हिमाचल में सेब की फसल पर संकट के बादल, बारिश और आपदा से हो रहा भारी नुकसान
शिमला:
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और आपदा के बाद से 5 से 6 हजार करोड़ रुपये की सेब बागवानी पर संकट के बादल मंडरा रहे है. हिमाचल की जीडीपी का 13% हिस्सा सेब बागवानी से जुड़ा है. भारी बारिश के चलते बंद पड़ी सड़कों की वजह से सेब के किसान मार झेल रहे है और सेब की फसल को मंडियों तक पहुंचा नहीं पा रहे हैं. भारी बारिश के कारण 1 नेशनल हाइवे सहित सेब बहुल क्षेत्र में 150 से ज्यादा सड़के बंद पड़ी हैं.
तूफान से सेब की फसल गिरी
मतियाना के चक्नोत गांव के सेब किसान करमचंद कहते है कि सेब के रेट तो ठीक मिल रहे है. लेकिन सड़कों की कंडीशन ठीक नहीं है और उसके चलते कई किसान कच्चा सेब भी निकाल रहे है. सड़कों की हालत ठीक होनी चाहिए. उधर हिमाचल प्रदेश फल एवं सब्जी उत्पादक संघ कह रहा कि राज्य में आई आपदा व हो रही भारी बारिश से अबतक कई सेब किसानों के सेब बागान तबाह हो गए हैं. कई जगह तूफान से सेब की फसल गिर गई हैं.
फल एवं सब्जी उत्पादक संघ के अध्यक्ष हरीश चौहान का कहना है पहले सेब बागवानी पर सूखे की मार पड़ी और अब भारी बारिश व आपदा ने तबाही मचा रखी हैं. 80 से 90 करोड़ का नुकसान हो चुका है. अभी सेब सीजन शुरू ही हुआ है और अब सड़कों की हालत भी ठीक नहीं है. सेब किसानों को न प्रदेश सरकार से कोई मदद मिलती हैं न ही केंद्र सरकार से. हमने इस बारे में बागवानी मंत्री से भी बात की है.
इस साल 21 जून से शुरू हुए मानसून के बाद सड़कों की हालत बुरी हो गई. हिमाचल में इस साल भारी बारिश से 14 पुल भी बह गए है. 4 से 5 नेशनल हाईवे कभी खुलते हैं… तो फिर भारी बारिश के बाद बंद हो जाते है. प्रदेश सरकार के आंकड़े के मुताबिक आज भी 1 नेशनल हाइवे 5 निगलसुरी के पास बंद है और 150 से ज्यादा सड़कें बंद है.
हिमाचल प्रदेश के पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह कहते है कि सरकार की प्राथमिकता सेब मंडियों तक पहुंचाने की है. उनको अच्छे दाम मिले, सड़कों को खोलने का काम लगातार चल रहा है. मशीने लगी हुई हैं, जंहा तक बंद सड़कों की बात है, ये आंकड़ा अगर आज 200 सड़के बंद है, तो ये हमेशा बढ़ता घटता रहता हैं. हमने इस बार 20 करोड़ अतिरिक्त बजट बेली ब्रिज के लिए आवंटित किया है. ताकि कहीं भी ऐसी स्थिति आए तो तुरंत बेली ब्रिज लगा सके.
हिमाचल प्रदेश की 70 लाख की आबादी में सेब किसानी से सीधे तौर पर 5 लाख परिवार जुड़े हैं. 20 लाख लोगों को इससे रोजगार मिलता है.
शिमला से वीडी शर्मा The Hindkeshariकी रिपोर्ट