कांग्रेस को 300 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए और कुछ क्षेत्रों को क्षेत्रीय दलों के लिए छोड़ देना चाहिए : ममता बनर्जी
कोलकाता:
विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ में सीट बंटवारे को लेकर खींचतान के बीच तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की प्रमुख ममता बनर्जी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ कुछ विशेष क्षेत्रों में लड़ाई का नेतृत्व क्षेत्रीय नेताओं द्वारा किए जाने का विचार रखा और सुझाव दिया कि कांग्रेस स्वतंत्र रूप से 300 लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ सकती है. बनर्जी ने साथ ही कहा कि वाम दल विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) के एजेंडे पर नियंत्रण स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि तृणमूल की तरह भाजपा को सीधी टक्कर कोई नहीं दे रहा है.
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कोलकाता में आयोजित सर्व-धर्म रैली को संबोधित करते हुए टीएमसी नेता ने कहा, ‘‘मैं इस बात पर जोर देती हूं कि कुछ विशेष क्षेत्रों को क्षेत्रीय दलों के लिए छोड़ दिया जाना चाहिए. वे (कांग्रेस) अकेले 300 (लोकसभा) सीट पर लड़ सकते हैं और मैं उनकी मदद करूंगी. मैं उन सीट पर चुनाव नहीं लड़ूंगी लेकिन वे अपनी बात पर अड़े हुए हैं.” कांग्रेस का स्पष्ट रूप से उल्लेख किए बिना ममता बनर्जी ने राज्य में सीट-बंटवारे को लेकर बातचीत में देरी के लिए उसकी आलोचना की. उन्होंने कहा, ‘‘मेरे पास भाजपा से मुकाबला करने और उनके खिलाफ लड़ने की ताकत और जनाधार है. लेकिन कुछ लोग सीट बंटवारे को लेकर हमारी बात नहीं सुनना चाहते. अगर आप भाजपा से नहीं लड़ना चाहते तो कम से कम उसके खाते में सीट तो मत जाने दें.”
बनर्जी ने ‘इंडिया’ गठबंधन की बैठक के एजेंडे को नियंत्रित करने की मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नीत मोर्चे की कोशिश को स्वीकार करने के प्रति अनिच्छा जताई. उन्होंने कहा, ‘‘मैंने विपक्षी दलों की बैठक में गठबंधन का नाम ‘इंडिया’ रखने का सुझाव दिया था; लेकिन जब भी मैं बैठक में शामिल होती हूं तो देखती हूं कि वाम दल इसे नियंत्रित करने की कोशिश करते हैं. यह स्वीकार्य नहीं है. मैं उन लोगों से सहमत नहीं हो सकती जिनके खिलाफ मैंने 34 साल तक संघर्ष किया.”
बनर्जी ने टिप्पणी की, ‘‘इस तरह के अपमान के बावजूद, मैंने समझौता किया और ‘इंडिया’ गठबंधन की बैठकों में हिस्सा लिया.” कांग्रेस नेता राहुल गांधी को असम में वैष्णव संत श्रीमंत शंकरदेव के जन्मस्थान पर जाने से रोके जाने का संभवत: संदर्भ देते हुए बनर्जी ने टिप्पणी की, ‘‘केवल मंदिर जाना ही पर्याप्त नहीं है.”
उन्होंने भाजपा के खिलाफ अपने सक्रिय व मुखर रुख को रेखांकित करते हुए कहा, ‘‘आज कितने नेताओं ने भाजपा से सीधे तौर पर मुकाबला किया? कोई व्यक्ति एक मंदिर में गया और सोचा कि यह पर्याप्त है, लेकिन ऐसा नहीं है. मैं एकमात्र व्यक्ति हूं जो मंदिर, गुरुद्वारा, चर्च और मस्जिद गई. मैं लंबे समय से लड़ रही हूं. जब बाबरी मस्जिद का ढांचा ढहाया गया और हिंसा हो रही थी, तब भी मैं सड़कों पर थी.”
बनर्जी की यह टिप्पणी उस वक्त आई जब वह धार्मिक सद्भाव की एक प्रतीकात्मक यात्रा निकाल रही थीं और उन्होंने एक सर्व-धर्म रैली का नेतृत्व किया. इस दौरान उन्होंने मंदिर, मस्जिद, चर्च और गुरुद्वारे जैसे विभिन्न उपासना स्थलों का दौरा किया. यह रैली अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दिन आयोजित की गई. माकपा नीत वाम मोर्चा, कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सामूहिक रूप से 28 दलों के ‘इंडिया’ गठबंधन का हिस्सा है. हालांकि, पश्चिम बंगाल में माकपा और कांग्रेस ने तृणमूल एवं भाजपा के खिलाफ गठबंधन किया है.
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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को The Hindkeshariटीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)