कांग्रेस और ‘इंडिया’ गठबंधन के घटक दलों का चुनाव प्रक्रिया को कमजोर करने का प्रयास : BJP
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रविवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस एवं ‘इंडिया’ गठबंधन के अन्य घटक दल और कुछ नागरिक समाज समूह भारत की चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं. साथ ही भाजपा ने निर्वाचन आयोग से चार जून को लोकसभा चुनाव की मतगणना के दौरान हिंसा और अशांति के किसी भी प्रयास को रोकने का आग्रह किया. केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और पीयूष गोयल सहित भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने निर्वाचन आयोग से इस प्रक्रिया की विश्वसनीयता को कमजोर करने के लिए किए जा रहे ‘व्यवस्थित प्रयासों’ का संज्ञान लेने और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू करने का आग्रह किया.
प्रतिनिधिमंडल ने इस संबंध में निर्वाचन आयोग को एक ज्ञापन सौंपा. गोयल ने निर्वाचन आयोग के अधिकारियों से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘कुछ राजनीतिक दलों के एक वर्ग जैसे कांग्रेस और ‘इंडिया’ गठबंधन के उसके सहयोगियों तथा कुछ प्रेरित नागरिक समाज समूहों और गैर सरकारी संगठनों द्वारा भारत की चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता को कमजोर करने के लिए अपने स्तर पर पूरी कोशिश करने के बार-बार प्रयासों के मद्देनजर हमें आज निर्वाचन आयोग से मुलाकात करनी पड़ी.’
गोयल ने कहा कि भारत की ‘बहुत मजबूत’ चुनावी प्रक्रिया के खिलाफ उनके प्रयास देश की लोकतांत्रिक संस्थाओं पर सीधा हमला हैं और सार्वजनिक व्यवस्था तथा चुनावी प्रणाली में विश्वास के लिए खतरा पैदा करते हैं.
भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने निर्वाचन आयोग से आग्रह किया कि वह मतगणना के दौरान ‘हिंसा या अशांति के किसी भी प्रयास’ को रोकने के लिए निगरानी और सुरक्षा उपायों को बढ़ाए. इससे पहले दिन में विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने निर्वाचन आयोग की पूर्ण पीठ से मुलाकात की और चार जून को लोकसभा चुनाव की मतगणना के दौरान सभी दिशानिर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने का आग्रह किया.
इन दिशानिर्देशों में, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के नतीजों से पहले डाक मत पत्रों के परिणामों की घोषणा करना भी शामिल है. आयोग से मुलाकात करने वाले नेताओं में कांग्रेस नेता अभिषेक सिंघवी भी शामिल थे.
केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा, ‘मुझे लगता है कि 2014 और 2019 में भारत के लोगों द्वारा दिए गए जनादेश और चार जून को होने वाले 2024 के आम चुनावों के संभावित जनादेश ने विपक्षी दलों और कुछ गैर-सरकारी संगठनों, तथाकथित नागरिक समाज समूहों को परेशान कर दिया है, जो जनता के एक लोकप्रिय नेता को स्वीकार नहीं कर सकते हैं, जिन्होंने 1.4 अरब भारतीयों की भलाई के लिए काम किया है.’
शनिवार को आये एग्जिट पोल में अनुमान जताया गया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लगातार तीसरी बार सत्ता बरकरार रखेंगे, जबकि भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को लोकसभा चुनाव में भारी बहुमत मिलने की उम्मीद है.
कांग्रेस ने एग्जिट पोल (चुनाव बाद सर्वेक्षण) को रविवार को ‘फर्जी’ बताते हुए कहा कि यह चुनावों में धांधली को सही ठहराने के लिए ‘‘जानबूझकर किया गया प्रयास” और ‘इंडिया’ गठबंधन के कार्यकर्ताओं का मनोबल कम करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा खेले जा रहे ‘‘मनोवैज्ञानिक खेल” का हिस्सा है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एग्जिट पोल को ‘‘मोदी मीडिया पोल” बताया.
