कांग्रेस खुद तो डूबती ही है, दूसरों को भी डुबाती है… दिल्ली जीत के बाद पीएम मोदी ने इंडी गठबंधन को दिया संदेश
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दिल्ली चुनाव में मिली जीत के बाद बीजेपी मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. इस अवसर पर उन्होंने दिल्ली वालों को विकास की गारंटी तो दी ही, साथ ही आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. कांग्रेस पर तंज कसते हुए पीएम मोदी ने कहा कि दिल्ली के चुनाव में कांग्रेस ने जीरो की डबल हैट्रिक लगाई है. देश की राजधानी में देश की सबसे पुरानी पार्टी का 6 बार से खाता तक नहीं खुल रहा और ये लोग खुद को पराजय का गोल्ड मेडल देते फिर रहे हैं.
“सहयोगियों के वोट बैंक पर नजर”
पीएम मोदी ने कहा कि सच्चाई ये है कि कांग्रेस पर देश बिल्कुल भरोसा करने को तैयार नहीं है. पिछली बार मैंने कहा था कि कांग्रेस एक परजीवी पार्टी बन चुकी है. खुद तो डूबती ही है, दूसरों को भी डुबाती है. कांग्रेस एक के बाद एक अपने सहयोगियों को खत्म कर रही है. इनका तरीका भी मजेदार है. आज की कांग्रेस अपने सहयोगियों की जो भाषा है, जो उनका एजेंडा है, उसी को चुराने में लगी है. उनके मुद्दे चुराती है और फिर उनके वोट बैंक में सेंध लगाती है. यूपी में कांग्रेस उस वोट बैंक को छीनने की कोशिश कर रही है, जिस पर समाजवादी पार्टी और बीएसपी अपना हक समझते थे. मुलायम सिंह जी इसको बराबर समझ गए थे. इसी तरह तमिलनाडु में कांग्रेस आज डीएमके की भाषा डबल जोर से बोलती है. उनको डीएमके के वोटर को लुभाकर खुद की हैसियत बनानी है. बिहार में भी ये कांग्रेस ही है, जो जातिवाद का जहर फैलाकर अपनी सहयोगी आरजेडी की जमीन खाने में लग गई है. ठीक ऐसा ही हाल जम्मू कश्मीर, बंगाल में भी कांग्रेस ने अपने सहयोगियों का किया है. अब आज दिल्ली में भी साफ हो गया है कि जो भी एक बार कांग्रेस का हाथ थामता है, उसका बंटाधार होना तय हो जाता है.
आज दिल्ली में भी ये साफ हो गया कि जो भी कांग्रेस का हाथ एक बार थामता है, उसका बंटाधार होना तय है। pic.twitter.com/M9lMwsNWc3
— Narendra Modi (@narendramodi) February 8, 2025
“आप-दा को बचा नहीं पाए”
प्रधानमंत्री ने कहा, “2014 के बाद पांच साल तक इन्होंने हिंदू बनने की कोशिश की. मंदिरों में जाना, माला पहनना, पूजा करना, भांति-भांति की कोशिश की. उनको लगा ये करेंगे तो बीजेपी के वोट बैंक में हम सेंध मारकर कुछ ले आएंगे, मगर दाल गली नहीं. तो आपने देखा होगा कि पिछले कुछ वर्षों से उन्होंने वो रास्ता बंद कर दिया. उन्होंने माना कि ये भाजपा का क्षेत्र है, उसमें पैर नहीं डाल सकते. अब जाएं तो जाएं कहां. तो राज्यों की जो पार्टियां अलग-अलग मुद्दों पर जो अपनी पार्टी चला रही हैं, अब उनकी नजरें उन पर है. वो भी समझ गए होंगे, पर बोलते नहीं होंगे कि वो उनको ही खा रहे हैं. इंडी गठबंधन के दल कांग्रेस का ये कैरेक्टर समझने लगे हैं. इंडी गठबंधन के दलों को ये एहसास हो रहा है कि जिस वोट बैंक को हमने कांग्रेस से छीना, अब कांग्रेस उस वोट बैंक को वापस पाने में जुटी है. इसलिए दिल्ली में हमने देखा इंडी के दलों ने ही एकजुट होकर कांग्रेस को रोकने अपने वोट बैंक को रोकने की कोशिश की. वो कांग्रेस को तो रोकने में तो सफल रहे पर आप-दा को बचाने में सफल नहीं हुए. आज कांग्रेस वो कांग्रेस नहीं, जो आजादी के आंदोलन तक थी, जो आजादी के कुछ दशकों तक थी, आज कांग्रेस अर्बन नक्सलियों की राजनीति कर रही है. कांग्रेस के नेता जब कहते हैं कि वो भारत से लड़ रहे हैं, तो ये नक्सलियों की भाषा हैं. ये समाज में देश में अराजकता लाने की भाषा है.
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