देश

हरियाणा में फिसड्डी साबित हुई आम आम आदमी, कहां हुई चूक


नई दिल्ली:

Haryana assembly election results: दिल्ली की सत्ता में 2013 से काबिज आम आदमी पार्टी (Aam Admi Party) ने पंजाब में चुनाव जीतकर सरकार बनाई. इसके बाद से पार्टी ने कई चुनाव लड़े और राष्ट्रीय स्तर की पार्टी बन गई. लेकिन इस बार हरियाणा के चुनाव में पार्टी ने कांग्रेस पार्टी से गठबंधन को लेकर काफी प्रयास किया जो कामयाब नहीं हुआ. सीटों के बंटवारे को लेकर बात नहीं बनी और पार्टी ने अकेले सभी सीटों पर प्रत्याशी उतार दिए. दोनों दलों में कई दौर की बातचीत हुई लेकिन यह बातचीत जमीन पर उतर नहीं सकी. इंडी अलायंस के इन दो पार्टनर के अलावा समाजवादी पार्टी भी यहां पर दो सीटों पर दावा कर रही थी, लेकिन कांग्रेस पार्टी से बात नहीं बन पाई. बताया गया कि कांग्रेस पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेता आम आदमी पार्टी से गठबंधन के पक्ष में नहीं थे.  हरियाणा चुनाव के परिणाम और रुझान यह बता रहे हैं कि दोनों दलों को गठबंधन न होने का नुकसान होता दिख रहा है. 

अरविंद केजरीवाल का चुनाव प्रचार, नहीं पड़ा असर

आज चुनाव परिणाम का दिन है और सुबह से वोटों की गिनती जारी है. ऐसे में पार्टी को कहीं भी एक भी सीट मिलती नहीं दिख रही है. रुझानों से साफ हो रहा है कि पार्टी को राज्य के लोगों ने अपना मत नहीं दिया है. पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के अपने राज्य में पार्टी की इतनी बुरी स्थिति से पार्टी में उनकी स्थिति पर क्या कुछ असर होगा ऐसा तो दिखता नहीं है. लेकिन पार्टी के जनता के बीच बढ़ती पकड़ कम होने के संकेत जरूर मिलने लगे हैं. हरियाणा की 90 सीटों में से एक में भी आम आदमी पार्टी रुझानों तक में एक भी सीट पर आगे नहीं आ पाई. इससे साफ है कि पार्टी को राज्य के लोगों ने पूरी तरह से नकार दिया है. 

यह भी पढ़ें :-  केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ IPL मैच के दौरान नारेबाजी, AAP की छात्र इकाई के आधा दर्जन कार्यकर्ता हिरासत में

कांग्रेस पार्टी मजबूत हुई

यह भी साफ दिखाई पड़ रहा है कि कांग्रेस पार्टी जहां जहां मजबूत होती जा रही है वहां पर आम आदमी पार्टी का ग्राफ नीचे आता जा रहा है. अपने जन्म के साथ ही आम आदमी पार्टी ने ज्यादातर कांग्रेस पार्टी को ही सीधे नुकसान पहुंचाया है. एक बात और जो साफ नजर आ रही है कि मुस्लिम वोटों का रुझान कांग्रेस पार्टी की ओर फिर से जाता दिख रहा है. अब यह बात आम आदमी पार्टी के लिए सबसे चिंता का कारण होगा. 

दिल्ली में क्या होगा असर

अगले साल के आरंभ में यानी कुछ ही महीनों में दिल्ली विधानसभा के चुनाव होने हैं ऐसे में आम आदमी पार्टी के लिए इस प्रकार के नकारात्मक परिणाम पार्टी के कार्यकर्ताओं के जोश को कम जरूर करेंगे. ऐसे में दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल पहले ही पद छोड़कर चुनाव के लिए पूरी तरह से कमर कस चुके हैं. दिल्ली चुनाव से पहले हरियाणा चुनाव के परिणाम इशारा कर रहे हैं कि आने वाले दिनों में आम आदमी पार्टी और उनके नेताओं के लिए काफी मेहनत भरे होने वाले हैं. 



Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button