कांग्रेस ने संसद के भीतर मूर्तियों के स्थानांतरण को लेकर सरकार की आलोचना की, 'एकतरफा' कदम बताया

नई दिल्ली:
कांग्रेस ने रविवार को दावा किया कि संसद परिसर के भीतर स्थित मूर्तियों को स्थानांतरित करने का निर्णय सरकार द्वारा “एकतरफा” लिया गया और इसका एकमात्र उद्देश्य लोकतांत्रिक विरोध के पारंपरिक स्थल रहीं महात्मा गांधी और बी.आर. आंबेडकर की मूर्तियों को संसद भवन के ठीक बगल में नहीं रखना है.
विपक्षी पार्टी का यह हमला उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ द्वारा ‘प्रेरणा स्थल’ का उद्घाटन करने से पहले आया है. ‘प्रेरणा स्थल’ में स्वतंत्रता सेनानियों और अन्य नेताओं की सभी मूर्तियां रखी जाएंगी, जिन्हें पहले संसद परिसर में विभिन्न स्थानों पर रखा गया था.
कांग्रेस ने जहां मूर्तियों को उनके मौजूदा स्थान से हटाने के निर्णय की आलोचना की है, वहीं लोकसभा सचिवालय ने कहा है कि विभिन्न स्थानों पर उनकी स्थापना के कारण आगंतुकों के लिए उन्हें ठीक से देखना मुश्किल हो रहा है.
My statement on relocation of statues of major leaders in the Parliament House Complex —
1. The statues of many great leaders, including Mahatma Gandhi and Dr. Babasaheb Ambedkar, have been removed from their prominent places in the Parliament House Complex and relocated to a…
— Mallikarjun Kharge (@kharge) June 16, 2024
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि लोकसभा की वेबसाइट के अनुसार, चित्र और प्रतिमाओं पर संसद की समिति की आखिरी बैठक 18 दिसंबर, 2018 को हुई थी और 17वीं लोकसभा (2019-2024) के दौरान इसका पुनर्गठन भी नहीं किया गया, जो पहली बार उपसभापति के संवैधानिक पद के बिना काम कर रही थी.
उन्होंने कहा, “आज संसद परिसर में मूर्तियों के बड़े पुनर्संयोजन का उद्घाटन किया जा रहा है. स्पष्ट रूप से यह सत्तारूढ़ सरकार द्वारा एकतरफा लिया गया निर्णय है.”
रमेश ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “इसका एकमात्र उद्देश्य महात्मा गांधी और डॉ. आंबेडकर की प्रतिमाओं को संसद भवन के ठीक बगल में स्थापित न करना है – जो शांतिपूर्ण, वैध और लोकतांत्रिक विरोध के पारंपरिक स्थल हैं.” उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी की प्रतिमा को न केवल एक बार बल्कि दो बार हटाया गया है.
रमेश ने कहा कि संसद परिसर में आंबेडकर जयंती समारोह का उतना बड़ा और उतना महत्व नहीं होगा, क्योंकि अब उनकी प्रतिमा वहां विशिष्ट स्थान पर नहीं है. लोकसभा सचिवालय ने कहा है कि ‘प्रेरणा स्थल’ का निर्माण इसलिए किया गया है ताकि संसद भवन परिसर में आने वाले गणमान्य व्यक्ति और अन्य आगंतुक एक ही स्थान पर इन प्रतिमाओं को आसानी से देख सकें और उन पर श्रद्धांजलि अर्पित कर सकें.
उसने कहा, “इन महान भारतीयों की जीवन गाथाओं और संदेशों को नई प्रौद्योगिकी के माध्यम से आगंतुकों तक पहुंचाने के लिए एक कार्य योजना बनाई गई है.” कांग्रेस ने दावा किया है कि महात्मा गांधी, बी.आर. आंबेडकर और छत्रपति शिवाजी सहित अन्य की मूर्तियों को स्थानांतरित करने के पीछे का विचार यह सुनिश्चित करना है कि वे किसी प्रमुख स्थान पर न हों, जहां सांसद शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक विरोध प्रदर्शन कर सकें.
(इस खबर को The Hindkeshariटीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)