कांग्रेस के घोषणापत्र में पांच न्याय, आरक्षण की सीमा 50% से ज्यादा बढ़ाने समेत कई वादे, 10 प्रमुख बातें
नई दिल्ली :
Congress Manifesto: कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए शुक्रवार को अपना घोषणापत्र जारी किया जो पांच ‘न्याय’ और 25 ‘गारंटी’ पर आधारित है. पार्टी ने इसे ‘न्याय पत्र’ नाम दिया है. कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी की मौजूदगी में घोषणापत्र जारी किया गया.
मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :
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घोषणापत्र जारी करने के अवसर पर कांग्रेस के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल, महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा, पार्टी की घोषणा पत्र समिति के प्रमुख और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और कई अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे. पार्टी ने वादा किया कि देश में उसकी सरकार बनने पर वह जाति आधारित जनगणना कराएगी और आरक्षण की अधिकतम सीमा को बढ़ा कर 50 प्रतिशत से ज्यादा करेगी.
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कांग्रेस ने यह भी कहा है कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को मिलने वाले 10 प्रतिशत आरक्षण को वह सभी वर्गों के गरीबों के लिए बिना भेदभाव के लागू करेगी. घोषणा पत्र में कांग्रेस ने यह भी कहा है कि सरकार में आने के बाद वह नई शिक्षा नीति को लेकर राज्य सरकारों के साथ परामर्श करेगी और इसमें संशोधन करें करेगी.
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कांग्रेस ने कहा कि ‘पिछले 10 वर्षों में हुए भ्रष्टाचार’ के मामलों की जांच कराई जाएगी. कांग्रेस ने वादा किया कि वह ऊपरी अदालतों में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए उच्चतम न्यायालय के साथ विचार विमर्श कर राष्ट्रीय न्यायिक आयोग का गठन करेगी.
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कांग्रेस द्वारा लोकसभा चुनाव, 2024 के लिए ‘न्याय पत्र’ जारी किया गया. इस अवसर पर मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि हमारा ये न्याय पत्र देश की राजनीति के इतिहास में न्याय के दस्तावेज के रूप में याद किया जाएगा. राहुल गांधी ने नेतृत्व में चली ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ में 5 पिलर पर केंद्रित है, इन पिलर में से 25 गारंटी निकलती है.
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कांग्रेस का घोषणापत्र पार्टी के पांच न्याय– ‘हिस्सेदारी न्याय’, ‘किसान न्याय’, ‘नारी न्याय’, ‘श्रमिक न्याय’ और ‘युवा न्याय’ पर आधारित है. पार्टी ने ‘युवा न्याय’ के तहत जिन पांच गारंटी की बात की है, उनमें 30 लाख सरकारी नौकरियां देने और युवाओं को एक साल के लिए प्रशिक्षुता कार्यक्रम के तहत एक लाख रुपये देने का वादा शामिल है.
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पार्टी ने ‘हिस्सेदारी न्याय’ के तहत जाति जनगणना कराने की ‘गारंटी’ दी है. साथ ही संवैधानिक संशोधन द्वारा 50% सीमा हटाकर SC/ST/OBC को आरक्षण का पूरा हक, SC/ST सब प्लान की कानूनी गारंटी – जितनी SC/ST जनसंख्या, उतना बजट; यानी ज़्यादा हिस्सेदारी, ज़मीन का क़ानूनी हक़- वन अधिकार क़ानून वाले पट्टों का 1 साल में फैसला, अपनी धरती, कांग्रेस उन बस्तियों को अनुसूचित क्षेत्रों में अधिसूचित करेगी जहां आदिवासी सबसे बड़ा सामाजिक समूह हैं आदि शामिल हैं.
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उसने ‘किसान न्याय’ के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी दर्जा, कर्ज माफी आयोग के गठन तथा जीएसटी मुक्त खेती का वादा किया है.
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‘श्रमिक न्याय’ के तहत मजदूरों को स्वास्थ्य का अधिकार देने, न्यूनतम मजूदरी 400 रुपये प्रतिदिन सुनिश्चित करने, असंगठित मजदूरों के लिए जीवन और दुर्घटना बीमा, मुख्य सरकारी कार्यों में कांट्रैक्ट सिस्टम मजदूरी बंद और शहरी रोजगार गारंटी का वादा किया गया है.
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कांग्रेस ने ‘नारी न्याय’ के अंतर्गत ‘महालक्ष्मी’ गारंटी के तहत गरीब परिवारों की महिलाओं को एक-एक लाख रुपये प्रति वर्ष देने, केंद्र सरकार की नई नौकरियों में 50% महिला आरक्षण, आशा, मिड डे मील और आंगनवाड़ी वर्कर्स को ज़्यादा सैलरी, दोगुने सरकारी योगदान, महिलाओं को कानूनी हक़ और सरकारी योजनाओं की जानकारी देने वाली एक अधिकार-सहेली, हर पंचायत में, कामकाजी महिलाओं के लिए दोगुने होस्टल देने का वादा किया है.
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कांग्रेस ने घोषणापत्र में कहा कि लोगों से अपील है कि वे धर्म, भाषा, जाति से परे देखें और बुद्धिमानी से चुनें तथा लोकतांत्रिक सरकार स्थापित करें. साथ ही कहा कि सार्वभौमिक स्वास्थ्य देखभाल के लिए 25 लाख रुपये तक के कैशलेस बीमा का राजस्थान मॉडल अपनाया जाएगा.