कोचिंग हादसा: SUV वाले का कितना कसूर! कार का ड्राइवर कौन, क्यों जिम्मेदार ठहराना सही?
नई दिल्ली:
राजेंद्र नगर में राव इंस्टीट्यूट के बेसमेंट में हुए हादसे का असल दोषी कौन है? आखिर, यूपीएससी की तैयारी कर रहे उन 3 छात्रों की मौत का जिम्मेदार कौन है? एसयूवी का मालिक, जिसके राव इंस्टीट्यूट के सामने से गुजरने पर पानी बेसमेंट में घुसा, वो कितना कसूरवार? ये कुछ ऐसे सवाल हैं, जिनका जवाब मिलना चाहिए. पुलिस ने इस मामले में अभी तक 7 लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें एसयूवी का मालिक भी शामिल है.
अब तक कितने गिरफ्तार…?
कोचिंग हादसे के मामले में एक एसयूपी के मालिक और ‘बेसमेंट’ के चार सह मालिकों सहित पांच और लोगों को गिरफ्तार किया है. इसी के साथ इस मामले में अब तक गिरफ्तार किए गए लोगों की संख्या बढ़कर सात हो गई है. पांचों आरोपियों में तेजिंदर सिंह, परविंदर सिंह, हरविंदर सिंह और सरबजीत सिंह, ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित कोचिंग सेंटर के बेसमेंट के चार सह-मालिक हैं. वहीं, कार ड्राइवर मनुज कथूरिया हैं. इन्हें 12 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
SUV वाला ड्राइवर कौन
आरोपी SUV वाले ड्राइवर का नाम मनुज कथूरिया है. कथूरिया शनिवार को अपनी स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल (एसयूवी) से उस सड़क पर गुजरे, जहां बारिश का पानी भरा था. कार गुजरने बाद पानी के दबाव से तीन मंजिला इमारत के गेट टूट गए और बेसमेंट में पानी भर गया. एसयूवी को जब्त कर लिया गया है. पुलिस ने बताया कि कार बारिश के पानी में चल रही थी, जिसके कारण पानी का बहाव बढ़ गया और ‘बेसमेंट’ का दरवाजा टूट गया. अधिकारी ने कहा कि पुलिस इस घटना के लिए जिम्मेदार सभी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है.
SUV ड्राइवर को क्यों जिम्मेदार ठहराना सही है?
कई लोग ये सवाल उठा रहे हैं कि आखिर एसयूपी मालिक को क्यों गिरफ्तार किया गया है? वह कार सवार तो वहां से गुजर रहा था… और कहीं से गुजरना तो अपराध नहीं है. आखिर, क्योंकि एसयूवी ड्राइवर को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. दरअसल, कुछ लोगों का कहना है कि कार ड्राइवर काफी तेज गति से गुजरा था. वहां, काफी पानी भरा हुआ था, लेकिन इसके बावजूद कार की स्पीड ज्यादा थी. इस कार ड्राइवर को कुछ लोगों ने धीरे जाने की सलाह भी दी थी, लेकिन उन्होंने इसे नजरअंदाज किया. कार राव इंस्टीट्यूटी के सामने से जिस गति से निकली, उससे पानी का दबाव इतना बड़ा कि संस्थान का दरवाजा टूट गया और हादसा हो गया. अगर कार की गति ज्यादा नहीं होती, तो शायद हादसा टल सकता था.
क्या MCD नहीं जिम्मेदार…
सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिनमें नजर आ रहा है कि राव इंस्टीट्यूट के सामने लोगों की कमर तक यानि लगभग 3 फीट तक पानी भरा हुआ था. आखिरी, सेंटर दिल्ली के किसी इलाके में इतना पानी भरना चाहिए? पानी की निकासी का अगर उचित इंतजाम होता, तो शायद पानी इतना जमा नहीं होता. पानी की निकासी उचित तरीके से तभी है, जब नालों की अच्छी तरह से सफाई की जा सके. लेकिन शायद एमसीडी ने यहां ऐसा नहीं किया था, इसलिए बारिश होने पर पानी इतनी मात्रा में जमा हो गया.
(भाषा इनपुट के साथ…)
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