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"कांग्रेस को काले धन की फंडिंग की आदत हो गई है" : चुनावी बॉन्ड पर The Hindkeshariसे बोले पीयूष गोयल

मुंबई:

महाराष्ट्र में इस बार राजनीतिक समीकरण बिल्कुल बदल गए हैं. शिवसेना और एनसीपी के दो टुकड़े होने के बाद दोनों गुट अलग-अलग गठबंधन में बीजेपी और कांग्रेस के साथ हैं. मुंबई नार्थ लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बड़े बहुमत का दावा करते हुए चुनावी बॉन्ड के मुद्दे पर विपक्ष पर पलटवार किया. उन्होंने The Hindkeshariसे कहा कि चुनावी बॉन्ड का मुद्दा आम चुनाव में प्रमुख मुद्दों में शामिल ही नहीं है.

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लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) से पहले चुनावी बॉन्ड पर प्रतिबंध लगाने वाले सुप्रीम कोर्ट के बड़े फैसले के बारे में पूछे जाने पर पीयूष गोयल ने कहा, ”कोई नहीं पूछ रहा है.” उन्होंने कहा कि विपक्ष बॉन्ड को लेकर परेशान है, क्योंकि इससे पार्टी फंड से मिलने वाले उनके व्यक्तिगत लाभ में हस्तक्षेप होता है.

सुप्रीम कोर्ट ने 16 फरवरी को चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द कर दिया था. अदालत ने कॉर्पोरेट दान के माध्यम से अघोषित फंडिंग पर आपत्ति जताई थी और कहा था कि मतदाताओं को ये जानने का अधिकार है कि राजनीतिक दलों को कौन फंड कर रहा है. भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, ऐसा इसलिए है क्योंकि राजनीतिक योगदानकर्ताओं को पहुंच मिलती है, जिससे नीति निर्माण होता है. मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने कहा, “राजनीतिक दलों को वित्तीय सहायता से बदले की लाभ पहुंचाने की व्यवस्था हो सकती है.”

पियूष गोयल ने The Hindkeshariको बताया, “चुनावी फंडिंग में अधिक पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए बॉन्ड लाए गए थे. मुझे लगता है कि कांग्रेस फंडिंग में काले धन की इतनी आदी हो गई है कि वे बहुत निराश या असहज थे, क्योंकि हम ये सुनिश्चित कर रहे थे कि हर कोई एक बैंक खाते, एक औपचारिक प्रणाली के माध्यम से पैसा दे और फिर पैसा कांग्रेस के बैंक खाते में चला जाए.”

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उन्होंने कहा, “मेरी भावना ये है कि इनमें से कई विपक्षी दल औपचारिक फंडिंग हासिल करने की इच्छा नहीं रखते हैं. वे नकद फंडिंग चाहते हैं. इसमें से बहुत कुछ वे निकाल रहे होंगे. भगवान जानता है कि वे क्या कर रहे हैं. क्या वे इसका उपयोग पार्टी के लिए या चुनावी लाभ के लिए कर रहे हैं.”

2018 में चुनावी बॉन्ड लाए जाने के बाद से भाजपा को सबसे ज्यादा 6,986.5 करोड़ रुपये मिले. वहीं तृणमूल कांग्रेस दूसरे नंबर पर रही जिसे 1,397 करोड़ रुपये मिले. कांग्रेस को इससे 1,334 करोड़ रुपये दान में मिले. वहीं बीआरएस को 1,322 करोड़ और ओडिशा की सत्ताधारी पार्टी बीजेडी को ₹944.5 करोड़ रुपये प्राप्त हुए.

बीजेपी नेता ने कहा कि महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे या शरद पवार के साथ जनता की सहानुभूति नहीं होगी. क्योंकि उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस से हाथ मिलाकर बाल ठाकरे के आदर्शों को धोखा दिया है.

उन्होंने कहा, “आम तौर पर किसी को उस व्यक्ति के प्रति सहानुभूति होती है, जिसके साथ अन्याय हुआ है. अगर महाराष्ट्र में किसी के साथ अन्याय हुआ है, तो वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं. अगर उद्धव ठाकरे के कार्यों से किसी के साथ अन्याय हुआ है, तो वो देवेंद्र फड़नवीस हैं. इसीलिए पीएम मोदी, फडनवीस और भाजपा के प्रति लोगों की सहानुभूति होगी.”

 

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