गोयल ने कहा कि भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने निर्वाचन आयोग से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि मतगणना प्रक्रिया में शामिल प्रत्येक अधिकारी इस प्रक्रिया के ‘सूक्ष्मतम विवरण’ से पूरी तरह वाकिफ हो और मतगणना के सभी प्रोटोकॉल का पूरी लगन से पालन करे ताकि किसी भी तरह का विचलन न हो.
उन्होंने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने निर्वाचन आयोग से ‘मतगणना और परिणामों की घोषणा के दौरान चुनावी प्रक्रिया की सुरक्षा सुनिश्चित करने का भी आग्रह किया, जिसमें हिंसा या अशांति के किसी भी प्रयास को रोकने के लिए निगरानी और सुरक्षा उपायों को बढ़ाना शामिल है.”
गोयल ने कहा कि भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने निर्वाचन आयोग से चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता को कमजोर करने के लिए किए जा रहे ‘व्यवस्थित प्रयासों’ का संज्ञान लेने और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा.
उन्होंने कहा, ‘हमने निर्वाचन आयोग से चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता की पुष्टि करने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बाधित करने के किसी भी प्रयास के खिलाफ चेतावनी देने वाला एक सार्वजनिक बयान जारी करने का भी आग्रह किया.’
गोयल ने एग्जिट पोल को ‘मोदी मीडिया पोल’ करार देने के लिए गांधी पर निशाना साधा और कहा कि कांग्रेस नेता ने ‘मीडिया के बारे में बहुत ही अनुचित टिप्पणी की है.”
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘मैं मीडिया पर दबाव बनाने, मीडिया को बदनाम करने और मीडिया के काम को कमतर आंकने के प्रयासों की कड़ी निंदा करता हूं.’ उन्होंने कहा कि जो लोग प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व और पिछले 10 वर्षों में उनकी सरकार के काम को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं, वे लगातार भारत की संस्थाओं, चाहे वह उच्चतम न्यायालय हो, विभिन्न नियामक संस्थाएं हों या निर्वाचन आयोग, को कमजोर करने के लिए एक ‘टूलकिट’ लेकर आ रहे हैं.
उन्होंने आरोप लगाया, ‘टूलकिट अब 28 मई के ‘दिल्ली प्रस्ताव’ के साथ सामने आया है, हम नहीं जानते कि इस ‘दिल्ली प्रस्ताव’ के पीछे कौन सी पार्टियां और लोग हैं, कोई हस्ताक्षरकर्ता नहीं है, कोई नाम नहीं है लेकिन कुछ राजनीतिक दल अब भारत के लोकतंत्र को कमजोर करने के ऐसे प्रयासों का समर्थन करते हैं.’
गोयल ने कहा, ‘यह नागरिक समाज की आड़ में कुछ निकायों द्वारा किया जाने वाला एक प्रयास है, जो अक्सर विपक्ष के लिए मोर्चाबंदी करते हैं. उन्होंने कहा, ‘भाजपा और राजग विपक्षी दलों और कुछ नागरिक समाज समूहों द्वारा किए जाने वाले ऐसे प्रयासों की कड़ी निंदा करते हैं.’
भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि भारतीयों को ‘अत्यंत गर्व’ है कि पिछले 30 वर्षों से देश में एक बेदाग ‘ट्रैक रिकॉर्ड’ रहा है जिसमें चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से होते रहे हैं.
उन्होंने कहा कि आज दुनिया भारत की चुनाव प्रणाली को सबसे मजबूत, पारदर्शी और उच्च-निष्ठा वाली चुनाव प्रणालियों में से एक के रूप में देखती है. गोयल ने कहा, ‘हम कांग्रेस और ‘टूलकिट’ और उनके सहयोगियों की कड़ी निंदा करते हैं जो भारत के हितों के खिलाफ काम कर रहे हैं और भारत की विश्वसनीयता और दुनिया भर में भारत की लोकतंत्र की समृद्ध परंपरा को नुकसान पहुंचा रहे हैं. हमें अपनी चुनावी प्रक्रिया पर गर्व है.’
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