षकीय विद्यालयों में किए गए युक्तियुक्तकरण के प्रयास शिक्षा व्यवस्था सुदृढ़ हुई है। इस पहल से दूरस्थ एवं आदिवासी अंचलों के विद्यालयों में नियमित पठन-पाठन प्रारंभ हुआ है तथा बच्चों की उपस्थिति में भी वृद्धि दर्ज की गई है।

पूर्व में कई प्राथमिक विद्यालय ऐसे थे जहाँ एक ही शिक्षक नियुक्त था अथवा विषय-विशेषज्ञ शिक्षकों की कमी थी। इससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही थी। युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया के तहत ऐसे विद्यालयों में अतिरिक्त शिक्षकों की पदस्थापना की गई, जिससे न केवल शैक्षणिक गतिविधियाँ सुचारू हुईं बल्कि विद्यार्थियों की शिक्षा की गुणवत्ता भी बेहतर हुई।

रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ विकासखंड के ग्राम कुम्हीचुंआ के प्राथमिक शाला में 105 छात्र अध्ययनरत हैं। यह शाला लंबे समय से शिक्षक विहीन थी, जिससे बच्चों की पढ़ाई पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा था। युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया के अंतर्गत इस विद्यालय में चार नए शिक्षक पदस्थ किए गए। इससे कक्षा पहली से पाँचवीं तक की पढ़ाई अच्छे से होने लगी है और बच्चों के भविष्य की दिशा भी उज्ज्वल हुई है। नियमित कक्षाओं के संचालन से बच्चों में अनुशासन और पढ़ाई के प्रति रुचि बढ़ी है।

छात्रों को मिल रहा सीधा लाभ

रायगढ़ जिले के ही तमनार ब्लॉक के प्राथमिक शाला गुडग़ुड़ में युक्तियुक्तकरण के तहत एक नई शिक्षिका की पदस्थापना हुई है। वर्तमान में यहाँ 37 बच्चे अध्ययनरत हैं। पहले विद्यालय एकल शिक्षकीय था, जिससे सभी कक्षाओं को पर्याप्त समय नहीं मिल पाता था और पढ़ाई की गुणवत्ता प्रभावित हो रही थी। अब नई शिक्षिका की नियुक्ति से सभी कक्षाएँ व्यवस्थित रूप से संचालित हो रही हैं। ग्रामवासियों और पालकों ने इस पहल पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि अब उनके बच्चों की शिक्षा की व्यवस्था अब अच्छी हुई है। शाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष श्री महेंद्र दास महंत ने बताया कि शासन द्वारा किए गए युक्तियुक्तकरण से क्षेत्र के कई विद्यालय लाभान्वित हुए हैं। अब विद्यालयों में शिक्षकों की संख्या बढ़ी है और बच्चों की पढ़ाई पहले से अधिक प्रभावी ढंग से संचालित हो रही है।

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मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का कहना है कि राज्य सरकार का लक्ष्य प्रत्येक बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना है। युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया इसी दिशा में एक ठोस कदम है। शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित कर हमने बच्चों की पढ़ाई को सुचारू बनाया है। आने वाले समय में शिक्षा व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ बनाने के लिए निरंतर प्रयास किए जाएंगे।

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