Jannah Theme License is not validated, Go to the theme options page to validate the license, You need a single license for each domain name.
देश

दिल्ली में CM का सस्पेंस : जाति, जेंडर या फिर सरप्राइज, कौन हैं वो नाम जो लास्ट राउंड में आगे चल रहे हैं…


नई दिल्ली:

Delhi New CM: दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इसका फैसला आज शाम सात बजे तक हो जाएगा. बीजेपी विधायक दल की बैठक आज शाम बुलाई गई है. इस बैठक में केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में रविशंकर प्रसाद और ओमप्रकाश धनखड़ मौजूद रहेंगे. बीजेपी दिल्ली में करीब तीन दशक बाद सरकार बनाने जा रही है. उम्मीद की जा रही है कि बीजेपी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान की ही तरह किसी विधायक को ही मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बिठाए. दिल्ली के नए मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह गुरुवार को रामलीला मैदान में दोपहर 12 बजे आयोजित किया जाएगा. इस बीच दिल्ली के अगले मुख्यमंत्री के नाम को लेकर कयासों का बाजार गर्म हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की दौड़ में छह से अधिक नेताओं के नाम बताए जा रहे हैं. आइए हम आपको बताते हैं कि दिल्ली का मुख्यमंत्री बनने की रेस में कौन-कौन से नेता आगे हैं और उनकी पक्ष और विपक्ष में क्या समीकरण है. 

आशीष सूद

जनकपुरी से विधायक आशीष सूद का नाम भी चर्चा में है.सूद पहली बार विधायक चुने गए हैं. उन्होंने यह चुनाव 19 हजार से अधिक के अंतर से जीता है. केंद्रीय नेतृ्त्व ने उन्हें जम्मू कश्मीर के सह-प्रभारी का दायित्व सौंप रखा हैं. दिल्ली की राजनीति में आशीष सूद पंजाबी राजनीति का सौम्य चेहरा हैं. साफ-सुथरी छवि वाले आशीष सूद को बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व का करीबी माना जाता है. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से राजनीति शुरू करने वाले सूद को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का भी करीबी माना जाता है.

आशीष सूद पहली बार विधायक चुने गए हैं. वो एबीवीपी होते हुए बीजेपी में आए हैं.

आशीष सूद भारतीय जनता युवा मोर्चा का महासचिव और उपाध्यक्ष रह चुके हैं. वो दिल्ली बीजेपी में भी सचिव और महासचिव के पद पर भी रह चुके हैं. वो एमसीडी पार्षद भी रह चुके हैं.सूद पार्टी संगठन में जमीनी स्तर से काम करते हुए यहां तक पहुंचे हैं. 

रेखा गुप्ता 

रेखा गुप्ता को दिल्ली के सीएम की कुर्सी पर बिठाकर बीजेपी महिलाओं में अच्छा संदेश दे सकती है.

रेखा गुप्ता को दिल्ली के सीएम की कुर्सी पर बिठाकर बीजेपी महिलाओं में अच्छा संदेश दे सकती है.

अगर बीजेपी किसी महिला को सीएम बनाती है तो रेखा गुप्ता उसकी पहली पसंद हो सकती हैं. वो शालीमार बाग सीट से विधायक चुनी गई हैं. रेखा गुप्ता ने अपना राजनीतिक सफर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से शुरू किया था. छात्र राजनीति करते हुए वो दिल्ली विश्वविद्यालय की सचिव चुनी गई थीं. वो मूल रूप से हरियाणा के जुलाना की रहने वाली हैं. लेकिन पिता की नौकरी की वजह से उनका परिवार दिल्ली आ गया था.वैश्य समुदाय की आबादी दिल्ली में बहुत अधिक है. इसे देखते हुए रेखा गुप्ता को सीएम पद की रेस में शामिल हैं. वैश्य समुदाय को बीजेपी का कोर वोट बैंक है. इस वक्त देश में बीजेपी की कोई भी मुख्यमंत्री महिला नहीं है. ऐसे में रेखा गुप्ता को दिल्ली के सीएम की कुर्सी पर बिठाकर बीजेपी महिलाओं को में अच्छा संदेश भेज सकती है. 

यह भी पढ़ें :-  Exclusive: मोदी सरकार क्यों लेकर आई अग्निवीर स्कीम? रक्षा मंत्री राजनाथ ने बताया मकसद

अजय महावर 

अजय महावर घोंडा विधानसभा सीट से दूसरी बार विधायक चुने गए हैं.

अजय महावर घोंडा विधानसभा सीट से दूसरी बार विधायक चुने गए हैं.

अजय महावर घोंडा विधानसभा सीट से दूसरी बार विधायक चुने गए हैं.इस चुनाव में उन्होंने आम आदमी पार्टी के गौरव शर्मा को 26 हजार से अधिक वोटों के विशाल अंतर से मात दी है. वैश्य समुदाय से आने वाले महावर ने 2020 का चुनाव भी जीता था. उनके पक्ष में जो सबसे बड़ी बात है, वो है उनका पूर्वांचल का होना. दिल्ली में पूर्वांचल सबसे बड़ा वोट बैंक हैं. इस वोट बैंक को खुश करने के लिए बीजेपी महावर को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बिठा सकती है. रूप से राजस्थान से आने वाले महावर का ताल्लुक झारखंड से है. महावर को आरएसएस का भी करीबी माना जाता है. 

