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‘इंडिया’ गठबंधन के मतभेद सुलझाने के लिए कांग्रेस को आगे आना चाहिए: विपक्षी दलों के नेता

शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी इस बात से सहमत थीं कि सीट-बंटवारे की बातचीत में देरी हुई है, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि चीजें जल्द ही ठीक हो जाएंगी और अधिकांश राज्यों के लिए सीट आवंटन की घोषणा की जाएगी. चतुर्वेदी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘तृणमूल कांग्रेस की तरह मैं भी यही कहूंगी कि कांग्रेस को और अधिक ‘बड़ा दिल’ दिखाना होगा, यह देखते हुए कि हम अपने जीवन की लड़ाई नहीं लड़ रहे हैं, बल्कि उन लाखों और अरबों लोगों की जिंदगी की लड़ाई लड़ रहे हैं जो इस देश में मायने रखते हैं.”

महाराष्ट्र में सीट बंटवारे पर उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पूरा विश्वास है कि चीजें सुचारू रूप से आगे बढ़ेंगी.” उन्होंने कहा कि कुछ सीट को छोड़कर ज्यादातर सीट पर फैसला हो चुका है और सीट की सूची ‘जल्द ही जारी’ की जाएगी. कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेताओं के बीच सार्वजनिक विवाद के बीच चतुर्वेदी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में सीट बंटवारा नहीं हुआ है, लेकिन टीएमसी ‘इंडिया’ का हिस्सा बनी हुई है और भाजपा को हराने के लिहाज से ममता बनर्जी सबसे ‘आश्वस्त स्थिति’ में हैं.”

चतुर्वेदी ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने सीट बंटवारे को अंतिम रूप नहीं दिया है और उसके 42 सहयोगियों में से किसी को भी सीट आवंटन के बारे में कोई जानकारी नहीं है. चतुर्वेदी ने राजग में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) के दोबारा शामिल होने लेकर भी भाजपा पर कटाक्ष किया. उन्होंने पूछा, ‘‘अगर उन्हें इतना भरोसा है कि वे भारत के लोगों का विश्वास जीतने जा रहे हैं और 400 से अधिक सीट जीतेंगे, तो उस व्यक्ति के लिए लाल कालीन बिछाने की क्या जरूरत है जो ‘इंडिया’ गठबंधन का हिस्सा था.”

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टीएमसी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने राज्य में ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ निकालने के लिए कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा था कि आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के 40 सीट भी जीतने की संभावना नहीं है. ममता ने शुक्रवार को कहा था, ‘‘मैंने प्रस्ताव दिया कि कांग्रेस उन 300 सीट पर चुनाव लड़े (जहां भाजपा मुख्य विपक्ष है), लेकिन उन्होंने इस पर ध्यान देने से इनकार कर दिया. अब वे राज्य में मुस्लिम मतदाताओं को उद्वेलित करने के लिए पहुंचे हैं, मुझे संदेह है कि अगर वे 300 सीट पर चुनाव लड़े तो क्या इनमें से 40 सीट भी सुरक्षित कर पाएंगे.”

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के महासचिव डी. राजा ने रविवार को कहा कि पिछले साल पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों से उचित सबक लेने के बाद ‘इंडिया’ के घटक दलों को एक-दूसरे पर विश्वास करना चाहिए. राजा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘आगामी लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस को वाम दलों और अन्य दलों को सीट देने में अधिक उदार होना चाहिए.” रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) के एन. के. प्रेमचंद्रन ने कहा कि विपक्ष को सीट-बंटवारे की चर्चा और राज्यवार चुनावी रणनीति के मामले में अधिक गंभीर होना होगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को नेतृत्व करने के साथ-साथ चर्चा शुरू करनी होगी और कार्यक्रम, नीति और घोषणापत्र तैयार करना होगा.

उन्होंने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण समय है और लोग कांग्रेस एवं समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों की ओर देख रहे हैं. केरल के सांसद प्रेमचंद्रन ने कहा कि नीतीश कुमार गठबंधन छोड़ चुके हैं, ममता बनर्जी का रुख ‘अलग’ है और अरविंद केजरीवाल भी मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम से ‘खुश नहीं’ हैं. प्रेमचंद्रन को लगा कि नीतीश कुमार के बाहर होने से ‘इंडिया’ को फायदा होगा, क्योंकि लोग जदयू प्रमुख के ‘अवसरवादी’ व्यवहार का समर्थन नहीं करेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि बिहार के लोगों की ओर से बड़ी प्रतिक्रिया आएगी और यह अगले चुनाव में दिखाई देगी.”

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लोकसभा सांसद दानिश अली ने उम्मीद जताई कि उत्तर प्रदेश में सीट बंटवारे पर बातचीत को जल्द ही अंतिम रूप दे दिया जाएगा और गठबंधन के सहयोगी दल एकजुट रहेंगे. हाल ही में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) द्वारा निलंबित किए गए अली ने कहा, ‘‘विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ निश्चित रूप से एकजुट है और आगामी चुनावों में भाजपा के एक मजबूत विकल्प के रूप में उभरेगा.”

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को The Hindkeshariटीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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