प्रवेश वर्मा

Latest and Breaking News on NDTV

मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदारों में प्रवेश वर्मा का भी शामिल है.वो नई दिल्ली विधानसभा सीट से विधायक चुने गए हैं. इस सीट पर उन्होंने आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को मात दी है. यह दिल्ली में बीजेपी की सबसे हाई प्रोफाइल जीत है. दिल्ली में इस सीट से एक मिथक जुड़ा हुआ है. वह यह है कि इस सीट से जीतने वाली पार्टी और विधायक ही दिल्ली का मुख्यमंत्री बनता है. यह बात उस वक्त से सही साबित हो रही है, जब 1993 में बीजेपी ने यह सीट जीती थी. उस समय यह इलाका गोल मार्किट विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा होता था. उस साल भी बीजेपी ने दिल्ली में सरकार बनाई थी. वहीं उसके बाद तीन बार यहां से शीला दीक्षित कांग्रेस के टिकट पर विधायक बनीं. वो तीनों ही बार मुख्यमंत्री बनीं. इसके बाद अरविंद केजरीवाल भी इस सीट से 2013, 2015 और 2020 में आम आदमी पार्टी के विधायक चुने गए और मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे. प्रवेश वर्मा के पिता साहिब सिंह वर्मा दिल्ली के मुख्यमंत्री थे. 

यह भी पढ़ें :-  मैं हताश और डरी हुई हूं... कोलकाता रेप कांड पर राष्ट्रपति मुर्मू बोलीं- सभ्य समाज बेटियों पर ऐसे अत्याचारों की नहीं देता मंजूरी

सतीश उपाध्याय

Latest and Breaking News on NDTV

सतीश उपाध्याय दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं. लेकिन उनके कार्यकाल में बीजेपी को दिल्ली में करारी हार का सामना करना पड़ा था.ब्राह्मण समाज से आने वाले सतीश उपाध्याय दिल्ली की मालवीय नगर सीट से विधायक चुने गए हैं. उन्होंने आम आदमी पार्टी के कद्दावर नेता सोमनाथ भारती को दो हजार से अधिक वोटों के अंतर से हराया है. 

विजेंदर गुप्ता

Latest and Breaking News on NDTV

दिल्ली की रोहणी सीट से तीसरी बार विधायक चुने गए विजेंद्र गुप्ता को मुख्यमंत्री पद का प्रमुख दावेदार बताया जा रहा है. गुप्ता दिल्ली बीजेपी का अध्यक्ष रह चुके हैं. दिल्ली विधानसभा में जब बीजेपी के केवल तीन विधायक थे, तब भी गुप्ता मजबूती से सरकार से लड़ाई लड़ते हुए नजर आ रहे थे. वो विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रह चुके हैं.वो दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ का उपाध्यक्ष रह चुके हैं.उनके पास पार्टी में काम करने का जमीनी स्तर का अनुभव है. यह बात उनके पक्ष में जा सकती हैं. 

शिखा राय

दिल्ली के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने की दौड़ में शामिल दो महिलाओं में से एक नाम शिखा राय का है.वो ग्रेटर कैलाश सीट से विधायक चुनी गई है.वहां उन्होंने आम आदमी पार्टी के कद्दावर नेता और दिल्ली के कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज को मात दी है. राय दो बार की एमसीडी पार्षद हैं.राय ने यह जीत प्रचार के लिए बहुत कम समय मिलने के बाद भी यह जीत हासिल की है. उनके टिकट की घोषणा नामांकन की अंतिम तारीख से एक दिन पहले हुई थी. राय वकालत करते हुए राजनीति में आई हैं. वो दिल्ली प्रदेश बीजेपी की उपाध्यक्ष और महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष रह चुकी हैं.

जितेंद्र महाजन

जितेंद्र महाजन रोहताश नगर विधानसभा सीट से तीसरी बार विधायक चुने गए हैं. ब्राह्मण समाज से आने वाले महाजन आरएसएस, एबीवीपी से होते हुए बीजेपी में आए हैं. वो 2013, 2020 और 2025 के चुनाव में विधायक चुने गए. 2015 का चुनाव वो आम आदमी पार्टी की सरिता सिंह से हार गए थे. महाजन की छवि एक साफ सुथरी छवि वाले नेता की है. आज जब हर छोटा-बड़ा नेता लग्जरी गाड़ियों से चलते हैं, वैसे समय में महाजन को अपने क्षेत्र में स्कूटी से घूमते हुए देखा जा सकता है. साफ छवि, सादगी और आरएसएस से करीबी उनके पक्ष में जा सकती है. 

यह भी पढ़ें :-  मुझ पर कम्युनल का लेबल लगे तो लगे, ढोंगी सेक्युलरिज्म वालों के पापों को मैं खोलकर रखूंगाः PM मोदी

राजकुमार भाटिया

आदर्श नगर सीट से विधायक चुने गए राजकुमार भाटिया भी मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में से एक है.वो दिल्ली बीजेपी के उपाध्यक्ष हैं. उनकी आरएसएस से लेकर संगठन तक में मजबूत पकड़ है. चुनाव में भाटिया ने झुग्गी-झोपड़ी वालों के बीच सक्रिय अभियान चलाया था. वो एबीवीपी होते हुए बीजेपी में आए हैं. 

कैलाश गंगवाल

कैलाश गंगवाल मादीपुर सुरक्षित सीट से चुनाव जीतकर विधायक बने हैं. वो पहली बार विधायक बने हैं. बीजेपी अगर किसी दलित पर दांव लगाती है तो गंगवाल उसकी पसंद हो सकते हैं. बीजेपी इस चुनाव में भी आरक्षित सीटों पर पिछड़ गई है. वह 12 में से केवल चार सीटें ही जीत पाई है. 

ये भी पढ़ें: महाकुंभ के बेहतरीन प्रबंधन से ‘सिंहस्थ’ के लिए सीखा… विपक्ष के ‘मृत्युकुंभ’ वाले बयान पर CM यादव का पलटवार


Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button